‘साउथ चाइना सी’ क्षेत्र में चीन का छिपकर ‘इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास’ – अमरिकन न्यूज़ चैनल का दावा

वॉशिंग्टन: साउथ चाइना सी इलाके में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करके लष्करी जुटाव करने वाले चीन ने इस समुद्री क्षेत्र में छिपकर ‘युद्धाभ्यास शुरू किया है। पिछले महीने में चीन ने इस समुद्री क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास को आवश्यक यंत्रणाओं की तैनाती करके यह युद्धाभ्यास शुरू करने की जानकारी अमरिका के न्यूज़ चैनल ने दी है। शत्रु की रडार और टेलीकम्यूनिकेशन यंत्रणाओं को नाकाम करने की क्षमता इन यंत्रणाओं में होने का दावा इस न्यूज़ चैनल ने किया है।

इस साल की शुरुआत में चीन ने साउथ चाइना सी में स्थित स्प्रार्टले द्वीप समूहों पर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए आवश्यक यंत्रणा तैनात की थी। मिसाइल और रडार की तैनाती की आड़ में चीन ने यहाँ पर इलेक्ट्रॉनिक यंत्रणा तैनात की थी। अब तक चीन ने इस यंत्रणा को कार्यान्वित नहीं किया था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से चीन ने स्पार्टले द्वीप समूहों पर तैनात की यह यंत्रणा कार्यान्वित करके इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास शुरू करने की जानकारी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के अधिकारियों ने एक न्यूज़ चैनल को दी है।

साउथ चाइना सी, छिपकर, इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास, चीन, न्यूज़ चैनल, दावा, अमरिका, समुद्री क्षेत्रअपनी लष्करी सज्जता के बारे में गोपनीयता रखने वाले चीन ने साउथ चाइना सी में इस इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास के बारे में भी गोपनीयता रखी थी, ऐसा दावा इस न्यूज़ चैनल ने किया है। इस तैनाती की वजह से चीन की साउथ चाइना सी की सज्जता में बढ़ोत्तरी हुई है, ऐसा अमरिकी न्यूज़ चैनल ने कहा है। अमरिका का रक्षा मुख्यालय ‘पेंटागन’ ने इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। चीन ने साउथ चाइना सी में इस यंत्रणा की तैनाती के बारे में पहले से ही गोपनीयता रखी थी।

अप्रैल महीने में चीन ने साउथ चाइना सी में रडार जैमिंग यंत्रणा तैनात करने की बात प्रथम सामने आई थी। इस समुद्री क्षेत्र से यात्रा करने वाले ‘ईए-१८ जी ग्रोलर’ इस अमरिकी विमान ने सबसे पहले नेटवर्क जैमिंग की शिकायत की थी। ‘ईए-१८ जी ग्रोलर’ यह विमान इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में सहाय्यक के तौर पर जापान में डेरा डाले अमरिकी विमान वाहक युद्धपोतों पर तैनात हैं। इस वजह से इस विमान के पायलट ने की शिकायत की तरफ गंभीरता से देखा जा रहा था। उसके बाद अमरिकी न्यूज़ चैनल ने इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास की जानकारी प्रसिद्ध करके चीन की सज्जता की जानकारी दी है।

इसके पहले ही चीन ने साउथ चाइना सी में विमानभेदी और मिसाइल भेदी यंत्रणा तैनात की हैं। उसीके साथ ही लड़ाकू और स्टेल्थ विमान तैनात करने की गतिविधियाँ बढाई हैं। ऐसी परिस्थिति में, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए आवश्यक यंत्रणा कार्यान्वित करके चीन साउथ चाइना सी और आसपास के समुद्री और हवाई क्षेत्र की दुश्मन की रडार और कम्युनिकेशन यंत्रणा नाकाम कर सकता है अथवा दुविधा में डाल सकता है। ऐसा हुआ तो शत्रु के लड़ाकू विमान और युद्धपोतों को लक्ष करना चीन के लिए आसान हो जाएगा, ऐसा दावा अमरिका के विश्लेषक कर रहे हैं।

साउथ चाइना सी यह समुद्री क्षेत्र व्यापारी दृष्टिकोन से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समुद्री क्षेत्र से हर साल साढ़े तीन ट्रिलियन डॉलर्स के व्यापार का परिवहन होता है। अमरिका और खाड़ी देशों के परिवहन के लिए यह सबसे बड़ा महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग माना जाता है। लेकिन चीन ने इस पूरे साउथ चाइना सी पर अपना अधिकार जताया है।

उसीके साथ ही पिछले कुछ वर्षों में चीन ने इस समुद्री क्षेत्र में १०० से अधिक छोटे बड़े कृत्रिम द्वीपों का निर्माण किया है। इसमें से २० से अधिक द्वीपों पर चीन ने अपनी लष्करी गतिविधियाँ बढाई हैं और अमरिका और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों ने चीन इस समुद्र का सैन्यकरण कर रहा है, ऐसा आरोप लगाया है। लेकिन चीन ने अमरिका के इस आरोप को ख़ारिज करके साउथ चाइना सी में अपनी कार्रवाइयां जारी रखी हैं।

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