क्रान्तिगाथा – ५

क्रान्तिगाथा – ५

एनफील्ड राइफलों में इस्तेमाल किये गये कारतूसों से ऐसा कुछ हो सकता है, यह ब्रिटिश ईस्ट इंडीया कंपनी ने सपने में भी सोचा नहीं था। इन कारतूसों को लगायी जा रही थी गाय और सूअर की चरबी। गाय को हिन्दू पवित्र मानते है और मुस्लिमों के लिए सूअर निषिद्ध है। फिर उनकी चरबी लगाये गयें […]

Read More »

क्रान्तिगाथा – ४

क्रान्तिगाथा – ४

हालात काफ़ी मुश्किल बन गये थे। अब भारत में एक भी राज्य ऐसा नहीं था, जिस पर अँग्रेज़ों का कब्ज़ा नहीं था। कुछ जगह अँग्रेज़ों का प्रत्यक्ष राज था, वहीं कुछ पर वे अप्रत्यक्ष रूप से शासन कर रहे थे। अब इन हालातों को न चाहते हुए भी जनता को स्वीकार तो करना ही पड़ […]

Read More »

क्रान्ति गाथा -३

क्रान्ति गाथा -३

उस समय भारत में कई छोटें-बड़े राज्य थे। इन राज्यों पर राज करने वालें कुछ राजाओं में आपसी मित्रता थी तो कुछ राजाओं की आपस में शत्रुता थी। व्यापारी अँग्रेज़ों का उनमें से कुछ ने स्वागत किया, वहीं कुछ राजा उनके प्रवेश के पीछे के हेतु को समझ नहीं सके। यहीं के लोगों को अपनी […]

Read More »

क्रान्ति गाथा – २

क्रान्ति गाथा – २

वेदमन्त्रों का घोष जहाँ नित्य गूँजता था, वेदों की ऋचाओं का जहाँ पाठ होता था ऐसी इस भारतभूमि में अनेक पुण्यवान, कीर्तिवान राजा हुए हैं, अनेक वीरों और योद्धाओं ने इसका गौरव बढ़ाया हैं और इसी पुण्यभूमि में भगवान ने भी बार बार अवतार लिये हैं, दुष्टों का निर्दालन करने के लिए। ऐसी हमारी यह […]

Read More »

स्वतन्त्रता यज्ञ

स्वतन्त्रता यज्ञ

जाड़ों के दिन बस अभी अभी ख़त्म हुए थे। अब धीरे धीरे गरमी बढ़नेवाली थी। हालाँकि चिलचिलाती धूप तो नहीं थी, मग़र फिर भी माहौल कुछ गरमा सा रहा था। अपनी मातृभूमि से प्रेम करनेवाले हर एक भारतीय के मन में कुछ हो तो रहा था, लेकिन प्रकट रूप में कहीं कुछ दिखायी नहीं दे […]

Read More »
1 8 9 10