तैवान पर हमला करना चीन की बड़ी गलती साबित होगी – अमरिकी विदेशमंत्री ब्लिंकन का इशारा

वॉशिंग्टन – ‘तैवान के खिलाफ चीन की बढ़ रही आक्रामकता अमरीका के गंभीर चिंता का विषय बनी है। लेकिन, अपनी रक्षा करने की क्षमता तैवान रखता है और अमरीका ने यह बात सुनिश्‍चित की है। तैवान की सुरक्षा के लिए अमरीका वचनबद्ध है। बल का प्रयोग करके पश्‍चिमी पैसिफिक की स्थिति बदलने की कोशिश करके तैवान पर हमला करना चीन की बड़ी गलती होगी’, ऐसा इशारा अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन ने दिया। चीन के युद्धपोतों ने तैवान की खाड़ी में युद्धाभ्यास करके यहां का माहौल विस्फोटक बनाया था। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के विदेशमंत्री यह इशारा देते हुए दिखाई दे रहे है।

taiwan-attack-chinaचीन का विमान वाहक ‘लिओनिंग’ युद्धपोत कुछ ही दिन पहले अपने पांच विध्वंसकों के साथ तैवान की खाड़ी में दाखिल हुआ था। इस युद्धपोत ने इस क्षेत्र में युद्धाभ्यास भी किया था। अगले दिनों में इसी क्षेत्र में ऐसे युद्धाभ्यास होते ही रहेंगे, यह ऐलान भी चीन ने किया था। इसके ज़रिये चीन ने तैवान को सख्त इशारा देने की बात सामने आयी थी। तैवान की स्वतंत्रता हमे मंजूर नही है और किसी भी क्षण चीन लष्करी कार्रवाई करके तैवान पर कब्ज़ा करेगा, ऐसी धमकियां चीन दे रहा है। ‘लिओनिंग’ विमान वाहक युद्धपोत का युद्धाभ्यास यानी यह धमकी सच्चाई में उतारने की तैयारी होने का संदेश चीन ने दिया था। इस पर तैवान ने बड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी।

चीन ने यह हमला किया तो तैवान आखिरी दिन तक युद्ध करेगा, ऐसा कहकर तैवान के विदेशमंत्री जोसेफ वू ने इशारा दिया था। तैवान पर हमला करने की तैयारी में चीन जुटा होने की बात अमरिकी अधिकारियों की चर्चा से सामने आ रही है। इसमें सच्चाई है तो फिर चीन के साथ होनेवाले युद्ध में तैवान आखिरी दिन तक लड़ेगा, ऐसा बयान विदेशमंत्री जोसेफ वू ने किया था। उनके इस बयान का चीन के सरकारी मुखपत्र ने मज़ाक उड़ाया था। यदि चीन ने तैवान पर हमला किया और युद्ध हुआ तो चीन का मुकाबला तैवान नहीं कर पाएगा, ऐसा दावा इस चीनी मुखपत्र ने किया था।

taiwan-attack-chinaइस पर संज्ञान लेने के लिए अमरीका मज़बूर है और अमरीकी विदेशमंत्री ने माध्यमों से बातचीत के दौरान तैवान पर हमला करने के मुद्दे पर चीन को इशारा दिया। तैवान अपनी सुरक्षा के लिए समर्थ है, ऐसा सूचक बयान विदेशमंत्री ब्लिंकन ने किया और अमरीका ने तैवान को यह क्षमता दिलाई है, ऐसे संकेत भी ब्लिंकन ने इस दौरान दिए। इसी बीच अमरीका में तैवान की सुरक्षा को लेकर सहमति बनी है और इस पर समझौता नहीं किया जाएगा, ऐसा इशारा भी विदेशमंत्री ब्लिंकन ने चीन को दिया।

इसी बीच, चीन की तुलना में तैवान छोटा देश है, फिर भी यह देश चीन से टकराने के लिए आवश्‍यक तकनीक और लष्करी क्षमता रखता है, यह बात समय समय पर सामने आयी थी। कभी ना कभी चीन के हमले का हमें सामना करना पड़ेगा, इसका अहसास रखनेवाले तैवान ने काफी पहले से इसकी तैयारी जुटाई थी। इस वजह से तैवान पर हमला करके इस देश पर कब्ज़ा करने की योजना सच्चाई में उतारना चीन के लिए बड़ा कठिन हो सकता है। विशेष बात तो यह है कि, तैवान की सुरक्षा के लिए किए गए समझौते के अनुसार वचनबद्ध अमरीका को भी इस युद्ध में तैवान के पक्ष में उतरना पड़ेगा। अमरिकी विदेशमंत्री ब्लिंकन चीन को इसी का अहसास दिलाते हुए दिख रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.