अँत्वान लॉरेन्ट लॅव्हॅसिए (१७४३-१७९४ )

‘‘उसका सिर कलम कर देने के लिए उन्हें एक क्षण भी काफी लगा होगा परन्तु फ्रांस को इस प्रकार के व्यक्तित्त्व को जीवन में लाने के लिए अनगिनत सदियाँ भी कम पड़ सकती हैं।’’- जोसेफ लॅगरेंज (फ्रेंच गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्रज्ञ)

antoine-lavoisier- अँत्वान

किमियागारों के गूढ़ वलयों में फँसे हुए रसायनशास्त्र को उसमें से बाहर निकालकर तर्कशुद्ध प्रयोगशीलता के धरातल पर लाकर खड़ा करनेवाले संशोधन में ‘अँत्वान लॅव्हॅसिए’ का योगदान अग्रस्थान पर माना जाता है।

पॅरिस के एक अमीर वकील परिवार में २६ अगस्त १७४३ के दिन, अँत्वान का जन्म हुआ। पारिवारिक परंपरा के अनुसार उन्होंने कानून की उपाधि प्राप्त तो कर ली, परन्तु उनका लगाव विज्ञान की ओर ही था। इसीलिए कानून की उपाधि प्राप्त करने के बाद भी अँत्वान ने वकालत कभी की ही नहीं की। ‘इन्स्टिट्यूट डी फ्रांस’ नामक प्रसिद्ध संस्था में शिक्षा पूरी करने वाले अँत्वान का ‘विज्ञान एवं विचार शक्ति इनके द्वारा मानव प्रगति कर सकता है, केवल धर्म पर निर्भर रहकर नहीं’ इन तत्त्वों पर दृढ़ विश्‍वास था।

अँत्वान को रसायनशास्त्र (केमिस्ट्री) की ओर आकर्षित करनेवाले थे, उस समय के तत्कालीन फ्रेंच संशोधक इटेली कॉन्डीलॅक। इन्हीं के प्रभाव में आकर अँत्वान के मन में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा हुई। अँत्वान ने आरंभ में भूरचनाशास्त्र का अध्ययन करना आरंभ कर दिया था। परन्तु कॉन्डीलॅक की प्रयोगशाला एवं विभिन्न प्रयोगों की सुविधा देख वो रसायनशास्त्र की ओर आकर्षित हो गए। उम्र के २२  वे वर्ष अँत्वान लॉरेन्टने अपना प्रथम प्रबंध (थिसिस) प्रकाशित किया वह था, पॅरिस के दियों में किए जाने वाले सुधार से संबंधित। इसी दौरान अँत्वान लॅव्हॅसिए कुछ प्रायवेट संस्थाओं एवं नागरी संस्थाओं में भी कार्यरत रहे।

रसायनशास्त्र एवं भूरचनाशास्त्र से संबंधित होनेवाले अध्ययन को नज़र में रखते हुए उम्र के २५ वे वर्ष में ही अँत्वान को फ्रेंच अ‍ॅकॅडमी ऑफ  सायन्स का सदस्यत्व प्रदान किया गया। संशोधन अथवा वैज्ञानिक कार्य करने वालों योग्य जीवनसाथी मिलना और उसे पा जाने के पश्‍चात् उससे सहकार्य प्राप्त होना असंभव सा माना जाता है। साथ ही अठारहवी सदी में स्त्रियों की शिक्षा एवं समाज में प्रत्यक्ष होने वाला उनका स्थान देखते हुए यह कार्य इतना आसान नहीं था। लेकिन अँत्वान इस मामले में काफी भाग्यशाली रहे। अँत्वान की पत्नी मारिया पॉल्झ, न केवल उनकी जीवनसंगिनी थी, बल्कि वे उनके वैज्ञानिक कार्यों में भी एक आदर्श सहकर्मी साबित हुई। अँत्वान के प्रयोगों के रेखाचित्र निकालना, अंग्रेज़ी संशोधकों के प्रबंधों का अनुवाद करना आदि इस प्रकार अँत्वान के संशोधन कार्य में भी उनका काफी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

तत्कालिन रसायनशास्त्रज्ञों पर ‘फ्लॉजिस्टॉन’ सिद्धांत का काफी  प्रभाव था। किसी पदार्थ को जमा देने पर उसमें से जो कुछ भी उत्पन्न होता है, उसका स्पष्टीकरण ‘फ्लॉजिस्टॉन’ सिध्दांत के अनुसार ही किया जाता था। लेकिन इसके लिए कोई ठोस आधार नहीं था। अँत्वान ने ज्वलनशील पदार्थों पर प्रयोग करके यह साबित  कर दिया कि ‘फ्लॉजिस्टॉन’ सिद्धांत में त्रुटियाँ हैं। इसी दौरान १७७९ में अँत्वान ने अपने बारह दिनों में किए गए प्रयोग के बलबूते पर ही वैज्ञानिक जगत में विशेष स्थान प्राप्त कर लिया। इसी, प्रयोग के आधार पर अँत्वान ने हवा में पाये जाने वाले ‘ऑक्सिजन’ एवं ‘नायट्रोजन’ इन दो महत्त्वपूर्ण वायुओं के बारे में संशोधन करने में सफलता प्राप्त की। इसके पश्‍चात् अँत्वान लॅव्हॅसिए ने अपने संशोधन पर आधारित ‘मेथड ऑफ  केमिकल नॉमेनक्लेचर’ एवं ‘एलिमेंटरी ट्रिटीझ ऑफ  केमिस्ट्री’ इन दो किताबों को अपने सहकर्मियों की सहायता से प्रकाशित किया। आधुनिक रसायनशास्त्र की शास्त्रशुद्ध नींव डालने में इन पुस्तकों का महत्त्वपूर्ण  योगदान रहा। आज इक्कीसवी सदी में भी रसायनशास्त्र का अध्ययन लॅव्हॅसिए के इन दोनों पुस्तकों के संदर्भ के बिना अधूरा माना जाता है। इससे ही उनका श्रेष्ठत्त्व सिद्ध होता है।

किसी भी शास्त्र को अधिकाधिक निर्दोष एवं अचूक बनाने के लिए सतत उनकी प्रयोगशीलता का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है। लॅव्हॅसिए ने अपने संपूर्ण जीवन में इसी तत्त्व को आदर्श मानकर रसायनशास्त्र को अधिकाधिक शास्त्रशुद्ध आधारस्तंभ प्रदान करने में काफी महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान किया। संगठन कौशल्य, लगन एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोन इन्हीं गुणों के आधार पर उन्होंने सफलता प्राप्त की। लेकिन राजकीय वाद-विवाद का परिणाम उनके शिरच्छेद में हो गया। इक्यावन वर्ष की उम्र में हुई लॅव्हॅसिए की मृत्यु से केवल यूरोप ही नहीं बल्कि संपूर्ण जगत एक आदर्श एवं श्रेष्ठ शास्त्रज्ञ को खो बैठा। लेकिन उनका शिरच्छेद उनके संशोधन एवं उनके कार्य को नष्ट नहीं कर सका। आज तीन सदियों के पश्‍चात् भी रसायनशास्त्र के व्यवस्थापकों में लॅव्हॅसिए का नाम आदरपूर्वक लिया जाता है, यह इस बात का सबूत है।

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