‘टैंक’विरोधी ‘नाग’ रक्षाबलों में दाखिल होने के लिए तैयार – आखिरी परीक्षण सफल हुआ

Naag-missileपोखरण – ‘रक्षाअनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) ने राजस्थान के पोखरण में स्वदेशी ‘ऐण्टी टैंक गाईडेड नाग मिसाइल’ का परीक्षण किया। ‘नाग’ का यह आखिरी परीक्षण था। इस वजह से यह मिसाइल अब भारतीय सेना के बेड़े में जल्द ही दाखिल होने की संभावना है। इसके साथ ही ‘नाग’ की तैनाती उत्तरी लद्दाख में चीन की सीमा पर होगी, यह वृत्त है। दो दिन पहले इसी मिसाइल की प्रगत आवृत्ति वाले ‘सैन्ट’ मिसाइल का परीक्षण किया गया था।

गुरूवार की सुबह ६.४५ बजे पोखरण में स्थित सेना के अड्डे पर ‘नाग’ का परीक्षण किया गया। ‘डीआरडीओ’ ने इससे पहले ‘नाग मिसाइल’ के १० युजर ट्रायल किए हैं। ‘नाग मिसाइल’ की मारक क्षमता ४ किलोमीटर है। यह मिसाइल दिन या रात के किसी भी समय प्रभावी साबित हुई है। यह मिसाइल किसी भी तापमान में किसी भी निर्माण के टैंक एवं लष्करी गाड़ियों को बड़ी सटीकता के साथ ध्वस्त करने की क्षमता रखती है।

Naag-missileइस मिसाइल का आज किया गया आखिरी परीक्षण था और अब जल्द ही यह मिसाइल भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। साथ ही इसी प्रकार के मिसाइलों के लिए अन्य देशों पर बनी निर्भरता भी खत्म होगी। भारत अब तक ४ किलोमीटर मारक क्षमता के टैंक विरोधी मिसाइल इस्रायल और अमरीका से आयात कर रहा था। १५ जून के दिन लद्दाख के गलवाल में हुए संघर्ष के बाद भारत ने शीघ्रता से इस्रायल से टैंक विरोधी मिसाइल आयात करने का निर्णय किया था।

बीते ढ़ाई महीनों में ‘डीआरडीओ’ ने १३ अलग अलग मिसाइलों के परीक्षण किए हैं। इस दौरान सुपरसोनिक, हायपरसोनिक एवं अलग अलग क्षमता के मिसाइलों के परीक्षण किए गए हैं।

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