अमरीका का चीन को सख्त संदेश

वॉशिंग्टन – पैसिफिक महासागर क्षेत्र में तैनात अमरिकी पनडुब्बियों पर ‘शिप किलर’ यानी युद्धपोत विरोधी मिसाइलों की तैनाती हो रही है। इनमें लंबी दूरी के टॉमाहॉक मिसाइलों का भी समावेश होने की जानकारी अमरिकी नौसेना अफ़सर ने साझा की। इस समुद्री क्षेत्र में चीनी नौसेना की आक्रामकता बढ़ रही है और ऐसें में अमरीका ने यह निर्णय करके चीन को कड़ी चेतावनी दी हुई दिखायी दे रही है।

michele-flournoyचीन के सभी युद्धपोतों को ७२ घंटों में डुबाने के लिए अमरीका सक्षम होनी ही चाहिए, यह दावा कर रहीं मिशेल फ्लॉरनॉय की ओर अमरीका की अगली रक्षामंत्री के तौर पर देखा जा रहा है। इस पद पर उनकी नियुक्ती होना, यह बात यही संकेत देती है कि बिडेन प्रशासन की नीति भी तीव्रता के साथ चीन विरोधी रहेगी, ऐसा दावा कुछ विश्‍लेषक कर रहे हैं। इससे पहले बिल क्लिंटन और बराक ओबामा के कार्यकाल में अमरिकी रक्षा विभाग में बड़े अहम पद संभालनेवालीं मिशेल फ्लॉरनॉय, चीन के विरोध में आक्रामक नीति का पुरस्कार करती रही हैं। चीन के साथ युद्ध करने से बचना है, तो अमरीका के पास अधिक लष्करी सामर्थ्य होना ही चाहिये। यदि ऐसा हुआ, तो ही अमरीका के खिलाफ कार्रवाई करने की चीन की हिम्मत नहीं होगी, यह दावा फ्लॉरनॉय ने कुछ समय पहले किया था।

रक्षामंत्री पद के लिए फ्लॉरनॉय के नाम की चर्चा हो रही होकर, उन्होंने चीन के खिलाफ रखी नीति की प्रमुखता से मिसालें दीं जा रहीं हैं। इस वजह से, बिडेन प्रशासन की लष्करी नीति ट्रम्प से अलग नहीं रहेगी, यह दावा कुछ लोग कर रहे हैं। बल्कि कुछ विश्लेषक तो, बिडेन की नीति ट्रम्प से भी अधिक आक्रामक होगी, यह बात बड़े विश्‍वास से कह रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी नौसेना ने अपनी पनडुब्बियों पर युद्धपोतविरोधी मिसाइलों की तैनाती करना शुरू किया है और साथ ही चीन को सख्त चेतावनी भी दी है।

SSBNइससे संबंधित जारी हुईं खबरें यह संकेत दे रही हैं कि अमरीका की चीन विरोधी नीति बरकरार रहेगी। अमरीका के व्हाईस एडमिरल डैरिल कॉडेल ने, पैसिफिक क्षेत्र में अमरीका की पनडुब्बियों की मारक क्षमता बढ़ाने का काम शुरू होने का ऐलान किया है। इसके ज़रिये, अमरीका को धमका रहें चीन को कड़ी चेतावनी दी जा रही है और आनेवाले दिनों में चीनी नौसेना को पैसिफिक क्षेत्र में मनमानी करना संभव नहीं होगा, यह संदेश भी अमरीका दे रही है।

बीते कुछ दिनों में चीन ने तैवान पर कब्ज़ा करने के लिए लष्करी कार्रवाई की धमकी देना शुरू किया है। साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में, उसमें भी ‘साउथ चायना सी’ में चीन की नौसेना की आक्रामक गतिविधियाँ जारी हैं। ऐसी स्थिति में, चीन अब अमरीका की नीति को लेकर किसी भी भ्रम में ना रहें, इसके लिए अमरीका खास ध्यान रख रही है। चीन को लेकर आक्रामक भूमिका अपनानेवाली मिशेल फ्लॉरनॉय का, ‘रक्षामंत्री’ पद के लिए हो रहा विचार एवं अमरिकी नौसेना की पनडुब्बियों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए हो रही गतिविधियाँ चीन को सख्त संदेश देने के लिए ही हैं, यह बात स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगी है।

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