संवाद स्थापित ना होने पर अमरीका-चीन के बीच, पहले विश्‍वयुद्ध जैसा भयंकर संघर्ष भड़कने की संभावना – वरिष्ठ कूटनीतिक हेनरी किसिंजर की चेतावनी

न्यूयॉर्क – राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद जो बिडेन सबसे पहले चीन के साथ संवाद स्थापित करने के लिए गतिविधियाँ शुरू करें। नहीं तो पहले विश्‍वयुद्ध जैसे भयंकर संघर्ष की शुरूआत होगी, ऐसी चेतावनी अमरीका के वरिष्ठ कूटनीतिक हेनरी किसिंजर ने दी है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के कार्यकाल में, अमरीका और चीन के बीच स्थापित संवाद व्यवस्था पूरी तरह से टूटकर बिखरी है। इस वजह से दोनों देशों का विवाद लष्करी संघर्ष में तब्दील हो सकता है और अब के दौर में युद्ध की तकनीक में हुई प्रगति पर गौर करें, तो किसी भी क्षण स्थिति नियंत्रण के बाहर हो सकती है, ऐसा कहकर किसिंजर ने अमरीका और चीन के संवाद की अहमियत रेखांकित की।

पहले विश्‍वयुद्ध

अमरीका की आधुनिक विदेश नीति के रचयिता के तौर पर ९७ वर्ष के हेनरी किसिंजर की पहचान है। अमरिकी विदेशमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसें अहम पदों की ज़िम्मेदारी उन्होंने निभाई है। वर्ष १९७२ में किसिंजर ने ही अमरीका-चीन का सहयोग स्थापित करके सोवियत रशिया को अलग-थलग किया था। उनकी कूटनीति की वजह से अमरीका को शीतयुद्ध में जीत हासिल करना संभव हुआ, यह दावा किया जाता है। अमरीका और चीन के बीच युद्ध शुरू होगा, ऐसी चिंता हेनरी किसिंजर लंबे समय से व्यक्त करते रहे हैं। खासकर, डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में अपनाई आक्रामक नीति की वजह से अमरीका-चीन संघर्ष की संभावना बढ़ी है, यह बात किसिंजर ने लगातार कही है। जो बिडेन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद, वे चीन के साथ संवाद व्यवस्था दोबारा नये से स्थापित करें और इसे सबसे अधिक प्राथमिकता दें, यह बात किसिंजर सूचित कर रहे हैं।

अमरीका और चीन का विवाद लष्करी संघर्ष में तब्दील हो सकेगा। मौजूदा दौर की युद्ध तकनीक की हुई प्रगति देखें, तो यह संघर्ष नियंत्रण में रखना बड़ा कठिन होगा, यह चेतावनी किसिंजर ने दी है और साथ ही, यह स्थिति किसी से भी संभालनेवाली नहीं रहेगी, ऐसा किसिंजर ने जताया। इसी कारण, ट्रम्प के कार्यकाल में चीन के साथ की टूटी हुई संवाद व्यवस्था नये से स्थापित करने के लिए बिडेन कोशिश करें, ऐसी सलाह भी हेनरी किसिंजर ने दी है। साथ ही, चीन के साथ संबंधों में सुधार ना करने का मतलब नये शीतयुद्ध में प्रवेश करना है, यह दावा किसिंजर ने किया है।

मौजूदा स्थिति में विश्‍व के सामने खड़े हुए कोरोना के संकट की ओर सबक के तौर पर देखने की आवश्‍यकता है, ऐसा किसिंजर ने कहा है। विश्‍वभर के देश इस महामारी का राष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला कर रहे हैं। लेकिन, इसके दीर्घकालीन आवश्‍यक प्रावधानों के लिए जागतिक स्तर पर बना सहयोग ही सहायक होगा, इसपर हमें ध्यान देना होगा और इससे सबक सीखना होगा, ऐसा सूचक बयान किसिंजर ने किया है।

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