अलिबाबा, हुवेई समेत सात चिनी कंपनियों पर कार्रवाई होगी

नई दिल्ली – सुरक्षा के कारण से ५९ चिनी ॲप्स पर पाबंदी लगाने के बाद, भारत सरकार अब जल्द ही सात चिनी कंपनियों के विरोध में कार्रवाई कर सकती है, ऐसीं ख़बरें प्राप्त हो रही हैं। ये सातों कंपनियाँ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से चीन की सेना से जुड़ी होने की रिपोर्ट है और सुरक्षायंत्रणाएँ इन कंपनियों पर बारिक़ी से नज़र रखकर होने का वृत्त है। इन सात कंपनियों में अलिबाबा, हुवेई और टेन्सेन्ट जैसी कंपनियों का समावेश है। भारत सरकार ने इन कंपनियों पर कार्रवाई की, तो वह चीन के लिए और एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

अलिबाबा

चिनी सेना से सीधे या अप्रत्यक्ष तरीके से संबंध होनेवालीं कम से कम सात चिनी कंपनियों की पहचान सरकार ने की है, यह दावा सरकारी सूत्रों के हवाले से किया गया है। इन कंपनियों में, बहुराष्ट्रीय कंपनी अलिबाबा, हुवेई और टेन्सेन्ट जैसी कंपनियों का समावेश है। साथ ही, शिंडिया स्टील्स, शिंशिन्ग कॅथे इंटरनैशनल, चायना इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नॉलॉजी ग्रुप, एमएआयसी मोटर कार्पोरेशन ये कंपनियाँ भी चिनी सेना से संबंधित होने की रिपोर्ट भारतीय गुप्तचर संस्था ने पेश करने का वृत्त है।

इन सात कंपनियों ने भारतीय तकनीकी क्षेत्र में काफ़ी बड़ा निवेश किया है। अलिबाबा ने भारत में कई स्टार्टअपस्‌ में निवेश किया है। साथ ही, टेन्सेन्ट ने भी ओला, फ्लिपकार्ट जसी कंपनियों में निवेश किया है। चीन अपनी ‘मिलिट्री-सिव्हिल फ्युजन पॉलिसी’ के तहत कुछ कंपनियों में निवेश करता है और इन कंपनियों की तकनीक का इस्तेमाल अपनी सुरक्षा के लिए करता है। अलिबाबा और टेन्सेन्ट कंपनियाँ चीन की इसी नीति का हिस्सा होने की बात कही जाती है।

हुवेई पर पहले ही जासूसी के आरोप लगे हैं और विश्‍व के प्रमुख देशों ने इस कंपनी के विरोध में कार्रवाई की है। इसके अलावा चायना इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नॉलॉजी ग्रुप कंपनी पर भी लष्करी जासूसी एवं शिंजियांग प्रांत में मानव अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए तकनीक प्रदान करने का आरोप लगा है। तीन हफ़्ते पहले ही अमरीका ने चिनी सेना से संबंधित २० कंपनियों की सूचि तैयार करने का वृत्त सामने आया था। इन कंपनियों पर जल्द ही प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, यह दावा भी किया गया था। इसके बाद भारत भी चिनी सेना से संबंधित कंपनियों की पहचान कर रहा हैं, यह वृत्त प्राप्त होना अहम बात बनती है।

फिलहाल तो इन सातों कंपनियों पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है और जल्द ही इन कंपनियों के विरोध में भारत सरकार कार्रवाई कर सकती है, ऐसा संबंधित वृत्त में कहा गया है। इन कंपनियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी, यह अभी तय नही हुआ है, यह दावा भी सूत्रों के हवाले से किया गया हैं।

भारत ने पहले ही ५९ चिनी ॲप्स के विरोध में पाबंदी लगाई है और इससे चिनी कंपनियों को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ रहा है। अलिबाबा ने अपने यूसी ब्राउझर और यूसी न्यूज का भारत में फैला कारोबार समेटना शुरू किया है। ऐसे में भारत सरकार ने इन कंपनियों पर कार्रवाई की, तो चीन के लिए यह और एक बड़ा ज़ोरदार झटका साबित हो सकता है।

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