जम्मू-कश्मीर में ९८ हज़ार करोड़ की छह जलविद्युत परियोजनों को मंज़ुरी

नई दिल्ली, दि. १६: जम्मू-कश्मीर की सिंधु और सहायक नदियों पर निर्माण की जानेवालीं, ९८ हज़ार करोड़ रुपयों की छह जलविद्युत परियोजनाओं को पिछले तीन महीने में भारत ने मंज़ुरी दी है| साथ ही, इन परियोजनाओं की निर्माणप्रक्रिया को अधिक गतिमान बनाया गया है| पिछले साल सितंबर महीने में उरी स्थित सेना के बेस पर भीषण आतंकी हमला हुआ था| पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकवादियों को सहायता देना नहीं रोका, तो ‘सिंधु जलसंधि’ को खारिज़ किया जायेगा, ऐसे संकेत भारत ने इस हमले के बाद दिए थे| लेकिन पाकिस्तान से आतंकवादियों को मिल रही सहायता कम न होने के कारण, इन जलविद्युत परियोजनाओं की बढायी गई गति यह भारत ने पाकिस्तान को दी हुई चेतावनी है, ऐसा माना जाता है|

जम्मू-कश्मीर में छह नई जलविद्युत परियोजनाओं को भारत सरकार की ओर से मंज़ुरी दी गई है| ९८ हज़ार १३७ करोड़ रुपयों (१५ अरब डॉलर्स) की ये परियोजनाएँ व्यवहार्यता परीक्षण में कामयाब हुई हैं| इन परियोजनाओं को अन्य विभागों से मंज़ुरी दिलाने के लिए ज़रूरी कदम उठाने शुरू हो चुके हैं, ऐसी जानकारी जलसंपत्ति मंत्रालय के साथ केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण के सूत्रों ने दी| इन छह परियोजनओं के साथ चिनाब नदी पर निर्माण की जा रही जलविद्युत परियोजना की क्षमता तीन गुना बढ़ाने के लिए भी मंज़ुरी दी गई है, ऐसी जानकारी मिल रही है|

पिछले साल १८ सितंबर को उरी में सेना के बेस पर हुए आतंकी हमले में १९ भारतीय जवान शहीद हुए थे| इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी स्तरों पर चर्चा स्थगित की थी| साथ ही, सन १९६० में भारत और पाकिस्तान के बीच किये गये ‘सिंधु जल संधि’ समझौते को ख़ारिज़ कर दिया जायेगा, ऐसी चेतावनी भी भारत ने दी थी|

जम्मू-कश्मीर से सिंधु और उसकी छह सहायक नदियाँ बहते हुए पाकिस्तान में जाती हैं| इन नदियों के पानी पर पाकिस्तान की ८० प्रतिशत खेती निर्भर है| इन नदियों का पानी यदि भारत द्वारा रोका गया, तो पाकिस्तान रेगिस्तान बनेगा, ऐसा डर पाकिस्तान में जताया जा रहा है| ‘सिंधु जल संधि’ समझौते में ‘तीसरे पक्ष’ के तौर पर मध्यस्थी करनेवाले जागतिक बैंक ने भारत को यह कदम उठाने से रोकना चाहिए, ऐसी माँग पाकिस्तान ने की थी| साथ ही, चूँकि भारत इन नदियों पर परियोजनाएँ बना रहा है, पाकिस्तान में बहनेवाली नदियों का प्रवाह रोका जायेगा, ऐसा ऐतराज़ जताया गया है|

लेकिन भारत ने पाकिस्तान के ऐतराज़ और शिकायत की ओर अनदेखा करते हुए इन छह परियोजनाओं को मंज़ुरी दी है और इन परियोजनाओं को गति दी है, यह विभिन्न सूत्रों के आधार पर स्पष्ट हो रहा है| उरी हमले के बाद, पाकिस्तान ने आतंकवादियों को दी जानेवाली सहायता रोकी, तो भारत पानी के बटवारे के समझौते का स्वीकार करेगा, ऐसी शर्त भारत ने रखी थी| लेकिन पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को मिल रही सहायता अब तक नहीं रुकी है। भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देनेवाले संगठनों को पाकिस्तान में खुली आजादी है| इन संगठनों की ओर से भारत के खिलाफ जहर उगला जा रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, भारत ने भी कड़ा रूख अपनाते हुए, पाकिस्तान को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है|

पिछले ५० सालों में जम्मू-कश्मीर की नदियों की क्षमता के मुकाबले एक छठे हिस्से की जलविद्युत परियोजनाओं का काम भी नहीं हुआ था| लेकिन पिछले तीन महीनों में छह परियोजनाओं को दी गई मंज़ुरी पाकिस्तान की चिंता बढ़ानेवाली है|

इस पृष्ठभूमि पर, इसी महीने के अन्त में पाकिस्तान के लाहोर में ‘सिंधु आयोग’ की बैठक होनेवाली है और इसमें भारत शामिल होगा, ऐसी उम्मीद पाकिस्तान को है| ‘पाकिस्तान को भारत के साथ रहनेवाले सभी विवाद शांतिपूर्ण रास्ते से मिटाने हैं| पानी के बटवारे का विवाद सुलझाने के लिए ‘सिंधु जलसंधि’ की अहमियत भारत समझेगा’ ऐसी आशा पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नफीज झकारिया ने जताई है|

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