इस्रायली तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करके देश में निर्मित २५ रिमोट कन्ट्रोल मशिनगन्स नौसेना को सुपुर्द

नई दिल्ली – इस्रायली तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करके देशअंतर्गत निर्माण की गई १२.७ एम.एम की २५ हेवी मशिनगन्स भारतीय नौसेना को सौंप दी गई है। तमिलनाडु के तिरुचिराप्पल्ली स्थित ऑर्डनन्स फॅक्टरी द्वारा इस अत्याधुनिक ‘स्टॅबलाईज्ड रिमोट कन्ट्रोल गन’ (एसआरसीजी) का उत्पादन किया गया होने की जानकारी ऑर्डनन्स फॅक्टरी (ओएफबी) के अधिकारी ने दी। रक्षा सामग्री के देशअंतर्गत निर्माण के लिए जारी प्रयासों में यह एक बड़ा चरण होने का दावा किया जाता है।

इस्रायली तंत्रज्ञान१२.७ एमएम ‘एसआरसीजी’ मशिनगन्स के निर्माण के लिए हाल ही में इस्रायल द्वारा भारत को तंत्रज्ञान का हस्तांतरण किया गया था। सागरी सुरक्षा की दृष्टि से ये मशीन गन बहुत ही अहम साबित होंगी, ऐसा दावा किया जाता है। रिमोट कन्ट्रोल द्वारा संचालित कीं जानेवालीं ये मशिनगन्स दूरी पर से भी नियंत्रित कीं जा सकतीं हैं। इस कारण नौसेना और तटरक्षक बल को प्राप्त हुईं ये मशिनगन्स बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होती हैं।

ये मशिनगन्स सीसीडी कॅमेरा, थर्मल इमेजर और लेझर रेंज फाईंडर से लैस हैं। इस कारण, रात के समय हाथ में ली किसी मुहिम में और निगरानी में ये गन्स उपयोगी साबित होनेवालीं हैं। देश में ‘एसआरसीजी’ का उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक असेंब्ली और परीक्षण सुविधाएँ बनाईं गईं हैं। डायरेक्टर जनरल ऑर्डनन्स फॅक्टरीज (डीजीओएफ) और ऑर्डनन्स फॅक्टरी बोर्ड के अध्यक्ष सीएस विश्‍वकर्मा ने पहली २५ ‘एसआरसीजी’ को डायरेक्टर जनरल ऑफ नेव्हल आर्मामेंट (डीजीओएनए) को सौंप दिया।

ऑर्डनन्स फॅक्टरी बोर्ड (ओएफबी) की पुनर्रचना को केंद्र सरकार ने हाल ही में मंज़ूरी दी है। इसके अनुसार देशभर में ४१ सरकारी ऑर्डनन्स फॅक्टरी यानी हथियार और गोला-बारूद का निर्माण करनेवाले कारखानों का सात बड़ी कंपनियों में रूपांतरण किया जानेवाला है। देशअंतर्गत हथियारों का निर्माण करने के लिए इन दिनों बड़ी मात्रा में प्रयास किए जा रहे हैं। उसके लिए कुछ रक्षा सामग्री की आयात पर पाबंदी लगाई गई होकर, देशअंतर्गत निर्माण के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

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