रशिया के १८ राजनयिक अधिकारी झेक प्रजासत्ताक द्वारा निष्कासित

russia-czechप्राग – अमरीका ने अपने राजनयिक अधिकारियों को निष्कासित करने के बाद, १० अमरिकी राजनयिक अधिकारियों को निष्कासित करके उसे रशिया ने प्रत्युत्तर दिया था। दोनों देशों के बीच यह तनाव बढ़ रहा है कि तभी नाटो और युरोपीय महासंघ का सदस्य देश होनेवाले ‘झेक प्रजासत्ताक’ ने, १८ रशियन राजनयिक अधिकारियों को ४८ घंटों में अपना देश छोड़ जाने के आदेश दिए। झेक प्रजासत्ताक यह सब अमेरिका को खुश करने के लिए कर रहा है, लेकिन उसके बाद क्या होगा इसका इस देश को अंदाज़ा है, ऐसी फटकार रशियन विदेश मंत्रालय ने लगाई है ।

सन २०१४ के अक्टूबर महीने में झेक प्रजासत्ताक के लष्करी गोदाम में भीषण बम विस्फोट हुए थे। इन विस्फोटों में २ लोगों की जान गई थी। इस विस्फोट के पीछे रशिया होकर, इसमें रशियन गुप्तचर संस्था का हाथ होने का शक बढ़ रहा है। इसी कारण झेक प्रजासत्ताक ने १८ रशियन राजनयिक अधिकारियों को निष्कासित करने का फैसला किया है, ऐसा इस देश के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस ने घोषित किया। यह साहसी फैसला करके झेक प्रजासत्ताक ने रशिया को बहुत बुरी तरह से उकसाया है, ऐसा दावा अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों द्वारा किया जा रहा है। इस विवाद में अमरीका भी कूद पड़ी दिख रही है।

russia-czechझेक प्रजासत्ताक स्थित अमरिकी दूतावास ने, अमरीका का निकटतम मित्रदेश बताकर झेक प्रजासत्ताक को समर्थन घोषित किया है। अपने देश में रशिया की घातक हरकतों पर रोक लगाने के लिए झेक प्रजासत्ताक जो प्रयास कर रहा है, उसे अमरीका का पूरा समर्थन होगा, ऐसा अमरिकी दूतावास ने स्पष्ट किया। रशिया ने अमरीका के १० राजनयिक अधिकारियों को निष्कासित करने का फैसला करने के बाद, अमरीका के विदेश मंत्रालय ने यह जताया था कि उसे प्रत्युत्तर दिया जाएगा। झेक प्रजासत्ताक द्वारा रशिया के विरोध में की गई यह कार्रवाई, यह स्पष्ट रूप से उसी का भाग दिखाई दे रही है।

झेक प्रजासत्ताक के इस फैसले के पीछे अमरीका है यह बात स्पष्ट है। लेकिन इसके बाद क्या हो सकता है, इसका भी इस देश को यकीनन ही एहसास होगा, ऐसे गिने-चुने शब्दों में रशियन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया झकारोव्हा ने अपने देश की प्रतिक्रिया दर्ज की। इसी के साथ गुस्सा हुआ रशिया झेक प्रजासत्ताक स्थित अपना दूतावास बंद करने का फैसला कर सकता है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। सन १९८९ में सोवियत रशिया का विघटन होने के बाद, पहली बार रशिया और झेक प्रजासत्ताक में इतना चरमसीमा का तनाव निर्माण हुआ होने के दावे इससे अन्तर्राष्ट्रीय माध्यम करने लगे हैं।

russia-czechयुक्रेन के मसले पर रशिया आक्रामक भूमिका अपना रहा है, ऐसे में नाटो और युरोपिय महासंघ का सदस्य होनेवाले झेक प्रजासत्ताक द्वारा नया राजनीतिक मोरचा शुरू करके अमरीका ने रशिया पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की हुई इससे सामने आ रही है। लेकिन अमरीका और रशिया के बीच के इस तनाव के गंभीर परिणाम सामने आयेंगे, ऐसी चेतावनी कुछ अमरिकी नेताओं द्वारा दी जा रही है।

युक्रेन के मसले पर क्या अमरीका ने रशिया के साथ वंशसंहार करानेवाला परमाणु युद्ध खेलने की हद तक जाने का फैसला अमरिकी नेतृत्व ने किया है? ऐसा सवाल अमरिकी संसद की पूर्व सदस्या तुलसी गबार्ड ने किया है। यदि वैसा नहीं है, तो फिर अमरिकी नेता शक्तिप्रदर्शन और हवा में तलवारबाज़ी करना रोककर, रशिया के साथ तनाव कम करने की कोशिशें करें, ऐसी फटकार तुलसी गबार्ड ने लगाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.