युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाई रशिया समर्थक समाचार चैनलों पर पाबंदी – निर्णय का अमरीका ने किया समर्थन, युरोप ने जताई चिंता

किव्ह/मास्को – युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने देश के रशिया समर्थक समाचार चैनलों पर पाबंदी लगाई है। इन चैनलों में ‘११२ युक्रैन’, ‘न्यूजवन’ और ‘झिक टीव्ही’ का समावेश है। युक्रैन अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का सम्मान करता है, फिर भी आक्रामक देश ने पैसों के बल पर शुरू की प्रचार मुहिम का ड़टकर विरोध करता है, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने अपने निर्णय का समर्थन किया है। झेलेन्स्की के निर्णय का अमरीका ने समर्थन किया है। लेकिन, युरोप ने इस निर्णय पर चिंता जताई है।

ukraine-russiaदो वर्ष पहले युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष बने झेलेन्स्की की लोकप्रियता में, बीते कुछ महीनों में गिरावट हो रही है। अंदरूनी सुधार एवं पूर्व युक्रैन में रशिया के हो रहें संघर्ष के मसले पर हल निकालना, इन जैसें मुद्दों पर वादे करके झेलेन्स्की ने सत्ता संभाली थी। लेकिन, इन दोनों मोर्चों पर उनकी सरकार नाकाम साबीत हुई है और कोरोना की पृष्ठभूमि पर युक्रैन की अर्थव्यवस्था भी संकट में फंसी हैं।

ऐसें समय में युक्रैन के रशिया समर्थक गुट और माध्यमों को लक्ष्य करके राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की अपना स्थान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। तीन समाचार चैनलों पर पाबंदी लगाने साथ ही, इन चैनलों के मालिक युक्रैन के सांसद तारस कोझैक के विरोध में भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

झेलेन्सकी ने की हुई इस कार्रवाई पर रशिया से तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई हैं। ‘रशिया इस पाबंदी का तीव्र शब्दों में निषेध कर रहा हैं और समाचार चैनलों पर लगाई पाबंदी आन्तर्राष्ट्रीय नियम एवं अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के विरोध में हैं। ‘ओएससीई’ जैसी यंत्रणाओं को इस मामले में ध्यान देना होगा’, ऐसा बयान रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव्ह ने किया है। समाचार चैनलों पर पाबंदी लगाकर झेलेन्स्की ने दिखाया है कि वे सियासी प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने में असमर्थ हैं, ऐसी आलोचना रशियन सांसद अलेक्सी पुश्‍कोव्ह ने की है। रशिया के विदेश विभाग ने भी युक्रैन के निर्णय पर नाराज़गी जताई है।

ukraine-russiaयुरोपिय महासंघ ने भी युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने किए निर्णय की आलोचना की है। विदेश से चलाए जा रहें प्रचार युद्ध के विरोध में कार्रवाई करते समय अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का दमन नहीं होना चाहिये, यह इशारा युरोपिय महासंघ के विदेश प्रवक्ता ने दिया है। इस तरह के निर्णय करते समय, आन्तर्राष्ट्रीय नियम और बुनियादी अधिकारों का भान भी रखना होगा, यह आवाहन भी महासंघ के प्रवक्ता ने किया है। इससे पहले युक्रैन और रशिया के विवाद में, युरोपिय महासंघ युक्रैन के पक्ष में खड़ा होने की बात दिखाई पड़ी थी। इस पृष्ठभूमि पर युक्रैन के रशिया विरोधी निर्णय पर युरोपिय महासंघ ने की हुई आलोचना ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित होती है।

ukraine-russiaयहाँ युरोप से आलोचना हो रही है; वहीं, अमरीका और ब्रिटेन ने युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष के निर्णय का समर्थन किया है। प्रचार युद्ध में, एक देश के विरोध में गलत जानकारी का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश रोकनी ही होगी, ऐसी प्रतिक्रिया युक्रैन में स्थित अमरिकी दूतावास ने दी है। झूठी जानकारी और गलत प्रचार माध्यमों की स्वतंत्रता का हिस्सा नहीं हो सकते, ऐसा कहकर वरिष्ठ अमरिकी अधिकारी कर्टनी ऑस्ट्रियन ने, युक्रैन के निर्णय को अमरीका का समर्थन होने की बात स्पष्ट की। राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने पाबंदी का निर्णय घोषित करने से पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन से फोन पर बातचीत करने का वृत्त भी सामने आया है।

इसी बीच, रशिया के मुद्दे पर अमरीका और युरोप में बने मतभेद ध्यान आकर्षित करनेवाले साबित हुए हैं। अमरीका ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ ईंधन पाइप लाइन की परियोजना पर प्रतिबंध लगा रही है; वहीं, जर्मनी जैसा प्रमुख युरोपिय देश इस परियोजना को पूरा करने की भूमिका अपना रहा है। रशिया कोरोना वैक्सीन विकसित कर रहीं कंपनियों पर सायबर हमलें कर रहा है, ऐसे आरोप अमरीका ने किए थे। उसी समय युरोप, रशिया ने विकसित की हुई वैक्सीन अपने नागरिकों को देने के लिए चर्चा कर रहा है। अमरीका का नया बायडेन प्रशासन अगले दिनों में रशिया के विरोध में अधिक आक्रामक निर्णय करने के संकेत दे रहा है। ऐसें में युरोपिय महासंघ रशिया से नज़दिकीयाँ बढ़ाने की कोशिश करता दिख रहा है। आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भू-राजनीतिक एवं सियासी गणितों की दृष्टि से यह बात ग़ौरतलब साबित हो रही है।

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