निर्यात बढ़ाने के लिए ‘एमएसएमई’ को गति प्रदान करेंगे – प्रधानमंत्री का ऐलान

नई दिल्ली – पूरा विश्‍व भारत की आर्थिक विकास की गति देखकर प्रभावित हुआ हैं। लेकिन, इस विकास में ‘सूक्ष्म, लघू और मध्यम उद्योगों के ‘एमएसएमई’ का योगदान काफी बड़ा हैं। देश की निर्यात में भी ‘एमएसएमई’ अहम योगदान दे रहा हैं। आनेवाले समय में निर्यात बढ़ाने के लिए ‘एमएसएमई’ क्षेत्र को अधिक मज़बूत करने की ज़रूरत हैं। इसे ध्यान में रखकर सरकार ने पिछले आठ सालों में ‘एमएसएमई’ के लिए ६५० प्रतिशत प्रावधान बढ़ाया हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

नई दिल्ली में आयोजित ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम मे प्रधानमंत्री बोल रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघू और मध्यम उद्योग के यानी ‘एमएसएमई’ का अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा हिस्सा होने की बात दर्ज़ की। आम स्तर पर अर्थव्यवस्था को गति और दिशा प्रदान करने का काम ‘एमएसएमई’ द्वारा किया जाता हैं, इसके मद्देनज़र केंद्र सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए आवश्‍यक निर्णय कर रही हैं, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने प्रदान की।

छोटे उद्यमि सरकार के ‘जीईएम-गव्हर्मेंट ई-मार्केट प्लेस’ नामक पोर्टल पर अधिक से अधिक मात्रा में जुड़े। इससे सरकार को आवश्‍यक उत्पादनों की जानकारी इन छोटे उद्यमियों को प्राप्त होगी और उन्हें इसके लाभ प्राप्त होंगे, इस बात पर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। ‘एमएसएमई’ क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने भारी प्रावधान किया हैं। पिछले आठ सालों में इस क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार ने भारी ६५० प्रतिशत अधिक निधी प्रदान किया, इसपर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

इन उद्योग क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार सीर्फ प्रोत्साहन और सहयोग नहीं करती, बल्कि उद्योग क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार ने रणनीतिक स्तर पर ज़रूरी बदलाव किए होने का अहसास प्रधानमंत्री ने कराया। आम घरों से सामने आए मेहनती युवाओं को उद्योग-कारोबार करने के लिए रेहन के बिना ऋण उपलब्ध ना होना, यह पहले के समय की सबसे बड़ी समस्या थी। लेकिन, यह समस्या अब दूर की गई है और उद्यमियों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा हैं, ऐसी जानकारी भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान साझा की।

इस मोर्चे पर केंद्र सरकार की मुद्रा योजना काफी प्रभावी काम कर रही हैं और इस वजह से आम उद्यमियों के कारोबार का विकास हो रहा हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

किसी भी रेहन के बिना उद्योग के लिए कर्ज़ उपलब्ध कराने की योजना जमीनी जनता के लिए काफी लाभदायी साबित हो रही हैं, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इसपर संतोष व्यक्त किया। मुद्रा योजना के तहत अबतक १९ लाख करोड़ रुपयों का कर्ज़ प्रदान किया गया हैं। इनमें से ७० प्रतिशत कर्ज़ महिला उद्यमियों ने प्राप्त किया हैं। ऐसें में उद्यम पोर्टल के माध्यम से हुए पंजीकरण मे १८ प्रतिशत महिला उद्यमी होने की जानकारी भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान साझा की।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के ज़रिये भी छोटे स्तर के स्वयंरोजगार के लिए काम करनेवालों को काफी बड़े अवसर प्राप्त हुए हैं।  साल २०१४ के बाद इस योजना के तहत ४० लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ हैं। इस अवधि में १४ हज़ार करोड़ रुपयों की सहुलियत नए उद्यमियों को प्रदान हुई हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

खादी ग्रामोद्योग की बिक्री पिछले आठ सालों में चार गुना बढ़ी हैं। आनेवाले समय में भी ‘एमएसएमई’ क्षेत्र का विकास और समृद्धी के लिए आवश्‍यक नीति अपनाने का निर्णय केंद्र सरकार ने किया हैं और इसके लिए आवश्‍यक कदम बढ़ाएँ जाएँगे, ऐसी गवाही प्रधानमंत्री ने दी। इसके लिए ‘आरएएमपी’ यानी ‘रेजिंग ॲण्ड एक्सलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मन्स’ नामक नई योजना लागू की गई हैं। इस योजना के लिए कुल छह हज़ार करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया हैं।

इस वजह से राज्यों में ‘एमएसएमई’ का दायरा अदिक बढ़ेगा और इस क्षेत्र में शीघ्रता से विकास होगा, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया हैं। इसका आत्मनिर्भर भारत अभियान को काफी बड़ा लाभ होगा, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इसकी अहमियत रेखांकित की।

Leave a Reply

Your email address will not be published.