दो कंपनियों पर कार्रवाई करके अमरिका की पाकिस्तान सरकार को चेतावनी

वाशिंग्टन – परमाणु शस्त्र से संबंधित अवैध कामकाज करने का आरोप करके अमरिका ने पाकिस्तान के दो कंपनियों पर प्रतिबंध घोषित किए हैं। विदेश मंत्री माइक पौम्पिओ के पाकिस्तान दौरे से पहले अमरिका ने यह कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के कुछ ही घंटे पहले पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अपनी सरकार अमरिका की एकतर्फी मांग मंजूर नहीं करेगी ऐसा घोषित किया था। उस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने यह कार्रवाई करके पाकिस्तान की नई सरकार को कड़ी चेतावनी दी है।

‘टेक्नोलॉजी लिंक प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘टेक केयर सर्विस एफजेड’ इन दो कंपनियों पर अमरिका ने प्रतिबंध घोषित किये है। उनमें से एक कंपनी पाकिस्तान से तो दूसरी कंपनी सऊदी अरेबिया, संयुक्त अरब अमीरात इन देशों में कार्यान्वित है। यह कंपनियां अमरिका से संवेदनशील सामग्री प्राप्त करने के लिए प्रयत्न कर रही थी। आखिर में यह सामग्री पाकिस्तान में पहुंचाया जानेवाली थी एवं परमाणु शस्त्र से संबंधित होने वाले साहित्य और असुरक्षित हाथों में पडने का खतरा निर्माण हुआ था। इस संदर्भ में दोनों कंपनियों ने दी जानकारी मे बदमाशी थी, ऐसा उनके जांच में स्पष्ट होने की जानकारी अमरिका ने घोषित की है।

अमरिका के ‘एक्सपोर्ट एमिनिस्ट्रेशन रेग्युलेशन’ (ईआयआर) इन दोनों कंपनियों का समावेश एंट्री लिस्ट में करते हुए यह जानकारी दी गई है। अमरिका की इस घोषणा के बाद पाकिस्तान पर दबाव बढ़ सकता है। इस घोषणा के कुछ ही घंटे पहले पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अमरिका की एक तरफा मांग मंजूर ना करने कि बात घोषित की थी। तथा पाकिस्तान बराबरी के नाते से अमरिका के साथ चर्चा करने का दावा भी इम्रान खान ने किया था।

इससे पहले के समय में अमरिका के साथ पाकिस्तान ने किए देश विघातक करार रद्द किए जाएंगे, ऐसा इम्रान खान ने कहा था। इनमें पाक अफगानिस्तान में अमरिका के लष्करी मुहिम को सहायता करने के बारे में किये करारो का समावेश होने के संकेत इम्रान खान ने दिए थे। अमरिका के विदेश मंत्री माइक पौम्पिओ इनके दौरे से पहले इम्रान खान ने पाकिस्तान की भूमिका में अब बदलाव होने के संकेत दिए थे। अमरिका के विदेश मंत्रालय ने पौम्पिओ और इम्रान खान के फोन पर चर्चा में आतंकवाद पर कार्रवाई का मुद्दा प्रस्तुत किया था। इससे भी इम्रान खान की सरकार ने इनकार किया है एवं अमरिका के विदेश मंत्रालय ने यह दावा पीछे लेकर अपनी गलती सुधारे ऐसी मांग की थी।

ऐसे दावे करके एवं अमरिका को कड़े शब्दों में संदेश देकर अपनी सरकार इससे पहले की सरकारों से अलग है, ऐसा इम्रान खान पाकिस्तानी जनता को दिखा रहे हैं। पर उनका यह साहस देश को महंगा पड़ सकता है, ऐसी चेतावनी कई विश्लेषकों ने दी थी। यह चेतावनी अमरिका ने वास्तव में लानी शुरू कर दी है।

दो कंपनियों पर कार्रवाई करके अमरिका ने पाकिस्तान के नई सरकार का दिमाग ठिकाने पर लाने के लिए चेतावनी देनी शुरू की है। उसके बाद पाकिस्तान के सरकार ने अमरिका विरोधी भूमिका ली तो उसके परिणाम भयानक हो सकते हैं, इसका एहसास अमरिका ने यह कार्रवाई करके दिलाया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर आने से पहले इम्रान खान ने अमरिका ने अफगाणिस्तान में शुरू की आतंकवाद विरोधी युद्ध को विरोध किया था। तत्कालीन हुकुमशाह परवेज मुशर्रफ ने अमरिका इस युद्ध में साथ देकर पाकिस्तान की अवस्था जटिल की है, ऐसा इम्रान खान का कहना है। तथा उस समय यह निर्णय नही लिया होता तो पाकिस्तान पर लष्करी कार्रवाई करने का अवसर अमरिका को मिला होता, ऐसा मुशर्रफ ने इम्रान खान के आक्षेपों को उत्तर देते हुए कहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.