जिनपिंग द्वारा कम्युनिस्ट पार्टी में बदलाव करने का इशारा

Jinping-Communists-Partyबीजिंग – चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी का २० वां अधिवेशन इस वर्ष के अन्त में आयोजित किया जा रहा है। यह अधिवेशन महासचिव और राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की पार्टी और देश पर पकड़ अधिक मज़बूत करनेवाला साबित होगा, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन, इसी के साथ जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी में बड़े बदलाव करेंगे, यह संकेत भी दिए गए हैं। यह गतिविधियाँ जिनपिंग का ‘लीडरशीप कल्ट’ तैयार करनेवाली साबित होगी, ऐसे दावे माध्यम और विश्‍लेषक कर रहे हैं।

जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी और चीन का नियंत्रण स्वीकारने की घटना को इस वर्ष एक दशक पूरा हो रहा है। इस एक दशक में शासक कम्युनिस्ट पार्टी और चीन की अंदरुनि व्यवस्था में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार पार्टी, सेना और देश पर अपनी पकड़ अधिकाधिक मज़बूत करनेवाले निर्णय किए हैं।

वर्ष २०१८ में जिनपिंग ने राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए निर्धारित उम्र एवं अवधि की समय सीमा रद की थी। इसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा में शी जिनपिंग थॉट के रूप में अपनी नीति और सोच का समावेश करने के लिए मज़बूर किया था। जिनपिंग ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी पर नियंत्रण रखनेवाले सेंट्रल मिलिटरी कमिशन का प्रमुख पद भी अपने हाथों में लेने की सफलता हासिल की थी। इसके बाद पिछले वर्ष चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी ने ‘द डॉक्युमेंट’ के तौर पर पहचाना जानेवाला प्रस्ताव भी पारित किया है।

China-Parliamentइस पृष्ठभूमि पर जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी की ‘सेंट्रल कमिटी’ के साथ ‘पॉलिटब्युरो’ और ‘मिलिटरी कमिशन’ में बड़े बदलाव करेंगे, ऐसा कहा जा रहा है। अब तक शासक कम्युनिस्ट पार्टी में वरिष्ठ पद पर पार्टी के संस्थापक माओ की क्रांती के दौर में जन्म लेनेवाले नागरिकों का समावेश था। लेकिन, इस बार ‘सेंट्रल कमिटी’ के साथ ‘पॉलिटब्युरो’ में भी चुने गए सदस्यों में १९६० के दशक के नागरिकों का समावेश होगा। यह सदस्य कम्युनिस्ट पार्टी के बंद दायरे के बजाय मुक्त बाज़ार पर आधारित विचार धारा के पुरस्कर्ता होंगे, ऐसा कहा जा रहा है।

इसके बावजूद जिनपिंग के स्वरूप में इस नए गुट पर पुरानी विचारधारा का ही नियंत्रण रहेगा, ऐसा कहा जा रहा है। पूरा नियंत्रण अपने हाथों में रखने के लिए जिनपिंग लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सामाजिक स्थिरता के मुद्दों पर जोर दे रहे हैं। कुछ दिन पहले शासक कम्युनिस्ट पार्टी के पॉलिटिकल एवं लीगल वर्क कमिटी को जिनपिंग ने यही सलाह देने की बात सामने आयी। इसी के साथ कम्युनिस्ट हुकूमत की पकड़ को खतरा साबित होगा, ऐसी डिजिटल व्यवस्था के खिलाफ कार्रवाई करने का इशारा भी दिया गया है। चीन में ‘डिजिटल इकॉनॉमी का विकास ‘अनहेल्दी’ होने का दावा करके इस पर अधिक प्रतिबंध एवं नियंत्रण लगाए जाने के संकेत जिनपिंग ने दिए हैं।

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