दुर्लभ खनिज क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए यूरोपिय महासंघ की तैयारी – दो अरब डॉलर्स का होगा निवेश

electric-vehicle-china-eu-1ब्रुसेल्स/बीजिंग – ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ अर्थात दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र को लेकर चीन पर निर्भरता कम करने के लिए यूरोप ने कदम उठाए है। ‘यूरोपियन रॉ मटेरियल्स अलायन्स’ नामक गुट ने ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ क्षेत्र में दो अरब डॉलर्स निवेश करने की सिफारिश की है। यह गुट यूरोपिय महासंघ द्वारा स्थापित किया गया है और इस गुट ने यूरोपिय देश दुर्लभ खनिज प्राप्त करने में काफी हद तक चीन पर निर्भर होने की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

स्मार्टफोन, कम्प्युटर्स एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इस्तेमाल हो रहे ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ का सबसे बड़े उत्पादक के तौर पर चीन पहचाना जाता है। बीते वर्ष ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ के बाज़ार का ८० प्रतिशत से अधिक हिस्सा चीन के पास था। इसका चीन राजनीतिक कारणों के लिए इस्तेमाल करके पूरे विश्‍व को घेर सकता है, इस बात पर विश्‍लेषकों ने पहले ही ध्यान आकर्षित किया था। चीन के इस वर्चस्व को चुनौती देने के लिए अमरीका ने अपनी कोशिशें शुरू की हैं और ‘रेअर अर्थ इनिशिएटिव’ नामक उपक्रम भी शुरू किया है। इसमें नौं देश शामिल हैं। अमरीका के बाद अब यूरोप ने भी इसी दिशा में अपनी कोशिशें शुरू की हैं।

electric-vehicle-china-eu-2कोरोना की महामारी की वजह से चीन के उत्पादन और आपूर्ति प्रभावित हुए थे। इस पृष्ठभूमि पर वैश्‍विक स्तर के ‘सप्लाई चेन मॉडेल’ यानी आपूर्ति की श्रृंखला में बदलाव लाने की कोशिश शुरू हुई है। इसी के हिस्से के तौर पर यूरोपिय महासंघ ने ‘यूरोपियन रॉ मटेरिअल्स अलायन्स’ का गठन किया था। इस गुट ने अपनी रपट सिफारिशों के साथ पेश की है और इसमें दो अरब डॉलर्स के निवेश का समावेश है।

‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ के खदानों से मैग्नेट के उत्पादन से संबंधित १४ योजनाओं पर जोर देने की सिफारिश यूरोपिय गुट ने की है। यूरोप के ‘ग्रीन ऐण्ड डिजिटल ट्रांज़िशन’ का ज़िक्र करके इसके लिए यूरोपिय देश काफी हद तक चीन पर निर्भर रहने का अहसास इस रपट में कराया गया है। भविष्य में चीन अपने ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ का उत्पादन प्रमुखता से चीनी उद्योगों के लिए ही कर सकता है, ऐसी चिंता यूरोपिय गुट ने व्यक्त की है। इसलिए यूरोपिय देशों को अन्य देशों में मौजूद ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ के विकल्पों का विचार करना जरुरी है, ऐसा सुझाव ‘यूरोपियन रॉ मटेरिअल्स अलायन्स’ ने दिया है।

यूरोपियन गुट की रपट और दो अरब डॉलर्स निवेश की सिफारिश यही संकेत स्पष्ट तौर पर दे रहे हैं कि, यूरोपिय देश और चीन के ताल्लुकात पहले की तरह नहीं रहे। यूरोप की संसद ने बीते महीने में ही ताइवान के साथ संबंध मज़बूत करने का निर्णय किया था। इससे पहले चीन के साथ किए गए निवेश संबंधी समझौता भी स्थगित किया था।

इस पृष्ठभूमि पर चीन से हो रहा ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ का आयात कम करने के लिए यूरोपिय महासंघ ने उठाए कदम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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