प्रधानमंत्री की राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के साथ वर्चुअल चर्चा

नवी दिल्ली/वॉशिंग्टन – ‘डेमोकॅ्रसीज् कॅन डिलिव्हर’ ऐसी घोषणा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में दी थी। उसकी याद करा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के साथ की वर्चुअल द्विपक्षीय चर्चा में, भारत और अमरीका इन दुनिया के सबसे पुराने और बडे लोकतंत्रवादी देशों के बीच के सहयोग का महत्त्व अधोरेखित किया। साथ ही, दोनो देशों के बीच होनेवाली टू प्लस टू चर्चा से पहले इस वर्चुअल चर्चा के लिए पहल करने के कारण भी प्रधानमंत्री मोदी ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष का शुक्रिया अदा किया ।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग की, अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन के साथ टू प्लस टू चर्चा संपन्न होगी। उससे पहले दोनों देशों के नेताओं के बीच हो रही इस वर्चुअल चर्चा से 2 प्लस टू चर्चा को गति मिलेगी, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ाहिर किया है। पिछले साल सितंबर महीने में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से हुई मुलाकात का हवाला प्रधानमंत्री मोदी ने दिया। उस समय राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने यह भरोसा ज़ाहिर किया था कि दुनिया के ये दो बड़े लोकतंत्रवादी देश वैश्विक समस्याओं को सुलझा सकते हैं। उसकी याद भी प्रधानमंत्री मोदी ने करा दी।

इन दिनों युक्रेन में घनघोर युद्ध जारी होकर, यहाँ भारत के बीस हज़ार से अधिक नागरिक फँसे हुए थे। इनमें छात्रों की संख्या अधिक थी। इन सबको युक्रेन से सुरक्षित रूप में बाहर निकालने के लिए युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदोमिर झेलेन्स्की और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन से अपनी चर्चा संपन्न हुई थी। इस चर्चा में मैंने आवाहन किया था कि ये दोनों नेता चर्चा के ज़रिए इस समस्या को सुलझाएँ। साथ ही, ठेंठ चर्चा से ही इस मसले का हल निकलेगा, ऐसा सुझाव भी मैंने दिया था, इस पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने गौर फरमाया।

उसी के साथ, युक्रेन स्थित बुचा में हुए हत्याकांड का भारत ने कड़े शब्दों में निषेध दर्ज़ किया था। भारत की संसद में युक्रेन के युद्ध पर गहराई से चर्चा संपन्न हुई थी। चर्चा के ज़रिए ही इस समस्या का हल निकलेगा, ऐसा विश्वास भारतीय संसद ने व्यक्त किया, ऐसा प्रधानमंत्री ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से हुई चर्चा में स्पष्ट किया। साथ ही, भारत में युक्रेन को की हुई मानवीय सहायता की जानकारी भी प्रधानमंत्री ने इस चर्चा में दी। इसी बीच, भारत युक्रेन के मुद्दे पर ठोस भूमिका अपनाने के लिए तैयार नहीं है, ऐसी आलोचना बायडेन प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही है। लेकिन युक्रेन के मुद्दे पर भारत जो निष्पक्षता अपना रहा है, वह निश्चित ऐसी विदेश नीति से उभरी है, इसका एहसास प्रधानमंत्री मोदी ने इस चर्चा में करा दिया है।

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