‘समिट ऑफ अमरीकाज्‌’ की पृष्ठभूमि पर वेनेजुएला के साथ मध्य अमरीका के हज़ारों शरणार्थियों का झुंड़ अमरीका की ओर

वॉशिंग्टन – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने लैटिन और मध्य अमरिकी देशों की परिषद का आयोजन करने के दौरान ही इन देशों से हज़ारों शरणार्थियों का झुंड़ अमरीका की ओर बढ़ने की बात सामने आयी है। सोमवार को ग्वाटेमाला और मेक्सिको की सीमाओं से आगे बढ़े इस झुंड़ में लगभग १० हज़ार से अधिक शरणार्थि होने की बात कही जा रही है। अमरीका की ओर बढ़े शरणार्थियों का यह अब तक का सबसे बड़ा झुंड़ होने का दावा अमरिकी माध्यमों ने किया है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन द्वारा शरणार्थियों को दिए गए आश्वासनों को पूरा करें, यह माँग शरणार्थियों ने की।

अमरीका के बायडेन प्रशासन ने लॉस एंजेलिस में ‘समिट ऑफ अमरीकाज्‌’ परिषद का आयोजन किया है। सोमवार को शुरू हुए इस परिषद में अमरीका के साथ ३१ देश शामिल हैं। इस परिषद में शरणार्थियों का मुद्दा प्रमुखता से केंद्र स्थान पर होने की बात कही जा रही है। बायडेन प्रशासन ने इस मुद्दे का हल निकालने के लिए नई योजना तैयार की है और इसमें लैटिन और मध्य अमरिकी देशों को शामिल करने के संकेत दिए हैं। साथ ही मध्य और लैटिन अमरिकी देश शरणार्थियों से संबधित नीति में लगातार बदलती हुई भूमिका पर आपत्ति दर्ज़ करेंगे, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं।

इसी पृष्ठभूमि पर मेक्सिको-ग्वाटेमाला सीमा से निकला हज़ारों शरणार्थियों का झुंड़ बायडेन प्रशासन की समस्या बढ़ा सकता है। बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष पद की बागड़ोर संभालने के बाद यह शरणार्थियों का अब तक का सबसे बड़ा झुंड़ होने का दावा माध्यमों ने किया है। फिलहाल इस झुंड़ में १० हज़ार से अधिक शरणार्थि शामिल हैं और अमरिकी सीमा तक पहुँचने तक इनकी संख्या बढ़कर १५ हज़ार हो सकती है, ऐसा कहा जा रहा है। बायडेन के कार्यकाल में अमरिकी सीमा की दिशा में बढ़ रहा झुंड़ ग्वाटेमाला और मेक्सिको में ही रोका गया था।

लेकिन, फिलहाल मेक्सिको की सरकार बायडेन प्रशासन से नाराज़ होने से मेक्सिकन यंत्रणा इस झुंड़ को रोकेगी कि नहीं, इसकी आशंका है। यह शरणार्थी यदि अमरीका-मेक्सिको सीमा पर दाखिल हुए तो अमरिकी यंत्रणाओं पर भारी दबाव बन सकता है। पिछले वर्ष के दौरान अमरीका में लाखों शरणार्थियों की घुसपैठ हुई है और इससे अमरीका के सीमा और सुरक्षा यंत्रणाओं पर भारी भार पड़ा है। अमरिकी सीमा पर स्थित राज्य बायडेन की नीति के खिलाफ पहले से ही शिकायत कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में नए शरणार्थी दाखिल होना अमरीका में राजनीतिक तनाव अधिक तीव्र करनेवाला साबित हो सकता है।

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अमरीका में पहुँचे एवं घुसपैठी शरणार्थियों के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनायी थी। मेक्सिको की सीमा से घुसपैठ कर रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए ‘मेक्सिको वॉल’ का निर्माण करने के साथ ही ‘रिमेन इन मेक्सिको’ जैसी नीति का भी कार्यान्वयन किया था। मेक्सिको से पहुँच रहे शरणार्थियों के झुंड़ रोकने के लिए आपातकाल का ऐलान करके सेना तैनात करने की चेतावनी भी ट्रम्प ने दी थी। इस आक्रामक भूमिका की वजह से मेक्सिको और अन्य देश सुरक्षा यंत्रणा तैनात करके शरणार्थियों के झुंड़ों को रोकने के लिए मज़बूर हुए थे। ट्रम्प के निर्णय से सीमा से घुसपैठ करनेवाले शरणार्थियों की संख्या में बड़ी गिरावट देखी गयी थी।

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