तालिबान के उज़बेक गुट का काबुल के नेतृत्व को इशारा

taliban-uzbek-kabul-1मेमाना – ‘तालिबान के नेतृत्व ने हमारे कमांड़र को रिहा नहीं किया तो इसके आगे फरयाब प्रांत पर कभी भी तालिबान का झंड़ा लहराने नहीं देंगे’, यह इशारा तालिबान के उज़बेक गुट के उप-प्रमुख ने दिया। तालिबान द्वारा काबुल पर कब्ज़ा करने के पांच महीने बीत रहे हैं और ऐसे में तालिबान के गुटों में मतभेद सामने आ रहे हैं। इनमें से कुछ गुटों ने काबुल के नेताओं को सीधी चेतावनी दी है। यह अंदरुनि संघर्ष अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत को झटके देता हुआ स्पष्ट दिख रहा है।

चार दिन पहले तालिबान के पश्तु गुट ने मज़ार-ए-शरीफ क्षेत्र से ‘मखदूम आलम’ नामक तालिबानी कमांड़र को गिरफ्तार किया। तालिबानी हुकूमत के उप-रक्षामंत्री मुल्ला फज़ेल के आदेश से यह कार्रवाई होने का ऐलान तालिबान ने किया। मखदूम आलम तालिबान के फरयाब जावज़ान और सर-ए-पुल प्रांत का कमांडप्रमुख था। इसके अलावा मखदूम आलम की पहचान तालिबान के उज़बेक गिरोह के सबसे बडे कमांड़र और धार्मिक नेता के तौर पर भी है। इसलिए उसकी गिरफ्तारी के बाद फरयाब प्रांत में उज़बेक गुटों ने गुस्सा व्यक्त किया।

taliban-uzbek-kabul-2१२ जनवरी को उज़बेक गिरोह ने फरयाब प्रांत की राजधानी मेमाना में स्थित तालिबान के मुख्यालय पर जाकर अन्य तालिबानियों को निशस्त्र किया। साथ ही मखदूम आलम की रिहाई की माँग भी की। उज़बेक गिरोह की इस कार्रवाई के फोटो और वीडियो स्थानीय माध्यमों में प्रसिद्ध हुए थे। इसके बाद काबुल में तालिबान के नेतृत्व ने फरयाब प्रांत में आपातकाल का ऐलान करके मखदूम आलम के समर्थकों को इशारा दिया था।

इसके बाद दो दिनों में ही तालिबान ने फरयाब प्रांत से ताजिक गिरोह के बडे कमांड़र कारी वकील को भी हिरासत में लिया। मखदूम की रिहाई को लेकर बातचीत करनी है, ऐसा कहकर तालिबान ने कारी वकील को मज़ार-ए-शरीद में बुलाकर यह कार्रवाई की। इस तरह से तालिबान ने फरयाब प्रांत में दो गिरोहों के प्रमुखों को गिरफ्तार किया है। उज़बेक गिरोह के उप-प्रमुख तुर्क ओग्लू ने मखदूम की गिरफ्तारी पर तालिबान के नेतृत्व को धमकाया है। कुछ दिन पहले तालिबान के वरदार और लाघमानी गिरोहों के बीच भी तीव्र मतभेद निर्माण होने की खबरें प्राप्त हुई थीं। वरदाक और लाघमानी गिरोहों के प्रमुखों ने एक-दूसरे को खत्म करने की धमकियाँ दी थीं। तालिबान के नेतृत्व की हमें परवाह ना होने के संकेत भी इन दोनों गिरोहों के प्रमुखों ने दिए हैं। इस वजह से काबुल में तालिबान के नेतृत्व का नियंत्रण छूटता हुआ दिख रहा है।

इसी बीच, कुछ दिन पहले ही तालिबान ने अफ़गानिस्तान के पड़ोसी उज़बेकिस्तान और ताजीकिस्तान को धमकाया था। पांच महीने पहलें अफ़गान पायलट और इंजिनियर्स विमान और हेलीकॉप्टर्स लेकर आश्रय पाने के लिए पड़ोसी देशों में चले गए थे। उज़बेकिस्तान और ताजिकिस्तान वे विमान हमें लौटाएँ, यह माँग करते हुए तालिबान ने पड़ोसी देशों को गंभीर परिणामों की धमकी दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.