काबुल हवाई अड्डे पर विस्फोट करनेवाली ‘आयएस-खोरासन’ और तालिबान से ताल्लुकात

अफ़गानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्राध्यक्ष अमरुल्लाह सालेह

IS-Khorasan-Taliban-Saleh-01पंजशीर/काबुल – हमारे ‘आयएस-खोरासन’ गुट से ताल्लुकात ना होने का बयान कर रही तालिबान उसकी मालिक यानी पाकिस्तान से चालाकी से झूठ बोलना सीख चुकी है, ऐसी फटकार अफ़गानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्लाह सालेह ने लगाई। गुरूवार के दिन काबुल हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट का ज़िम्मा ‘आयएस-खोरासन’ नामक आतंकी गुट ने स्वीकारा है। इसके बाद सालेह ने तालिबान पर विश्‍वास ना करें, ऐसी सलाह अमरीका के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदय को दी है।

तालिबान ने बीते हफ्ते राजधानी काबुल में प्रवेश करके पूरे अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने का ऐलान किया था। इसके बाद राजधानी काबुल की सुरक्षा व्यवस्था तालिबान ने अपने हाथों में ली है और जगह-जगह पर सुरक्षा चौकियाँ खड़ी की हैं। काबुल के हवाई अड्डे के बाहर भी तालिबानी आतंकी गश्‍त लगा रहे हैं और अफ़गानिस्तान से बाहर जाने की कोशिश कर रहे लोगों को रोक रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर बुधवार के दिन अमरीका और ब्रिटेन की यंत्रणाओं ने काबुल हवाई अड्डे पर आतंकी हमला होने का खतरा है, यह इशारा भी दिया था।

IS-Khorasan-Taliban-Salehगुरूवार के दिन हवाई अड्डे के बाहरी ‘एबे गेट’ और ‘बैरोन होटल’ के इलाके में ‘आयएस’ के आतंकियों ने आत्मघाती विस्फोट किए। इन विस्फोटों के बाद तालिबान ने अपने सदस्य भी इन हमले में मारे जाने का दावा किया। साथ ही अफ़गानिस्तान की ‘आयएस-के’ और तालिबान के ताल्लुकात ना होने का खुलासा भी तालिबान ने किया है। लेकिन, अमरुल्लाह सालेह ने तीखे शब्दों में इसकी आलोचना की है।

‘अफ़गान यंत्रणाओं के हाथों में मौजूद पर्याप्त सबूतों में ‘आयएस-खोरासन’ गुट की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से जुड़ी होने की बात स्पष्ट दिखाई दी है। काबुल में सक्रिय ‘आयएस-के’ के गुट तालिबान से संबंध बनाए हुए हैं। इसके बावजूद तालिबन आयएस से ताल्लुकात होने से इन्कार कर रही है। इससे पहले पाकिस्तान ने भी क्वेट्टा शहर की शूरा कौन्सिल से अपना कुछ भी संबंध ना होने का बयान किया था। तालिबान का निवेदन इसी की पुनरावृत्ति है। अपने मालिक से तालिबान चालाकी से झूठ बोलना  सिखी है’, ऐसी फटकार सालेह ने लगाई।

अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त सफलता में पाकिस्तान का हाथ होने की बात स्पष्ट तौर पर सामने आने लगी है। तालिबान के प्रवक्ता ने भी पाकिस्तान का ज़िक्र अपने दूसरे घर के तौर पर करके दोनों के बीच जारी करिबियाँ दिखाई हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान का नेतृत्व इस मंशा के साथ कड़ी कोशिश में जुटा है कि, अन्य देश तालिबान को स्वीकृति प्रदान करें, यह बात भी सामने आ रही है। इस पृष्ठभूमि पर काबुल हवाई अड्डे पर हुआ हमला ध्यान आकर्षित करनेवाली घटना है और इस वजह से अफ़गानिस्तान में अधिक अराजकता फैली है। ऐसी स्थिति में काबुल हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट में तालिबान की ही हाथ है, यह बयान करके सालेह ने तालिबान के शब्दों पर भरोसा ना करने की सलाह अमरीका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दी है।

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