अमरिकी डॉलर शीर्ष स्थान खोने का खतरा – प्रमुख ‘गोल्डमन सैक्स’ वित्तसंस्था का इशारा

वॉशिंग्टन – अमरिकी डॉलर ने वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख मुद्रा का पाया हुआ स्थान खोने का खतरा है, ऐसा इशारा गोल्डमन सैक्स नामक प्रमुख वित्तसंस्था ने दिया। रशिया पर लगाए गए सख्त प्रतिबंध और अमरिकी अर्थव्यवस्था पर विदेशी कर्ज़ का भार, यह मुद्दे डॉलर का प्रभाव कम करने की वजह बनेंगे, यह इशारा भी गोल्डमन सैक्स ने अपनी ‘रिसर्च नोट’ में दिया है। २०वीं सदी के आरंभ में ब्रिटीश पौंड़ के सामने जो चुनौतियां खड़ी हुई थीं, वैसी ही चुनौतियाँ अमरिकी डॉलर के समक्ष होने का अहसास भी प्रमुख वित्तसंस्था ने कराया।

अमरिकी डॉलर शीर्ष स्थान खोने का खतरा - प्रमुख ‘गोल्डमन सैक्स’ वित्तसंस्था का इशाराकुछ दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष एवं अमरीका के प्रमुख अध्ययन मंड़ल ने भी डॉलर के बारे में खतरे का इशारा दिया था। पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर आर्थिक कार्रवाई करने के बाद विश्‍व के कुछ प्रमुख देश अपनी विदेशी मुद्रा भंड़ार में डॉलर की मात्रा फिर से तय करने की बात सोच सकते हैं, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने दिया था। तो, अमरीका द्वारा प्रतिबंधों का किया गया इस्तेमाल कई देशों को डॉलर से दूर ले जा सकता है, ऐसा ‘इन्स्टीट्यूट फॉर द एनालिसिस ऑफ ग्लोबल सिक्युरिटी’ ने कहा था।

अमरीका के साथ विश्‍व की शीर्ष वित्तसंस्था के तौर पर जानी जा रही ‘गोल्डमन सैक्स’ ने कुछ दिन पहले जारी किए ‘रिसर्च नोट’ में डॉलर संबंधित इशारा दिया है। ‘ब्रिटीश पौंड ने प्रमुख चलन के तौर पर पाया हुआ स्थान खोने से पहले उसके समक्ष कई चुनौतियाँ खड़ी हुई थीं। अब डॉलर के सामने भी इसी तरह की चुनौतियाँ हैं। अमरिकी डॉलर शीर्ष स्थान खोने का खतरा - प्रमुख ‘गोल्डमन सैक्स’ वित्तसंस्था का इशाराकिसी समय पौंड वैश्‍विक अर्थव्यवस्था की आरक्षित मुद्रा थी। लेकिन, २०वीं सदी के मध्य में इसका स्थान अमरिकी डॉलर ने ले लिया’, इस ओर गोल्डमन सैक्स ने ध्यान आकर्षित किया।

‘वैश्‍विक व्यापार में अमरीका का मौजूदा हिस्सा तुलना में काफी कम है। इसी बीच वैश्‍विक स्तर पर हो रहे मुद्राओं के कारोबार में अभी भी अमरिकी डॉलर्स का ही वर्चस्व कायम है। विदेशी संपत्ति के मोर्चे पर अमरिकी डॉलर्स ने प्रमुख स्थान खो दिया है। इसके पीछे अमरिकी अर्थव्यवस्था पर विदेशी कर्ज़ का बढ़ता भार प्रमुख वजह बनी है। इसी बीच रशिया-यूक्रैन युद्ध जैसी भू-राजनीतिक समस्या भी अमरिकी डॉलर के लिए चिंता का मुद्दा है। अमरिकी डॉलर शीर्ष स्थान खोने का खतरा - प्रमुख ‘गोल्डमन सैक्स’ वित्तसंस्था का इशाराअमरीका, एक बड़ा आयातक देश है और इससे कर्ज़ का भार अधिक बढ़ रहा है और यह डॉलर के लिए प्रमुख समस्या बन सकती है’, ऐसा इशारा गोल्डमन सैक्स के आर्थिक विशेषज्ञों ने दिया है।

‘जीडीपी’ की तुलना में कर्ज़ की मात्रा बढ़ती रही तो विदेशी निवेशक अमरिकी डॉलर के निवेश को नजरअंदाज़ कर सकते हैं, इसका अहसास गोल्डमन सैक्स के आर्थिक विशेषज्ञों ने कराया। पिछली सदी में ब्रिटीश पौंड के साथ भी ऐसा ही हुआ था, इस पर ध्यान आकर्षित किया गया है। इसी बीच, रशिया विरोधी प्रतिबंधों की वजह से अमरिकी डॉलर और यूरो मुद्रा की प्रतिष्ठा मीट्टी में मिलने का दावा रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने किया। विश्‍व की प्रमुख मुद्रा के तौर पर बने डॉलर के स्थान को भी नुकसान पहूँचा है, ऐसा पेस्कोव ने अपने दावे में कहा है। विश्‍व के अधिकाधिक देश स्थानीय चलनों में कारोबार करने के लिए उत्सुक हैं और यह प्रक्रिया अब शुरू हुई है, यह इशारा भी रशियन प्रवक्ता ने दिया।

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