अमरिका ने सऊदी, जापान और दक्षिण कोरिया को सहुलतियों के दामों में हथियारों की आपूर्ति क्यों करें? राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प का सवाल

व्हर्जिनिया: ‘सौदी अरेबिया, जापान, दक्षिण कोरिया यह अति दौलतमंद देश हैं। ऐसा होते हुए भी अमरिका इन देशों के रक्षा बलों को आर्थिक सहायता क्यों करता है? इन देशों को इस आर्थिक सहायता की कीमत चुकानी ही पड़ेगी। लेकिन उनको इस बारे में कोई पूछता नहीं, यही समस्या है’, इन शब्दों में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरिका की तरफ से खाड़ी और एशियाई देशों को दी जाने वाली रक्षा अर्थ सहायता पर सवाल उपस्थित किए।

अमरिका, सऊदी, जापान, दक्षिण कोरिया, सहुलतियों, दामों, हथियारों, आपूर्ति, डोनाल्ड ट्रम्प, सवालट्रम्प ने लगातार अमरिका की तरफ से अन्य देशों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर सवाल खड़े किए हैं और उसके बदले में यह देश अमरिका को उचित सहकार्य नहीं कर रहे हैं, ऐसे आरोप किए हैं। पिछले वर्ष उन्होंने दक्षिण कोरिया को दिए जाने वाले ‘थाड मिसाइल सिस्टम’ पर सवाल खड़े करते हुए उसके लिए दक्षिण कोरिया ने अमरिका को एक अरब डॉलर्स देने चाहिए ऐसी माँग की थी। खाड़ी और एशियाई देशों के साथ ही ट्रम्प ने नाटो के सदस्य वाले यूरोपीय देशों को लक्ष्य किया है।

अंतर्राष्ट्रीय इंधन बाजार में वर्तमान में इंधन के दाम बढ़ रहे हैं और ट्रम्प के लिए यह मुद्दा परेशानी में डालने वाला साबित हो सकता है। अमरिका में नवम्बर में चुनाव होने वाले हैं और इस पृष्ठभूमि पर इंधन के बढ़ते दामों की वजह से अमरिका की जनता में नाराजगी बढ रही है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। यह नाराजगी मिटाने के लिए ट्रम्प ने ओपेक इन इंधन उत्पादक देशों के गुटों पर दबाव डालने की कोशिशें शुरू की हैं।

जुलाई महीने में ट्रम्प ने ओपेक का प्रमुख सऊदी अरेबिया को अमरिका की तरफ से दी जाने वाली सुरक्षा हटाने की धमकी दी थी। लेकिन उसके बाद भी सऊदी ने इंधन उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने के लिए इन्कार किया था। पिछले हफ्ते में भी सऊदी के इंधन मंत्री ने वैसा खुलकर बताया था। इस इन्कार के कारण ट्रम्प भड़क गए हैं और त्यांनी फिर एक बार लष्करी सहायता के मुद्दे पर सऊदी को लक्ष किया।

व्हर्जिनिया की एक सभा में यह मुद्दा उपस्थित करते समय शनिवार को अपनी सऊदी अरेबिया के राजा सलमान के साथ फोन पर चर्चा होने की जानकारी ट्रम्प ने दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.