अमरीका द्वारा सबसे खतरनाक ‘एटमी बम’ का निर्माण

वॉशिंग्टन, दि. १६ (वृत्तसंस्था)- स्टेल्थ लड़ाकू प्लेन से दागे जानेवाले और अचूकता से निशाना साधने की क्षमता रखनेवाले ‘एटमी बम’ का निर्माण करने में अमरीका के वैज्ञानिक सफल हुए हैं| अमरीका के पास फिलहाल रहनेवाले परमाणुबम और प्रक्षेपास्त्र से भी यह ‘एटमी बम’ खतरनाक है, यह दावा सेना के विशेषज्ञों ने किया है| अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा भी इस एटमी बम का इस्तेमाल कर सकते है, ऐसी संभावना अमरीका के निवृत्त सेना अधिकारी जता रहे हैं|

b61-12-nuke-bomb- ‘एटमी बम’

पॅसेंजर विमान के निर्माण के लिए मशहूर रहनेवाली ‘बोईंग’ कंपनी ने इस ‘बी६१-१२’ एटमी बम का निर्माण किया है| अमरीका के विशेषज्ञों ने, यह एटमी बम बहुउद्देशीय होने का दावा किया है| मार्गदर्शक तंत्रज्ञान पर आधारित इस एटमी बम में पचास हजार टन विस्फोटक ढ़ोने की क्षमता है| इससे बहुत बड़ा विध्वंस हो सकता है|

लेकिन साथ ही, संघर्ष की व्याप्ति के अनुसार इस एटमी बम को तीन सौ टन विस्फोटक से भी लैस कर सकते हैं, जिससे कि बड़ा विध्वंस न करके भी अपेक्षित परिणाम प्राप्त किया जा सकता है, ऐसा सेना के विशेषज्ञों का कहना है| अमरीका की वायुसेना में शामिल स्टेल्थ बॉम्बर विमान पर यह एटमी बम फ़िट किया जा सकता है| इससे यह एटमी बम सबसे ख़तरनाक साबित हो सकता है, ऐसी चेतावनी विशेषज्ञों ने दी है|

अमरीका के ‘स्टॅट्रेजिक कमांड’ के पूर्व प्रमुख जनरल जेम्स कॅटराईट ने, अमरीका की समाचार वाहिनी को दिये इंटरव्यू में ‘बी६१-१२’ के निर्माण पर प्रतिक्रिया दी| अमरीका रक्षा विभाग के पास एक ऐसा ‘बी६१-१२’ एटमी बम जैसा शस्त्र है, जिसे संघर्ष के दौरान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष यक़ीनन इस्तेमाल कर सकेंगे, ऐसा मत जनरल कॅटराईट ने ज़ाहिर किया| लेकिन अमरिकी सेना के कुछ अधिकारी इस एटमी बम के इस्तेमाल पर सन्देह उपस्थित कर रहे हैं|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने ‘बी ६१-१२’ के निर्माण को मंज़ुरी दी, यह  जानकारी अमरीका के ‘नॅशनल सिक्युरिटी ऍडमिनिस्ट्रेशन’ (एनएसए) ने दी| इस एटमी बम का सब परीक्षण पूरा हो चुका है और सन २०२० तक यह एटमी बम अमरीका की सेना के पास होगा, यह दावा भी ‘एनएसए’ ने किया|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने, अमरीका के परमाणु बम की संख्या कम करने की घोषणा की थी| इसके लिए अमरीका ने कुछ साल पहले, रशिया के  साथ ‘स्टार्ट’ समझौता भी किया था| लेकिन अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने इस ‘बी६१-१२’ एटमी बम के निर्माण और आधुनिकीकरण के लिए इजाज़त देकर उसके लिए एक ट्रिलियन डॉलर्स के प्रावधान की घोषणा की है|

इस दौरान, ‘बी६१-१२’ एटमी बम के निर्माण के आदेश देने के बाद, अमरीका की सेना में इस एटमी बम की माँग बढ़ गयी है, यह जानकारी सामने आयी है| जर्मनी के विख्यात मॅगज़िन ने दी जानकारी के अनुसार, अमरीका ये एटमी बम जर्मनी के अपने सेना के अड्डे पर तैनात करने के लिए कोशिश कर रही है| अमरीका को युरोप के सेना के अड्डे पर के एटमी बम के स्टॉक को पर्याप्त बनाना है और इस दिशा में अमरीका की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, यह सामने आ रहा है|

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