इस्रायल विरोधी भूमिका स्वीकार ने का आरोप करके इस्रायल और अमरिका ‘युनेस्को’ से बाहर हुए

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

पैरिस/जेरुसलम – ‘पैलस्टाईन’ का बतौर सदस्य स्वीकार करने के साथ ही इस्रायल के विरोधी भूमिका का पुरस्कार कर रहे संयुक्त राष्ट्रसंघ की ‘युनेस्को’ उपक्रम से अमरिका और इस्रायल यह दोनों देश बाहर निकले है| ‘इस्रायल विरोधी गतिविधियां करना यही उद्देश्य रख रहे और इस्रायल के दुश्मनों के हाथ का साधन बने संस्था के सदस्य बनके रहने में हमें रुचि नही है’, इन शब्दों में इस्रायल के संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त राजदूत डैनी डैनोन इन्होंने ‘युनेस्को’ से बाहर होने के वृत्त की पुष्टि की|

युनेस्को ने २०११ में पैलस्टाईन का बतौर सदस्य स्वीकार किया था| उसी समय अमरिका ने इस निर्णय पर कडी नाराजगी व्यक्त की थी| २०११ से अमरिका ने युनेस्को की वित्तीय सहायता भी रोकी थी| २०१७ में अमरिका में राष्ट्राध्यक्ष बने डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने ‘इस्रायल’ के साथ ही अन्य कई मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्रसंघ पर लगातार आलोचना करना शुरू किया था|

अक्तूबर २०१७ में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने यह ऐलान किया था की, अमरिका ‘युनेस्को’ से बाहर निकलेगी| उसके बाद इस्रायल ने भी ‘युनेस्को’ से बाहर होने का ऐलान किया था| इन दोनों देशों को उनका यह निर्णय पीछे लेने के लिए ३१ दिसंबर, २०१८ तक का समय दिया गया था| लेकिन अमरिका और इस्रायल इन दोनों देशों ने इस मसले के संबंधी तय समय में किसी भी स्वरूप की बातचीत नही की| इस वजह से यह दोनों देश ‘युनेस्को’ से बाहर हुए है, यह स्पष्ट हुआ|

अमरिका ‘युनेस्को’ से बाहर होने का यह दुसरा अवसर है| इसके पहले १९८४ में तत्कालिन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष रोनाल्ड रिगन इन्होंने ‘युनेस्को’ की सदस्यता त्यागने का ऐलान किया था| उसके बाद २००३ में युनेस्को की सदस्यता प्राप्त करके अमरिका फिर से दुबारा सक्रिय हुआ था|

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