अमरिका के दो विमानवाहक युद्धपोत का ‘फिलिपाईन्स सी’ में विशाल युद्धाभ्यास

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

टोकियो – ‘युएसएस रोनाल्ड रिगन’ और ‘युएसएस जॉन स्टेनिस’ यह दो विमानवाहक युद्धपोत, १० युद्धपोत, १५० लडाकू विमान और १२ हजार से अधिक सैनिकों के साथ अमरिका ने ‘फिलिपाईन्स सी’ में भव्य युद्धाभ्यास शुरू किया है| चीन अपना हक जता रहे सागरी क्षेत्र के समीप यह युद्धाभ्यास करके अमरिका चीन को कडी चेतावनी दे रहा है| यह युद्धाभ्यास शुरू होने से कुछही घंटे पहले अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन इन्होंने ‘साऊथ चायना सी’ में चीन की आक्रमकता बर्दाश्त नही की जायेगी, ऐसा कहा था|

जापान में तैनात अमरिका के ‘सेव्हन्थ फ्लीट’ की इन दो विमानवाहक युद्धपोतों का बेडा अगले दो दिन ‘फिलिपाईन्स सी’ में युद्धाभ्यास में शामिल होगा| यह युद्धाभ्यास सागरी और हवाई क्षेत्र की कार्यवाही का अभ्यास होगा| ‘इंडो पसिफिक’ क्षेत्र यातायात के लिये खुला है, यह इन दो अमरिकी विमानवाहक युद्धपोतों’ ने दिखाया है, ऐसा अमरिकी नौसेना के ‘सेव्हन्थ फ्लीट’ के कमांडर वाइस एडमिरल फिल सेयर इन्होंने कहा स्पष्ट किया है|

पिछले दशक में अमरिकी नौसेना ने इस क्षेत्र की स्थिरता और बरकत के लिये प्राथमिकता देने के लिये संरक्षण दिया है| इस के बाद भी अमरिकी नौसेना यह भुमिका निभायेगी, यही स्पष्ट करने के लिये यह युद्धाभ्यास हो रहा है, ऐसा वाइस एडमिरल सेयर ने कहा है| साथ ही अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत रहकर अमरिकी युद्धपोत और लडाकू विमान आत्मविश्‍वास से यात्रा कर सकते है, यह इस युद्धाभ्यास से स्पष्ट हुआ है, ऐसा कमांडर सेयर ने कहा है|

पिछले कुछ महिनों से अमरिका और चीन के बीच राजनीतिक, आर्थिक और लष्करी ऐसे सभी स्तर पर बडी मात्रा में तनाव है| अमरिका शीत युद्ध की विचारधारा में है, ऐसी आलोचना चीन ने की थी| अमरिकी उपराष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स इन्होंनी इस आलोचना पर जवाब देते समय कहा था की, चीन को शीत युद्ध नही चाहिये तो अमरिका की मांगे माननी होगी| तभी, ‘साऊथ चायना सी’ में अमरिकी युद्धपोतों की गश्ती नही रुकेगी, यह ऐलान भी अमरिकाने किया था|

इस ऐलान के बाद कुछ ही घंटो में अमरिकाने ‘फिलिपाईन्स सी’ क्षेत्र में विशाल युद्धाभ्यास की शुरूआत की है| हफ्ते पहले ‘युएसएस रिगन’ने जापान के नौसेना के साथ भी इसी तरह से विशाल युद्धाभ्यास का आयोजन किया था|

दौरान, अमरिका ने पिछले वर्ष कोरियन सागरी क्षेत्रात एक ही समय पर तीन विमानवाहक युद्धपोतों के साथ विशाल युद्धाभ्यास किया था| एटमी और पक्षेपास्त्र का परिक्षण कर रहे उत्तर कोरिया को चेतावनी देने के लिये इस युद्धाभ्यास का तभी आयोजन हुआ था|

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