अज्ञात बिमारी से मात्र ३६ घंटों में ८ करोड लोगों की मौत होगी – अंतरराष्ट्रीय अभ्यासगुट का संयुक्त राष्ट्रसंघ में इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरन्यूयॉर्क – वर्ष १९१८ में हुए स्पेनिश इन्फ्लूएंजा के जानलेवा महामारी ने दुनिया भर में लगभग ५ करोड़ से अधिक लोगों की जान गई थी| उसी धरती पर दुनिया में नए अज्ञात रोग की महामारी शुरू होने पर केवल ३६ घंटों से कम समय में ५ से ८ करोड लोगों की मौत होगी, ऐसी गंभीर चेतावनी अंतरराष्ट्रीय गुटने दी है| पिछले २ वर्षों में नए महामारी के रोग के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान केंद्रित होने का यह तीसरा अवसर है| इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट इस प्रख्यात कंपनी के प्रमुख बिल गेटस् और जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी ने अज्ञात रोग के महामारी के बारे में गंभीर चेतावनी दी थी|

जागतिक आरोग्य संघटना (हूं) एवं वर्ल्ड बैंक ने साथ आकर पिछले वर्ष ‘ग्लोबल प्रिपैडनेस मॉनिटरिंग बोर्ड’ (जीपीएमबी) इस स्वतंत्र गुट का गठन किया था| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरोग्य से संबंधित बड़े संकट से जूझने के लिए आवश्यक तैयारी रखने की जिम्मेदारी इस गुट पर सौंपी गई है| इसमें आरोग्य क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ विभिन्न स्वयंसेवी संगठन के प्रमुख एवं राजनैतिक नेताओं का समावेश है| जीपीएमबी ने हालही में विस्तृत रिपोर्ट तैयार किया है और यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्रसंघ में प्रस्तुत किया गया है|

‘अवॉर्ड एट रिस्क’ नामक इस रिपोर्ट में जागतिक स्तर पर अज्ञात रोग के महामारी के बारे में गंभीर चेतावनी दी गई है| फिलहाल दुनिया के विभिन्न भागों में शुरू एबोला, कॉलरा और चिकन पॉक्स जैसे महामारी का उल्लेख करते हुए, इससे भी भयंकर और जानलेवा रोग की महामारी फैलने का खतरा है, ऐसा रिपोर्ट में सूचित किया गया है| नए अज्ञात रोग के महामारी की व्याप्ति स्पष्ट करते हुए १०० वर्षों में अर्थात १९१८ वर्ष में हाहाकार फैलानेवाले स्पेनिश इनफ्लुएंजा इस जानलेवा बीमारी का संदर्भ दिया गया है|

स्पेनिश इनफ्लुएंजा इस जानलेवा महामारी से पिछले शतक में लगभग ५ करोड से अधिक लोगों की जान गई थी| नए अज्ञात रोग की महामारी में केवल ३६ घंटों में अथवा उससे भी कम समय में ५ से ८ करोड़ लोगों की जान जा सकती है, ऐसी सनसनीखेज चेतावनी ‘ग्लोबल प्रिपैडनेस मॉनिटरिंग बोर्ड’ ने दी है| जागतिक वित्त व्यवस्था में ५ प्रतिशत वित्त व्यवस्था हमेशा के लिए नष्ट हो सकती है, ऐसा भी रिपोर्ट में सूचित किया गया है|

आरोग्य विषयक सुविधा एवं यंत्रणा जिस देश में कमजोर है, ऐसे भागों में रोग की महामारी सबसे अधिक गतिमान रूप से फैलती है, इसकी तरफ रिपोर्ट में ध्यान केंद्रित किया गया है| आगे आनेवाली अज्ञात एवं जानलेवा महामारी को अगर रोकना है, तो सभी देश के नेता, विविध आरोग्य संगठन, यंत्रणा, स्वयंसेवी गुट साथ आकर तैयारी की जिम्मेदारी लें, ऐसा आवाहन ‘वर्ल्ड ऐट अ रिस्क’ इस रिपोर्ट में किया गया है| जिसके लिए कई साहसी कदम उठाने की आवश्यकता है, ऐसी सिफारिश भी रिपोर्ट में की गई है|

पिछले वर्ष अमरिका में ‘एपिडेमिक गोइंग वायरल’ नामक चर्चा सत्र हुआ था| इसमें माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख बिल गेटस् ने भयंकर रोग की महामारी में केवल ६ महीनों में ३ करोड़ से अधिक लोगों की जान जा सकती है, ऐसी सनसनीखेज चेतावनी दी थी| तथा अमरिका में जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी ने ‘कैरेक्टरीस्टिक्स ऑफ इमिटेशन’ नामक रिपोर्ट में नई अज्ञात महामारी हवा द्वारा सांस के मार्ग से फैल सकती है एवं करोड़ों लोगों की जान जा सकती है, ऐसा सूचित किया था|

जागतिक आरोग्य संगठन ने ‘ब्लूप्रिंट लिस्ट ऑफ प्रायोरिटी डिसीज’ प्रसिद्ध किया है और इसमें ‘डिसीज एक्स’ नामक रोग का उल्लेख होकर बायोलॉजिकल म्यूटेशंस की सहायता से इसका निर्माण किया जा सकता है, इसकी तरफ ध्यान केंद्रित किया है|

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