डेन्मार्क घुसपैठी शरणार्थियों को निकाल बाहर करेगा – संसद में नए कानून को मंजूरी

Third World Warकोपनहेगन: डेन्मार्क में घुसपैठ किए हुए और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भेजे जा रहे शरणार्थियों को पनाह देने के बजाए उन्हें देश के बाहर निकालने का निर्णय डेन्मार्क सरकार ने किया है| इस प्रावधान के लिए गुरूवार के दिन डेन्मार्क के संसद ने एक कानून को मंजूरी दी| डेन्मार्क का यह नया कानून इस देश की शरणार्थियों को लेकर अपनाई भूमिका में हुआ बडा बदलाव है और अन्य यूरोपीय देशों में भी इसकी गुंज सुनाई देने की संभावना है|

डेन्मार्क, घुसपैठी शरणार्थियों, निकाल बाहर, संसद, नए कानून, मंजूरी, कोपनहेगननए कानून के नुसार डेन्मार्क में पनाह लेने ले लिए शरणार्थी स्थानिय जनता में एक होकर रहे, इस हेतू से किए जा रही सभी कोशिशें पूरी तरह बंद की जाएगी| इसके बजाए शरणार्थी जिस देश से पहुंचे होंगे उसी देश में उन्हें वापस भेजने पर जोर दिया जाएगा| इसमें संयुक्त राष्ट्रसंघ जैसी अंतरराष्ट्रीय संघटना से भेजे जा रहे शरणार्थियों का भी समावेश रहेगा| शरणार्थियों के लिए सरकार से दी जा रही सहुलियत कम करने का निर्णय हुआ है|

नए कानून की वजह से पुख्ता कितने शरणार्थियों को वापस भेजा जाएगा, इसकी संख्या स्पष्ट नही हो रही है| लेकिन, देश में मौजूद शरणार्थियों की संख्या में बडा फरक हो सकता है, ऐसी उम्मीद है, इन शब्दों में डेन्मार्क के ‘इमिग्रेशन ऍण्ढ़ इंटिग्रेशनन विभाग के मंत्री इन्गर स्टॉजबर्ग इन्होंने इस कानून का समर्थन किया|

पिछले कुछ महीनों से डेन्मार्क ने शरणार्थियों के विरोध में लगातार आक्रामक भूमिका अपनाई है और नया कानून उसीका हिस्सा होने की बात दिख रही है| कुछ महीनों पहले डेन्मार्क सरकार ने नए ‘फायनान्स ऍक्ट’ के माध्यम से शरणार्थियों को देश की मुख्य भूमि से दूर एक द्विप पर रखने का प्रस्ताव रखा था| इससे पहले देश में पहुंच रहे शरणार्थियों से किमती सामान कब्जे में लेने का प्रावधान भी डेन्मार्क के कानून में किया गया था|

पिछले चार वर्षों में डेन्मार्क में लगभग ५० हजार शरणार्थी पहूंचे होने की बात मानी जा रही है|

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