ईरान की ‘मानवतावादी आयात’ पर लगाए प्रतिबन्ध अमरिका वापस ले – अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश

हेग/वॉशिंग्टन: अमरिका, ईरान की तरफ से आयात की जाने वाली ‘मानवतावादी’ सहायता से संबंधित उत्पादनों पर लगाए प्रतिबन्ध उठाए, ऐसे आदेश संयुक्त राष्ट्रसंघ के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने दिए हैं। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने मई महीने में ईरान के परमाणु अनुबंध से पीछे हटने की घोषणा करके ईरान पर कठोर प्रतिबन्ध लगाए थे। इन प्रतिबंधों के खिलाफ ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी। लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने ईरान के खिलाफ लगाए प्रतिबन्ध अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अन्तर्गत नहीं आते हैं, ऐसी भूमिका अपनाकर इस याचिका का विरोध किया था।

ईरान, मानवतावादी आयात, लगाए, प्रतिबन्ध, अमरिका, वापस ले, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, आदेश, हेग, वॉशिंग्टन‘ईरान को दवाइयां, चिकित्सा उत्पादन, अनाज, कृषि उत्पादन और नगरी हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक घटकों की निर्यात करने के लिए किसी भी प्रकारकी रुकावटें होंगी तो अमरिका तत्काल उन्हें हटाए’, ऐसे आदेश संयुक्त राष्ट्रसंघ के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने दिए हैं। अमरिका को यह आदेश देते समय, दोनों देश वर्तमान का विवाद अधिक भडके ऐसे कदम न उठाएँ, ऐसे निर्देश भी दिए हैं। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के इस आदेश को अगली सुनवाई में चुनौती दी जाएगी, ऐसे अमरिका ने संकेत दिए हैं।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के यह आदेश बंधनकारक हैं। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अबतक ली हुई भूमिका को देखा जाए तो ट्रम्प इन आदेशों का पालन करने की संभावना कम ही है, ऐसा विश्लेषकों ने दावा किया है। ट्रम्प ने इसके पहले लगातार संयुक्त राष्ट्रसंघ, सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्रसंघ का मानवाधिकार आयोग इन यंत्रणाओं की तीव्र आलोचना की है। इन सभी यंत्रणाओं को अमरिका की तरफ से प्रचंड आर्थिक सहायता और मदद मिलती है, ऐसा होते हुए भी यह लगातार अमरिका के खिलाफ भूमिका लेते हैं, ऐसा आरोप ट्रम्प ने किया था।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की तरफ से होने वाले अमरिका विरोधी फैसलों के निषेध के तौर पर अमरिका ने राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार आयोग से बाहर निकलने का फैसला किया था। अमरिका के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कुछ दिनों पहले अफगानिस्तान कार्रवाई के मुद्दे को लेकर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की भी आलोचना की थी। उसमें अमरिका राष्ट्रसंघ का हिस्सा रहे न्यायालय से सहकार्य नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी भी दी थी। इस वजह से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश का अमरिका पर ज्यादा असर नहीं होगा, ऐसा दिखाई दे रहा है।

ट्रम्प ने घोषित किए ईरान विरोधी प्रतिबंधों का दूसरा पड़ाव नवम्बर महीने से लागू हो रहा है और उसके लिए अमरिका ने अपने मित्र देशों पर भी जबरदस्त दबाव डाला है। यूरोप और आशिया के मित्र देशों ने अमरिका के प्रतिबंधों का पालन नहीं किया, तो उनको भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, ऐसी ट्रम्प ने चेतावनी दी है।

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