म्यांमार के नरसंहार पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की आलोचना – रिहायशी इलाकों में आगजनी के नए मामले

myanmar-un-criticise-1न्यूयॉर्क/यांगून – म्यांमार सेना ने दिसंबर के पहले सप्ताह में ३५ ग्रामस्थों को आग के हवाले करके मारने की घटना की संयुक्त राष्ट्रसंघ ने सख्त शब्दों में निर्भत्सना की है। इस नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्‍यकता है और म्यांमार में हिंसा तुरंत रोकने की सूचना संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद ने की है। इसी बीच म्यांमार की सेना ने और एक गांव में रिहायशी इलाकों को आग लगाने की जानकारी सामने आ रही है। तो, जुंटा हुकूमत नरसंहार को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है, यह दावा अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था कर रही है।

इस महीने के शुरू में थायलैण्ड की सीमा से जुड़े कयाह प्रांत में म्यांमार सेना ने और एक अमानुश कार्रवाई को अंजाम दिया। वहां के मोसो गांव के करीब सेना और स्थानीय सशस्त्र विद्रोहियों के बीच संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष के बाद म्यांमार सेना ने विद्रोहियों की सहायता करने वाले गांववालों को वाहनों में भरकर आग के हवाले करने का दावा किया जा रहा है।

विद्रोही एवं स्थानीय लोगों ने इस वाहन से लगभग ३५ शव निकाले थे। इनमें महिलाओं और बच्चों का भी समावेश था। म्यांमार की सत्ता हथियाने वाली जुंटा हुकूमत ने मानवता को कालिमा लगानेवाली इस घटना पर प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, म्यांमार के लोकतांत्रिक गुट, सशस्त्र विद्रोही और स्थानीय लोगों द्वारा इस अमानुषता के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हो रही है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद ने भी इस घटना का संज्ञान लिया। म्यांमार की सेना और अन्य सशस्त्र गुटों हिंसा बंद करके मानव अधिकारों का पालन करे, यह आवाहन सुरक्षा परिषद ने किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार की जुंटा हुकूमत से लोकतांत्रिक गुटों पर कार्रवाई तुरंत रोकने का आवाहन इससे पहले भी किया गया था। लेकिन, म्यांमार की जुंटा हुकूमत अंतरराष्ट्रीय समूदाय की प्रतिक्रिया को अधिक अहमियत नहीं दे रही है।

myanmar-un-criticise-2बीते २४ घंटों के दौरान जुंटा हुकूमत ने म्यांमार के अलग अलग हिस्सों में की हुई कार्रवाई की जानकारी सामने आ रही है। भारत के नागालैण्ड और मणिपुर की सीमा से जुड़े म्यांमार के सागार्इंग प्रांत में सेना ने नाचुआंग गांव में स्थित रिहायशी इलाकों को आग के हवाले किया है। सोमवार एवं पिछले गुरुवार को म्यांमार सेना ने इस गांव में आगजनी की थी। इस दौरान नौं नागरिकों की मौत होने का दावा किया जा रहा है।

तो, म्यांमार के पश्‍चिमी सरहदी क्षेत्र में सेना की हवाई कार्रवाई से ड़रे हुए हज़ारों म्यांमारी नागरिकों ने थायलैण्ड में आश्रय लेने का दावा किया जा रहा है। साथ ही जुंटा हुकूमत ने सत्ता हथियाने के साथ ही म्यांमार में नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ने पर चिंता भी जताई जा रही है।

इसी बीच म्यांमार की जुंटा हुकूमत के खिलाफ स्थानीय लोगों ने अलग अलग तरह से प्रदर्शन शुरू करने की जानकारी सामने आ रही है। इस हुकूमत का निषेध करने के लिए लोकतंत्र के समर्थक सेना के वाहनों के सामने लेटकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके फोटो भी सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हुए हैं। इस वजह से वर्ष १९८९ में चीन के तियानमेन चौक में लोकतांत्रिक छात्रों के गुट ने कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ किए हुए प्रदर्शनों की यादें ताज़ी हुई हैं।

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