एजियन द्वीपों के मुद्दे पर तुर्की की ग्रीस को चेतावनी – तुर्की ने अमरीका के विरोध में दर्ज़ किया निषेध

अंकारा – ‘तुर्की के अधिकार और हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए तुर्की पूरी तरह से तैयार है। ग्रीस को जवाब देते समय पूरी ताकत का इस्तेमाल किया जाएगा’, ऐसी चेतावनी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने दी। कुछ घंटे पहले ही ग्रीस ने एजियन द्वीपों का अवैध ढ़ंग से सैनिकीकरण करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया, ऐसा आरोप तुर्की ने लगाया था। साथ ही ग्रीस के राजदूत को समन्स भी थमाए थे। ग्रीस ने इन द्वीपों पर अमरिकी सेना के वाहन तैनात करने के फोटो जारी करके तुर्की ने अमरीका का भी निषेध किया है।

एजियन द्वीपग्रीस और तुर्की के बीच स्थित एजियन समुद्र क्षेत्र इन दोनों देशों के विवाद का अन्य कारण है। तुर्की के विध्वंसक और गश्तपोत ग्रीस के समुद्री क्षेत्र में गश्त लगा रहे हैं। इसके ज़रिये तुर्की ग्रीस के सार्वभौम समुद्री क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है, यह आरोप ग्रीस ने पहले ही लगाया था। तुर्की के विध्वंसकों की आक्रामकता का मुद्दा ग्रीस ने यूरोपिय महासंघ एवं संयुक्त राष्ट्र संघ में भी उठाया था।

इसी बीच, तुर्की ने ग्रीस पर एजियन समुद्र का सैनिकीकरण शुरू करने का आरोप लगाया था। ग्रीस के लड़ाकू विमानों ने तुर्की की हवाई सीमा से खतरनाक ढ़ंग से उड़ान भरी, ऐसी आलोचना तुर्की ने कुछ दिन पहले ही की थी। दो दिन पहले तुर्की की सेना ने ड्रोन से प्राप्त फोटो जारी करके ग्रीस ने एजियन द्विपों पर सेना का जमावड़ा करने का आरोप लगाया। पिछले हफ्ते ग्रीस की सेना ने एजियन द्वीपों पर नई तैनाती की, ऐसा तुर्की की सेना का कहना है।

यहां के अलेज़ैड्रोपोलीस द्वीप पर सेना के वाहन और मिदिली द्वीप पर २३ और सिसाम द्विप पर १८ बख्तरबंध वाहन तैनात होने का दावा तुर्की की सेना ने किया। अमरीका ने उपहार के तौर पर प्रदान किए सेना के वाहन ग्रीस ने इन द्वीपों पर तैनात किए हैं, ऐसी आलोचना तुर्की की सेना ने लगाया। ग्रीस की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है, ऐसा कहकर तुर्की ने संयुक्त राष्ट्रसंघ से कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।

लेकिन, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अधिक आक्रामक भूमिका अपनाकर ग्रीस को चेतावनी दी। अपने देश के अधिकार और हितों की सुरक्षा के लिए तुर्की हर ताकत का इस्तेमाल करेगा, ऐसा एर्दोगन ने धमकाया। ‘ग्रीस की नीति भड़काऊ है और एजियन समुद्र में सैन्य गतिविधियाँ ग्रीस को दलदल में खींचेंगीं। ग्रीस, ग्रीस के नेता और इस देश की जतना के लिए यह सैनिकीकरण खतरनाक साबित होगा’, ऐसा इशारा एर्दोगन ने दिया।

इसी बीच, पिछले हफ्ते ‘शांघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ (एससीओ) की सदस्यता पाने के लिए तुर्की ने कोशिश शुरू करने की खबरें प्राप्त हुई थीं। उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित बैठक में तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने इस मुद्दे पर रशिया और चीन के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत की, ऐसा यूरोपिय पत्रकारों का कहना था। ‘एससीओ’ का हिस्सा होने के लिए उत्सुक तुर्की नाटो से दूरी बना रहा है, यह आरोप यूरोपिय पत्रकार लगा रहे हैं।

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