तुर्की ने लेजर से सिद्ध ड्रोन का परीक्षण किया

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अंकारा – कम से कम आधे किलोमीटर की दूरी पर होनेवाला लक्ष्य नष्ट करनेवाले लेजर सिद्ध ड्रोन का परीक्षण किया होने का तुर्की ने ऐलान किया। लेजर से सिद्ध होनेवाला यह दुनिया का पहला ड्रोन होने का दावा तुर्की ने किया। लगभग तीन हज़ार मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरनेवाले इस ड्रोन के और कुछ परीक्षण होने के बाद उसका सेना में समावेश किया जाएगा, ऐसी घोषणा तुर्की ने की।

दो दिन पहले तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन की पार्टी के वरिष्ठ नेता एकूत एर्दोग्दू ने ड्रोन परीक्षण की जानकारी माध्यमों को दी। तुर्की के रक्षा मंत्रालय से जुड़ी ‘तुबीतक’ इस कंपनी ने निर्माण किए हुए ‘एरेन’ ड्रोन का हाल ही में परीक्षण संपन्न हुआ, ऐसा एर्दोग्दू ने बताया। एरेन ड्रोन लेजर से लैस होकर, बम अथवा अन्य हवाई लक्ष्य भेदने की क्षमता इसमें है, यह जानकारी तुर्की के माध्यमों ने एर्दोग्दू के हवाले से जारी की।

एरेन ड्रोन ने आधी किलो मीटर की दूरी पर होने वाली 3 मिलीमीटर मोटाई की कार्बन स्टील की प्लेट भेदने के लिए ९० सेकंड लिए। वहीं, १०० मीटर की दूरी पर स्थित प्लेट को भेदने के लिए केवल १० सेकंड की अवधि लगी, ऐसा एर्दोग्दू ने कहा। इससे तुर्की की सेना जल्द ही दुनिया के पहले और सबसे बेदक लेजर ड्रोन से लैस होगी, ऐसा दावा एर्दोग्दू ने किया।

Laser-drones-test-turkey-1एरेन ड्रोन का अधिक विवरण सामने नहीं आ सका है। लेकिन इस ड्रोन का निर्माण करनेवाली कंपनी ने इसके फोटोग्राफ्स जारी किए हैं। साथ ही, आनेवाले समय में तुर्की इस ड्रोन की बिक्री भी कर सकता है, ऐसा भी तुर्की के नेता कह रहे हैं। ड्रोन्स निर्माण के क्षेत्र में तुर्की जो प्रगति कर रहा है, वह रशिया समेत युरोपीय देशों की चिंता का विषय बन रही है। तुर्की के ‘बेरक्तार टीबी-2’ ड्रोन्स की बिक्री बढ़ी है।

अमरीका के ‘एमक्यू-9 रिपर’ ड्रोन्स की तुलना में तुर्की के ‘बेरक्तार टीबी-2’ ड्रोन्स वजन में हल्के होकर, चार क्षेपणास्त्रों का वहन कर सकते हैं। उसी के साथ, अमरिकी ड्रोन्स की तुलना में सस्ते और चिनी ड्रोन्स की तुलना में अधिक भरोसेमंद होने के कारण तुर्की के ड्रोन्स की माँग बढ़ रही होने का दावा किया जाता है।

पिछले कुछ सालों में लिबिया में चल रहा गृहयुद्ध, आर्मेनिया-अझरबैजान के बीच का संघर्ष और युक्रेन-रशिया की सीमा पर बने तनाव में, तुर्की ने निर्माण किए ड्रोन्स का इस्तेमाल हुआ था। कुछ ही हफ्ते पहले तुर्की के ‘बेरक्तार टीबी-2’ इन ड्रोन्स के द्वारा युक्रेन ने रशियासमर्थक विद्रोहियों के अड्डे पर हमला किया था। इस कारण दोनों देशों की सीमा पर तनाव पैदा हुआ था।

वहीं, लिबिया के गृहयुद्ध में तुर्की के ड्रोन्स ने पूर्वी भाग में किए हमलों पर फ्रान्स तथा अरब देशों से प्रतिक्रियाएँ आईं थीं। तुर्की के ड्रोन्स का इस्तेमाल नागरिकों पर हमले करने के लिए किया जा रहा है, ऐसी आलोचना हुई थी। ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने, तुर्की के ड्रोन्स अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जारी भू-राजनीतिक गतिविधियों पर प्रभाव डाल रहे हैं, ऐसा जताया था ।

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