सऊदी, इजिप्त, संयुक्त अरब अमिरात और बहारिन की क़तर पर लष्करी कारवाई की वजह से इस क्षेत्र में अराजक फैलेगा – क़तर के आमिर का इशारा

वॉशिंगटन: सऊदी अरेबिया, इजिप्त, संयुक्त अरब अमिरात और बहारिन इन देशों ने क़तर के खिलाफ लष्करी संघर्ष चेडा तो पूरे खाड़ी क्षेत्र में अराजक फैलेगा, ऐसा इशारा क़तर के आमिर ‘शेख तमिम बिन हमाद’ ने दिया है। यह चार देश और कतार के बिच निर्माण हुए मतभेदों की पृष्ठभूमि पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने हस्तक्षेप करने की तैयारी दर्शाई थी, ऐसी जानकारी क़तर के अमिर ने अमरिका के न्यूज़ चैनल से बातचीत करते समय दी है।

क़तर पर लष्करी कारवाई५ जून को सऊदी अरेबिया, इजिप्त, संयुक्त अरब अमिरात और बहारिन इन चार देशों ने क़तर को दुविधा में डालने का निर्णय लिया था। इसके अनुसार क़तर के विमानों को इन चार देशों ने अपने क्षेत्र से उड़ान भरने पर पाबन्दी लगाई। साथ ही क़तर के सामान परिवहन पर भी इन देशों ने रोक लगाई थी। इस वजह से क़तर दुविधा में पड गया और क़तर की जनता को होने वाली अत्त्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर भी रोक लग गई। क़तर आतंकवादियों को मदद करना रोक दे और क़तर से प्रसारित होने वाले न्यूज़ चैनल पर कारवाई करे, यह मांग सऊदी और मित्र देशों ने रखी थी। साथ ही क़तर ईरान के साथ राजनीतिक संबंध तोड़ दे, ऐसा इशारा भी इन देशों ने दिया था।

इन प्रतिबंधों पर क़तर से तीव्र प्रतिक्रिया आई। सऊदी और मित्र देशों के इस दबाव के आगे क़तर नहीं झुकेगा, ऐसा क़तर ने स्पष्ट किया है। इतनाही नहीं ईरान और तुर्की देशों से मदद लेकर

क़तर ने इन प्रतिबंधों को जवाब दिया है। इसके बाद सऊदी और संयुक्त अरब अमिरात इन देशों ने क़तर के खिलाफ लष्करी कारवाई की धमकी दी थी। सऊदी के कुछ मीडिया ने क़तर को लष्करी सबक सिखाना आवश्यक है, ऐसा कहकर इस कारवाई का समर्थन किया था। इस पृष्ठभूमि पर क़तर के अमिर ‘शेख तमिम बिन हमाद’ ने क़तर पर लष्करी कारवाई हुई तो खाड़ी में अराजक फैलेगा, ऐसा इशारा दिया।

क़तर पर लष्करी कारवाईशुरुआत में सऊदी और मित्र देशों के पक्ष को समर्थन देने वाले अमरिका ने अगले समय में क़तर को भी मदद करके अपनी नीति में संतुलन रखा था। साथ ही अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस विवाद में हस्तक्षेप करने की तैयारी दर्शाने का दावा ‘शेख तमिम बिन हमाद’ ने किया है। जल्द ही यह बैठक अपेक्षित थी, ऐसा ‘शेख तमिम बिन हमाद’ ने कहा। उसी दौरान इस हस्तक्षेप की कोशिश पर क़तर के अमिरों ने समाधान व्यक्त किया। इस वजह से क़तर पर लष्करी कारवाई की भाषा बंद हो गई है, इस तरफ उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

दौरान, सऊदी अरेबिया, इजिप्त, संयुक्त अरब अमिरात और बहारिन इन देशों ने अपने प्रतिबंधों के बाद भी क़तर ने अपनाई कड़ी भूमिका पर हिंसक प्रतिक्रिया देकर इस विवाद को अधिक भड़काया था। साथ ही क़तर के सामने मांगों की सूचि रखकर इन मांगों को पूरा नहीं किया तो कठोर प्रतिबन्ध लगाने की धमकी भी इन देशों ने दी थी। क़तर को सऊदी और मित्र देशों की ओरसे प्रस्ताव अपेक्षित था, एकतरफा मांगें नहीं, ऐसा कहकर क़तर ने इन मांगों को ठुकराया था। इस वजह से इस विवाद से पीछे हटना सऊदी और मित्र देशों के लिए मुश्किल बन गया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

अमरिका के पहले रशिया ने भी इस विवाद में हस्तक्षेप करने का प्रस्ताव रखा था।

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