इराक, सीरिया के कुर्दों के खिलाफ तुर्की ने किया सैन्य अभियान का ऐलान

अंकारा – इस्तंबुल में हुए बम विस्फोट के लिए कुर्द गुटों को ज़िम्मेदार ठहराने के बाद तुर्की ने इराक और सीरिया के कुर्दों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने का ऐलान किया। तुर्की ने सैन्य कार्रवाई करने का यह ऐलान करने के बाद मंगलवार रात इस्तंबुल शहर विस्फोटों से फिर से दहल उठा। इसके बाद भड़की आग में तीन वाहन नष्ट हुए।

इस्तंबुल शहर में पिछले तीन दिनों में यह दूसरा विस्फोट है। यहां के फतिह क्षेत्र में यह विस्फोट होने के बाद आस-पास के वाहनों को आग लगी। इससे ग्रीक महिला पर्यटक मामूली घायल होने का दावा किया गया है। तुर्की की यंत्रणा ने इस विस्फोट के लिए किसी को भी ज़िम्मेदार नहीं ठहराया है। तथा रविवार की तरह यह विस्फोट एक हमला होने का आरोप भी लगाया नहीं है। लेकिन, रविवार को इस्तंबुल शहर में बम विस्फोट करने वाले आतंकी के खिलाफ जोरदार सैन्य कार्रवाई शुरू की जाएगी, ऐसा एर्दोगन सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन और अंदरुनि रक्षा मंत्री सुलेमान सोयलू ने रविवार के विस्फोट के लिए ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी’ (पीकेके) और सीरिया की कुर्द संगठन को ज़िम्मेदार बताया है। ‘पीकेके’ एवं सीरिया की ‘वायपीजी’ और अन्य कुर्द गिरोहों ने  तुर्की के आरोपों को खारिज किया। इसका प्रभाव तुर्की पर नहीं पडा है बल्कि, इराक और सीरिया में कुर्दों के ठिकानों पर हमले करने की चेतावनी तुर्की के वरिष्ठ अधिकारी ने दी।

सीरिया के कुर्द वंशी तुर्की की सुरक्षा के लिए सबसे अधिक खतरा होने का बयान तुर्की ने किया है। सीरिया के आफ्रीन, कोबानी नामक ठिकाने तुर्की के निशाने पर रहेंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है। इस्तंबूल शहर के विस्फोट के मामले में गिरफ्तार की गई महिला सीरिया के कोबानी शहर की थी, ऐसा तुर्की की यंत्रणाओं ने घोषित किया था।

लेकिन, सीरिया या इराक के कुर्दों पर हमले करके तुर्की की सुरक्षा का मसला दूर नहीं होगा, ऐसा खाड़ी के विश्लेषकों का कहना है। बल्कि, तुर्की के हमलों की वजह से इस संघर्ष के चलते कुर्दों की सुरक्षा का गंभीर मसला खड़ा हो सकता है और इससे यह संघर्ष अधिक बिगड सकता है। इस ओर यह विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। सीरिया तुर्की के लिए कीचड़ है। सीरिया के सैन्य अभियान में तुर्की को कामयाबी मिलेगी। लेकिन, इसके बाद तुर्की में ‘लोन वूल्फ’ किसी अकेले के द्वारा किए गए हमले बढ़ेंगे और इन्हें रोकना तुर्की के लिए बड़ा कठिन होगा, ऐसा इशारा खाड़ी के विश्लेषक दे रहे हैं। साथ ही तुर्की की सीमा पर घुसपैठ का मसला भी अधिक गंभीर हो जाएगा, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन इन चेतावनियों का तुर्की पर खास असर पडने की संभावना नहीं है।

सीरियन कुर्दों पर कार्रवाई करने के लिए तुर्की आक्रामक सैन्य अभियान चला रहा है। इसके लिए तुर्की अपने देश की सुरक्षा के मुद्दे की आड लेता है। जब कि, वास्तव में तुर्की को कुर्द वंशियों के बहुलता का सीरियन ईंधन क्षेत्र पर कब्ज़ा करना है। इसी के लिए तुर्की सीरियन कुर्दों पर हमले कर रहा है, यह आरोप लगाए गए थे। ऐसी स्थिति में इस्तंबुल में हुए विस्फोट की वजह से तुर्की को सीरिया में कुर्दों पर कार्रवाई करने के लिए एक और अवसर प्राप्त होता दिख रहा है।

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