भाईगिरी अ‍ॅप्स

mobile-apps-pile-ss-1920-800x450पिछले सप्ताह में हमने अपने फ़ोन की इंटर्नल मेमरी को किस प्रकार से रिक्त करनी चाहिए इससे संबंधित जानकारी हासिल की। फ़ोन की मेमरी को रिक्त करने के लिए एक्सटर्नल एस.डी.कार्ड का अपना एक अलग ही महत्त्व होता है। हम अपने मोबाईल की इंटर्नल मेमरी को बढ़ा नहीं सकते हैं परन्तु एक्सटर्नल मेमरी के अन्तर्गत इस प्रकार का कोई निर्बंध नहीं है। विविध क्षमताओं के एक्सटर्नल मेमरी कार्ड हम अपने मोबाईल में डाल सकते हैं।

काफी कुछ अ‍ॅप्लिकेशनस् स्वाभाविक रुप में इंटरनल मेमरी में इन्स्टॉल किए जाते हैं। इसके अलावा कई बार उन्हें हिलाना भी संभव नहीं होता। इन्हीं कारणों से मोबाईल की इंटर्नल मेमरी धीरे-धीरे भर जाती है और इससे यह होता है कि हमारे मोबाईल का उपयोग करने की गति, एकरुपता एवं सरलता धीरे-धीरे कम होने लगती है और यही कारण है कि हमें मोबाईल का उपयोग करने में आलस आने लगता है। ऐसे में किसी ऐसे अ‍ॅप का पता लगाना ज़रूरी होता है, जो अन्य अ‍ॅप्स को इंटर्नल मेमरी में से एक्सटर्नल मेमरी पर स्थलांतरित कर सके यदि यह सहज रुप में संभव नहीं हो सकता है तो उसका विरोध करके वह इस स्थलांतर की क्रिया हमारे लिए उपलब्ध कर सके। अर्थात बिलकुल आज की भाषा में भी यदि कहा जाय तो अपने मोबाईल से अन्य अ‍ॅप्स पर वर्चस्व स्थापित करनेवाले किसी ‘भाई’ अ‍ॅप्स की ज़रूरत हमें होती हैं। जिसकी बात अन्य अ‍ॅप्स सुन सके।

इस प्रकार के कई अ‍ॅप्स हमारे नज़रों से गुजरते हैं। उनमें से कुछ अ‍ॅप्स के बारे में हम आज विचार-विमर्श करेंगे। ‘लिंक2एसडी’ यह एक ऐसा ही अ‍ॅप है। इस अ‍ॅप को हम मुफ्त में ही डाऊन लोड करके इन्स्टॉल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त ‘एसडीमुव्ह’ एवं ‘अ‍ॅपएमजीआर३’ ये भी कुछ इसी प्रकार के अ‍ॅप्स् हैं। ये सभी अ‍ॅप्स् हम गुगल प्ले (अँड्रॉईड मार्केट प्लेस http://play.google.com)से चुन सकते हैं। इस अ‍ॅप्स में होने वाली कुछ सुविधाएँ कुछ इस प्रकार हैं।

१) ऊपर उल्लेखित किएनुसार इन अ‍ॅप्स् का सबसे सामान्य उपयोग एवं उसमें होनी वाली सुविधा है अ‍ॅप्स को इंटर्नल मेमरी से एक्सटर्नल मेमरी में हिलाना। मोबाईल में होनेवाली सेटिंग्ज के माध्यम से यह कार्य स्वाभाविकत: नहीं होता है, वे अ‍ॅप्स् उनका विरोध करके उनके स्थलांतरण की क्रिया हमारे लिए ऊपर उल्लेखित अ‍ॅप्स साध्य कर दिखाते हैं।

२) ‘ब्लॉटवेअर’ यह एक ऐसी समस्या होती है जिसमें तुम्हारे मोबाईल की मेमरी कम पड़ जाती है। इस ब्लॉटवेअर के कारण कोई अ‍ॅप अपने आप ही कुछ काल के लिए खंडित हो जाता है। इन सब कारणों से हमें तकलीफ हो सकती है। इस समस्या पर ऊपर दिए गए अ‍ॅप्स पहले कहेनुसार काम तो करते ही हैं परन्तु इसके अलावा इन अ‍ॅप्स की सहायता से हम अपने मोबाईल में किसी भी अ‍ॅप को ‘फ्रीज’ कर सकते हैं, अर्थात अनइन्स्टॉल न करके (बगैर निकाले) केवल उस अ‍ॅप की सभी प्रकार की गतिविधियों को बंद कर सकते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि हमारी नजरों में यदि किसी अ‍ॅप का उपयोग करना जरूरी नहीं है तथा कई बार कुछ अ‍ॅप्स चुपचाप (बॅकग्राऊंड में) अपने मोबाईल की मेमरी का उपयोग करते रहते हैं। ऐसे में इस ‘अ‍ॅप फ्रीजिंग’ के महत्त्व का पता चलता है।

३) ऊपर उल्लेखित अ‍ॅप्स् की सहायता से हम अपने फ़ोन में वाले ‘सिस्टम अ‍ॅप्स्’ का ‘युझर अ‍ॅप्स्’ में रुपांतरण कर सकते हैं। (सिस्टम अ‍ॅप्स् अर्थात ऐसे अ‍ॅप्स् जिन का अपने मोबाईल को ठीक से चलने की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि जब हम मोबाईल खरीदते हैं उसी समय से इस अ‍ॅप्स का स्थान बदलने की अथवा उसे अनइन्स्टॉल करने की अनुमति हमारे पास नहीं होती है। इसी कारण कुछ अ‍ॅप्स् सुप्तावस्था में फ़ोन की मेमरी का उपयोग करते रहते हैं।)

४) ऊपर दिए गए अ‍ॅप्स् का उपयोग कर हम अन्य अ‍ॅप्स को इन्स्टॉल करने के लिए स्थान निश्‍चित कर सकते हैं। (बाय-डिफ़ॉल्ट पाथ) जिससे हर बार जब कभी भी हम अपने किसी अ‍ॅप्स को इन्स्टॉल करते हैं तब वह हमारे द्वारा निश्‍चित किए गए स्थान पर इन्स्टॉल हो जाता है। इससे हमें अपने मोबाईल की मेमरी का उचित प्रकार से व्यवस्था करने में मदद मिलती है।

५) मान लो कि ऐसे ही किसी अ‍ॅप को हमने एक्सटर्नल मेमरी में स्थलांतरित कर दिया, परन्तु उसे हमें पुन: इंटर्नल मेमरी में ही लाना है तब ऐसा भी ऊपर दिए गए अ‍ॅप्स के कारण सहज संभव है।

६) अपने फ़ोन के सेटिंग्स् के माध्यम से हम हर एक अ‍ॅप की कॅच मेमरी (अ‍ॅप के उपयोग संबंधित जानकारी जो हमारे लिए बहुत जरूरी नहीं होती हैं। एक-एक करके हटानी पड़ती है। परन्तु इस अ‍ॅप्स् का उपयोग करके हम अपने मोबाईल की कॅश मेमरी एक पल में ही निकाल सकते हैं।
अभी भी कुछ विशेष उपयोगी जानकारी हमें इस अ‍ॅप्स के द्वारा मिलती हैं, जिनका उपयोग करते समय हमें इसके बारे में ज्ञात होगा ही। ऊपर उल्लेखित किए गए कुछ विशेषताओं का हमारे लिए कोई उपयोग नहीं होता। इसका कारण यह है कि हमारे मोबाईल का जो अ‍ॅडमिन एक्सेस होता है। वह हमारे पास न होकर मोबाईल बनाने वाली कंपनी के पास होता है। इस एक्सेस को जब हम अपने पास ले लेते हैं तब ही इसमें से कुछ विशेषताएँ उपयोगी साबित होती हैं। इस मालिका में आनेवाले अगले किसी लेख में हम अ‍ॅडमिन अ‍ॅक्सेस का उपयोग किस तरह कर पायेंगे इसके संदर्भ में जानकारी हासिल करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.