वाहनों की संपूर्ण जानकारी देने वाले संकेतस्थल

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भारतीय वाहन उद्योग आज दुनिया के अन्य देशों के वाहन उद्योगों में द्वितीय क्रमांक का सबसे बड़ा उद्योग माना जाता है| भारत में हर साल ८० लाख वाहनों की निर्मिती होती है| यूँही अंदाजानुसार हम कह सकते हैं कि आने वाले केवल ४० वर्षों में ही अर्थात २०५० तक भारतीय वाहन उद्योग दुनिया में द्वितीय क्रमांक से प्रथम क्रमांक पर आ जायेगा| और उस समय भारत में केवल गाड़ियों की संख्या कुल मिलाकर ६११ दसलक्ष होगी| इसके अलावा भारत में अभी-अभी टाटा समूह ने ‘नेनो’ केवल एक लाख रुपयों की मोटर निकाली है इससे बिलकुल सामान्य मनुष्य भी अपनी स्वयं की गाड़ी में बैठकर घुमने का स्वप्न साकार करने लगा है| सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण बात तो यह है कि भारत में ७०% जनसंख्या ३५ साल के नीचे की है और यही वर्ग अधिक महत्त्वाकांक्षी होता है| इसीलिए मोटर-गाड़ियों का आकर्षण भी इसी वर्ग मैं सर्वाधिक होता है|

ऊपरलिखित प्रस्तावना को पढ़कर इतना अंदाज़ा तो आपने लगा ही लिया होगा कि आज हम मोटर-गाड़ियों से संबंधित संकेत स्थलों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे|  www.carwale.com, www.indiadrive.com, www.gaadi.com, www.automobileindia.com, www.carazoo.com, www.autoindia.com ये और इनके ही समान ऐसे अनेक संकेत स्थल हैं जहॉं पर हमें वाहgaadi-logoनों के बारे में विविध प्रकार की जानकारियों के साथ-साथ और भी ‘बहुत-कुछ’ उपलब्ध करवाते हैं| ये जानकारियॉं किस प्रकार की होती हैं और भी ‘बहुत-कुछ’ अर्थात हकीकत में वे क्या हैंइसके बारे मैं हम देखते हैं|

इन संकेत स्थलों पर हम नयी अथवा उपयोग में लायी गई (सेकंडहैंड) गाड़ी अथवा बाईक की (हम यहॉं पर गाड़ियों के रुप में दोनों को मानकर चलते हैं) खरीदारी अथवा बिक्री कर सकते हैंऔर उसके प्रति मार्गदर्शन भी प्राप्त कर सकते हैं| नये वाहनों के खरीदारी के लिए मार्गदर्शन हम इन संकेत स्थलों से प्राप्त कर सकते हैं| इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें इन संकेत स्थलों पर कुछ प्रश्‍नों के उत्तर देने पड़ सकते हैं| उदा.-(अपने खर्च करने की तैयारी) हमारा बजट, हमें कौन सी कंपनी का चुनाव करता है, कंपनी का ब्रैंड, हमें जो ज़रूरत होती है, वे सुविधाएँ, हमारी गाड़ी में कितने लोग बैठनेवाले हैं| पेट्रोल, डिझेल, एलपीजी पर चलने वाली आदि| इन प्रश्‍नों के साथ ही हम उस गाड़ी की किन विशेषताओं (उदा.इंधन का उपयोग एवं बचत, पुनर्विक्री का मूल्य, आराम, सुरक्षा आदि) को प्राधान्य देते हैं, उसे भी चुनना होता है| इसके पश्‍चात हमारे बजट के अनुसार, हमारी सुविधानुसार और जिन विशेषताओं की हम अपेक्षा करते हैं उसी के अनुसार किस कंपनी के वाहन उपलब्ध हैं उसकी एक तख्ती ही हमारे सामने खुलती है, जिस में इन वाहनों की तस्वीरें भी होती हैं| इसी कारण हमें कौन सी गाड़ी लेनी हैं इस बात का निर्णय लेने में आसानी होती है| इसके अलावा हमें विशिष्ट गाड़ियों का अंदाजपत्रक (कोटेशन) संपूर्ण कींमतोंसहित, (बीमा, आरटीओ प्रभार, आदि के साथ) अर्थात ऑन रोड़ प्राइजसहित मिलता हैं|

यदि हम सेकंड हैंड गाड़ी की खोज मेंlogo हैं तो हमें ऊपर उल्लेख किए गए प्रश्‍नों के साथ-साथ और भी कुछ प्रश्‍नों के उत्तर देने होते हैं| उदा. हम जिस शहर में रहते हैं उस शहर का नाम देना पड़ता है (जिससे हमें हमारे शहर से ही गाड़ी मिल सके), गाड़ी का रंग आदि| उपयोग में लाई जा चुकी (सेकंड हैंड) गाड़ी की खरीदारी करते समय दूसरों द्वारा विज्ञापन दी गई (दर्ज करवायी गई) गाड़ियों की सूची भी हमें यहॉं पर मिल जाती है| यदि उन विज्ञापन में दी गईं गाड़ियों में से कोई गाड़ी हमें पसंद आती हैं तो हम उसके बारे में सूचित कर सकते हैं, जिससे उस वाहन के मालिक हमारे साथ संपर्क कर सकते हैं| हमारी गाड़ी की यदि बेचना है तब भी इसी संकेतस्थल की मदद हम ले सकते हैं| हम जिस शहर में रहते हैं, उस गाड़ी के मॉडल बनाने का वर्ष, गाड़ी का मॉडल संस्करण (वर्जन) एवं अपने गाड़ी द्वारा किये गये प्रवास का किलोमिटर इन सारे प्रश्‍नों के उत्तर दे देने पर हमें अपने गाड़ी के पुनर्विक्री के मूल्य का पता चल जाता है| इन संकेत स्थलों पर हम अपने गाड़ी की पुनर्विक्री के लिए (रिसेल) का विज्ञापन दे सकते हैं (नाम दर्ज करा सकते हैं) इसके लिए हमें अपना खाता इन संकेत स्थलों पर खोलना पड़ता है जिसे हम मुफ्त में खोल सकते हैं| दर्ज करवाते समय हमें अपनी गाड़ी के बारे में कुछ जानकारी देने पड़ती है| उदा. हम जिस शहर में रहते हैं उस शहर का नाम, गाड़ी के मॉड़ल बनाने का वर्ष, गाड़ी का नाम, हमारी गाड़ी से किये गए कुल प्रवास का किले मिटर रुप में, रंग आदि| इसके अलावा स्वयं के बारे में जानकारी भी इन संकेत स्थलों पर देनी पड़ती हैं (उदा.अपना नाम, टेलिङ्गोन नंबर एवं ई-मेल) ताकि खरीदार हमारे साथ संपर्क स्थापित कर सकें| इसके साथ ही हमारे शहर में उपयोग में लाई जाने वाली (सेकंड हैंड) गाड़ियों आदि के विक्रेताओं (डीलर्स) के बारे में भी हमें जानकारी प्राप्त होती हैं|header_logo

गाड़ी खरीदते समय हमारे लिए सबसे महत्त्वपूर्ण बात है पैसा| इन संकेतस्थलों पर हमें यदि कर्ज़ लेना है तो हमें बैंक के मासिक हफ्ते की रकम का भी पता चल जाता है| इस संख्या का पता लगाने के लिए हमें अपने लिए उठाने वाले कर्ज़ की रकम एवं कर्ज़ का व्याजदर, मासिक हफ्ते की रकम का तख्ता भी मिल जाता हैं| इसके अलावा इन संकेतस्थलों ने बैंकोंके साथ भी (संधान) संबंध बनाकर  (टायअप)रखा होता है| इससे हम इन संकेत स्थलों के माध्यम से ही कर्ज़ के लिए भी ऑन लाईन अर्जी कर सकते हैं| तब हमें अपने गाड़ी के लिए लगने वाले बीमा के हफ्ते की रकम का भी पता चल जाता है|

इन संकेत स्थलों पर हमें बाजार में उपलब्ध रहनेवाले वाहनों के विविध प्रकार के खुले पूर्जों (छुट्टे भागों) की सूची एवं जानकारी मिलती है| साथ ही इन खुले पूर्जों की सभी जानकरी उदा. कींमत, कंपनी आदि के बारे में भी पता चलता है| इसके साथ ही हमें यहॉं पर खुले पूर्जों की खरीदारी करने का मार्गदर्शन भी मिलता है| नये खुले पूर्जों की खरीदारी करते समय इन संकेत स्थलों पर हमें कुछ प्रश्‍नों का उत्तर देना पड़ता है| उदा. हमारा (खर्चे की तैयारी) बजट, हमें जो चाहिए वह कंपनी, कंपनी ब्रैंड आदि| इन प्रश्‍नों का उत्तर लिख देने पर हमारे सामने एक पूरा तख्ता ही खुल जाता है| जिस में खुले पूर्जों की तस्वीरें भी होती हैं| इससे हमें किन खुले पूर्जों को खरीदना है इस बात का निर्णय लेने में आसानी होती है|

इन संकेत स्थलों पर यदि हम अपना खाता खोल देते हैं साथ ही गाड़ी बाईक आदि की जानकारी दे देने पर इस खाते में हम अपने गाड़ियों के देखभाल के बारे में भी दर्ज करके रख सकते हैं| इसके साथ ही हम इनके देख-भाल के लिए इन संकेतस्थलों की ओर से भविष्य के लिए इमेल्स एवं एसएमएस द्वारा सूचित किया जाता है| साथ ही इन संकेत स्थलों द्वारा हमें गाड़ी के बीमा का हफ्ता भरने की तारीख, व्हील अलाईंमेंट एवं संतुलन बनाये रखने की तारीख आदि की सूचना भी मेल द्वारा अथवा एसएमएस द्वारा सूचित की जाती है|

www.indiadrive.com इस संकेत स्थल पर हम कार पूल कर भी अपना नाम दर्ज़ करवा सकते हैं| इससे हम रोज जिस स्थान से काम पर जाते हैंऔर वापस घर लौटते हैं उस समय एवं उस राह से और भी कौन-कौन प्रवास करता है इस बात का भी पता चलता है और इससे भी महत्त्वपूर्ण योगदान यह होता हैकि हमसे ट्रॅङ्गिक एवं प्रदूषण की रोकथाम में मदद होती है| इसके साथ ही www.indiacar.com इस संकेतस्थल पर हमें आरटीओ के विविध कामों के लिए लगनेवाले कागज़-पत्रों को संपूर्ण सूची एवं जानकारी मिलती हैं|

इन संकेत स्थानों पर हमें गाड़ियों से संबंधित अन्य जानकारियॉं भी बड़े पैमाने पर मिल जाती हैं| गाड़ी खरीदते समय उसके प्रति ध्यान रखने के बारे में उसकी कींमत कम करवाने के प्रति सलाह अन्य लोगों के विविध गाड़ियों के बारें में समीक्षा एवं राय, ये सभी एवं अन्य जानकारियॉं इन संकेत स्थलों पर हमें प्राप्त हो जाता हैं| साथ ही वाहनों के विविध प्रदर्शन, शिबीर, कार्यशाला(सेमीनार), आदि के बारे में वृत्तांत भी इन संकेत स्थलों पर उपलब्ध करवाये जाते हैं| आज कल के नौजवानों को अपने कम्प्यूटर पर गाड़ियों के विविध प्रकार के चित्र वॉलपेपर के रुप में रखना पसंद है, इस प्रकार के विविध प्रकार के चित्र इन संकेतस्थलों पर से डाऊनलोड किए जा सकते हैं| मार्केट में आनेवाली नई-नई गाड़ियों के बारे में व्यापारियों कीं ओर से पूर्वावलोकन से (प्रिव्ह्यूज), गाड़ियों से संबंधित समाचार भी इन संकेतस्थलों पर समय-समय पर उपलब्ध करवाये जाते हैं| इसके साथ ही हम इन संकेतस्थलों पर विविध प्रकार की ऑनलाईन चर्चाएँ भी देख सकते हैं साथ ही उसमें भाग भी ते सकते हैं|

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