दक्षिण कोरिया ने किया विमान वाहक युद्धपोत समेत 250 अरब डॉलर्स के ‘डिफेन्स प्लैन’ का ऐलान

सेउल – उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमता और चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षा की पृष्ठभूमि पर दक्षिण कोरिया ने स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत का समावेश होनेवाले 252 अरब डॉलर्स के ‘डिफेन्स प्लैन’ का ऐलान किया है। वर्ष 2021-2025 के पांच वर्षों के लिए तय किए ‘डिफेन्स प्लैन’ के लिए रक्षा खर्च में प्रतिवर्ष छह प्रतिशत बढ़ोतरी करने की सीफ़ारीश की गई है। जापान ने कुछ महीने पहले ही दो विमान वाहक युद्धपोतों का काम शुरू किया है और सिंगापूर ने भी विमान वाहक युद्धपोत का निर्माण करने के संकेत दिए हैं।

 ‘डिफेन्स प्लैन’

दक्षिण कोरिया के रक्षा विभाग ने सोमवार के दिन ‘मिडटर्म डिफेन्स अक्विज़ीशन प्लैन’ घोषित किया। इसमें 30 हज़ार टन के विमान वाहक युद्धपोत का निर्माण करने का प्रस्ताव है और हुंदाई हेवी इंडस्ट्रीज को इसके लिए प्लैन करने को कहा गया है। दक्षिण कोरिया ने इससे पहले निर्माण किए ‘डोकडो’ वर्ग की ‘एम्फिबियस असॉल्ट शिप’ के आधार पर विमान वाहक युद्धपोत का निर्माण करने का तय किया है। वर्टिकल टेक ऑफ ऐण्ड लैंडिंग की क्षमता रखनेवाले लड़ाकू विमान और अटैक हेलिकॉप्टर्स नई विमान वाहक युद्धपोत पर तैनात होंगे, यह जानकारी ‘डिफेन्स प्लैन’ में दर्ज़ है। लाईट एअरक्राफ्ट कैरिअर वर्ग की यह विमान वाहक युद्धपोत वर्ष 2030 तक दक्षिण कोरिया की नौसेना में शामिल होगी, यह उम्मीद रक्षा विभाग ने व्यक्त की है।

दक्षिण कोरिया ने बीते वर्ष अमरीका से 20 ‘एफ-35 बी’ लड़ाकू विमान खरीद करने का निर्णय किया था। यह निर्णय नई विमान वाहक युद्धपोत पर तैनाती करने की तैयारी के लिए ही होने का दावा सूत्रों ने किया है। विमान वाहक युद्धपोत के साथ ही नई स्वदेशी विध्वंसक एवं परमाणु पनडुब्बी विकसित करने की कोशिश भी दक्षिण कोरिया ने शुरू की है। साथ ही लंबी दूरी के मिसाइल, मिसाइल विरोधी यंत्रणा, ऐण्टी शिप मिसाइल्स एवं स्वतंत्र नेविगेशन यंत्रणा का ज़िक्र भी रक्षा विभाग के प्लैन में है। इसके लिए 252.7 अरब डॉलर्स का प्रावधान किया जा रहा है।

 ‘डिफेन्स प्लैन’

वर्ष 1950-60 के दशक में हुए कोरियन युद्ध के बाद दक्षिण कोरिया और अमरीका के बीच सामरिक समझौता किया गया था। इसके अनुसार दक्षिण कोरिया की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अमरीका ने स्वीकारी है। वर्तमान में अमरीका के 28 हज़ार से अधिक सैनिक दक्षिण कोरिया के अड्डों पर तैनात हैं। इस समझौते के अनुसार युद्ध के दौरान दक्षिण कोरिया के रक्षा बलों का नियंत्रण अमरीका के हाथ में रहेगा। वर्ष 2022 के बाद यह नियंत्रण दुबारा दक्षिण कोरिया के हाथ में आने के संकेत हैं और इसी पृष्ठभूमि पर रक्षा विभाग ने घोषित किया हुआ यह ‘डिफेन्स प्लैन’ ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है।

दक्षिण कोरिया को फिलहाल प्रमुख खतरा उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और लंबी दूरी के मिसाइलों से बना हुआ है। उत्तर कोरिया ने इन हथियारों का इस्तेमाल किया तो विमान वाहक युद्धपोतों से पूरी तरह से सज्जित नौसेना दक्षिण कोरिया को ‘सेकंड स्ट्राईक कैपेबिलिटी’ का विकल्प उपलब्ध हो सकता है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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