जम्मू-कश्‍मीर में आतंकियों ने की तीन राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में तीन राजनीतिक कार्यकर्ताओं की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या की है। ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नामक आतंकी संगठन ने इस घटना की ज़िम्मेदारी स्वीकारी है। इन हत्याओं का पूरे देश में निषेध व्यक्त किया जा रहा है और पुलिस एवं सुरक्षा यंत्रणा हमलावर आतंकियों की तलाश में जुटी हैं। ‘टीआरएफ’ ने इससे पहले भी कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले किए हैं। कुछ हमलों में आतंकियों ने पंचायत सदस्यों को लक्ष्य किया है।

राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या

कुलगाम में वाय.के.पुरा गांव में गुरूवार देर रात भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं को लक्ष्य किया गया। उनकी गाड़ी रोककर आतंकियों ने गोलीबारी करके हमले के स्थान से भाग गए। खून में लथपथ पड़े इन तीनों घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया। लेकिन इस दौरान उनकी मौत हुई। इस घटना में मारे गए लोगों के नाम फईद हुसेन यट्टू, उमर रशीद बेग और उमर हाजम बताए गए हैं।

राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या

‘टीआरएफ’ ने इस हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकारी है। ‘टीआरएफ’ ही लश्‍कर ए तोयबा का नाम बदल कर स्थापित की गई संगठना है। बीते वर्ष जम्मू-कश्‍मीर से धारा ३७० हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने आतंकी गतिविधियों के लिए तीन नई संगठनाएं गठित की हैं। पाकिस्तानी आतंकी संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर नाम में बदलाव करके ‘द रेजिस्टन्स फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के साथ लश्‍कर ए तोयबा का नया चेहरा सामने लाया गया है। साथ ही तहरीक मिलिती इस्लामिया (टीएमआई) और गज़वा ए हिंद (जीईए) यह अन्य दो आतंकी संगठन बनाए गए हैं।

यही संगठना स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर हमले कर रही है और इसी महीने के ६ अक्तुबर के दिन गांदरबाल ज़िले के राजनीतिक पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी की भी इसी तरह से हत्या की गई थी। इससे पहले आतंकियों ने दो सरपंचों की हत्या की थी।

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