नायजर में हुए आतंकी हमलों में ११ सैनिकों के साथ ८० की मौत

नायजरनिआमे – अफ्रीका के साहेल क्षेत्र के हिस्से वाले नायजर में दो आतंकी हमलों में ८० लोग मारे गए। इन मृतकों में नायजर सेना के ११ सैनिकों का समावेश है और यह संख्या बढ़ने की संभावना है। इस हमले की ज़िम्मेदारी अभी किसी भी संगठन ने स्वीकारी नहीं है। लेकिन, ‘आयएस’ से जुड़े गुट ने इस हमले को अंजाम दिया होगा, ऐसी आशंका सूत्रों ने व्यक्त की। एक स्वयंसेवी संगठन ने कुछ दिन पहले जारी की रपट के अनुसार इस वर्ष में नायजर में हुए आतंकी हमलों में ५०० से अधिक लोग मारे गए हैं।

माली और बुर्किना फासो की सरहद से जुड़े तिलाबेरी प्रांत में यह हमले किए गए। पहला हमला ‘अदाब-दाब’ नामक गांव में हुआ। ‘बानिबान्गो’ शहर के मेयर और उनके शिष्टमंड़ल को मोटर सायकल पर सवार आतंकियों के गुट ने लक्ष्य किया। इस हमले में ६९ लोग मारे गए और १५ घायल हुए। इस हमले के बाद नायजर की सरकार ने दो दिन राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया। इस हमले के पीछे ‘इस्लामिक स्टेट इन ग्रेटर सहारा’ नामक आतंकी गुट का हाथ हो सकता है, ऐसा सुरक्षा बलों ने कहा।

नायजरदूसरा आतंकी हमला माली की सीमा से करीब ‘दाग्ने’ गांव में हुआ। गांव की सुरक्षा के लिए तैनात सेना बल को इस दौरान लक्ष्य किया गया। इस हमले में ११ सैनिक मारे गए और कुछ लापता हैं। इसके जवाब में किए गए हमले में कुछ आतंकी मारे जाने की जानकारी भी नायजर सरकार ने प्रदान की। इस हमले के पीछे भी ‘आयएस’ से जुड़े गुट का हाथ बताया जा रहा है। एक के एक बाद हुए इन हमलों के बाद तिलाबेरी में लष्करी तैनाती फिर से बढ़ाई गई है।

अफ्रीका के नायजर, माली, बुर्किना फासो, चाड़ और मॉरिशानिया देशों को ‘साहेल कंट्रीज्‌’ के नाम से पहचाना जाता है। इस साहेल क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों से आतंकी संगठनों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। ‘अल कायदा’ और ‘आयएस’ दोनों आतंकी संगठनों से जुड़े गुट अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए लगातार हमले कर रहे हैं। अमरीका और फ्रान्स समेत यूरोपिय देशों ने आतंकवाद विरोधी मुहिम चलाई है, फिर भी इसे उम्मीद के अनुसार सफलता प्राप्त नहीं मिली है। ऐसे में यहां के आतंकी संगठन अधिक ताकतवर होने की बात नए हमलों से दिख रही है।

कुछ महीने पहले अफ्रीकी क्षेत्र में स्थित अमरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह इशारा दिया था कि, अफ्रीका में आतंकवाद का दावानल भड़का है।

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