अमरीका को अफ़गानिस्तान से जल्द सेना हटानी होगी – पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने की बायडेन की आलोचना

us-military-biden-trump-afghanवॉशिंग्टन – अफ़गानिस्तान में तैनात संपूर्ण अमरिकी सेना की वापसी के लिए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने ११ सितंबर का दिन चुना है। इस पर पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने फटकार लगाई है। इस वजह से अमरिकी सेना की वापसी को देरी हो रही है और इससे अरबों डॉलर्स बरबाद होंगे, ऐसी आलोचना ट्रम्प ने की है। साथ ही अमरीका पर हुए ९/११ के हमले की वजह से ही अमरीका को अफ़गानिस्तान में युद्ध का ऐलान करना पड़ा था। इस युद्ध का अन्त करने के लिए ११ सितंबर का चयन करना इसी वजह से असंगत साबित होता हैं, यह दिन आतंकी हमलों में मारे गए लोगों का स्मरण दिवस बना रहना ही उचित होगा, ऐसा बयान पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते हफ्ते अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी का ऐलान किया था। ओसामा बिन लादेन को खत्म करना और अफ़गानिस्तान में स्थित आतंकियों के स्थान नष्ट करने के अपने दो उद्देश्‍य पूरे होने की वजह से अमरीका अफ़गानिस्तान से पीछे हट रही है, ऐसा बायडेन ने कहा था। यह वापसी १ मई से शुरू होगी और ११ सितंबर तक पूरी होगी, ऐसा ऐलान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। अफ़गानिस्तान में अमरीका के २५०० सैनिक तैनात हैं और इनकी वापसी में किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं की जाएगी, ऐसा बायडेन ने कहा था।

us-military-biden-trump-afghanबायडेन द्वारा सेना वापसी के निर्णय का नाटो सदस्य देशों ने स्वागत किया है। साथ ही अमरीका के साथ अपनी सेना भी अफ़गानिस्तान से पीछे हटेगी, ऐसा ऐलान ब्रिटेन, जर्मनी ने किया था। लेकिन, अमरीका के कुछ वरिष्ठ सिनेटर्स ने सेना वापसी के इस ऐलान की आलोचना की थी। इनमें अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प भी शामिल हुए हैं। बायडेन प्रशासन सेना वापसी के लिए ११ सितंबर तक की देरी ना करे और उससे पहले जल्द से जल्द सेना की वापसी करवाए, ऐसा ट्रम्प ने कहा है।

us-military-biden-trump-afghan‘बीते १९ सालों में अमरीका ने अफ़गानिस्तान के युद्ध में अरबों डॉलर्स खर्च किये और साथ ही लष्करी गाड़ियाँ तैनात की हैं। इसके आगे यह तैनाती बरकरार रखकर अमरीका और भी अरबों डॉलर्स खर्च कर रही है’, इसकी याद ट्रम्प ने दिलाई। साथ ही ९/११ का दिन हमने खोई महान आत्माओं का स्मरण दिवस है और ऐसे दिन तक सेना वापसी को देरी करना उचित नहीं होगा’, ऐसा पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा।

इसी बीच, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने सेना वापसी का यह ऐलान दोहा समझौते का उल्लंघन करेगा, ऐसा इशारा तालिबान ने दिया है। ‘१ मई तक अमरीका और नाटो अपनी पूरी सेना हटाएँ, यही हमारी माँग थी। लेकिन, अमरीका पर भरोसा करना मुमकिन नहीं है, यही बात इससे स्पष्ट हो रही है’, ऐसी आलोचना तालिबान ने की। इसके साथ ही १ मई के बाद भी अमरीका और नाटो के सैनिक अफ़गानिस्तान में तैनात रहे तो इसके आगे ज्यो कुछ होगा, उसके लिए पूरी तरह से अमरीका ज़िम्मेदार रहेगी, ऐसा इशारा तालिबान ने दिया है।

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