चीन ने हमला किया तो तैवान आखिरी दिन तक लड़ेगा – तैवान के विदेशमंत्री का ऐलान

china-taiwanतैपेई – चीन जल्द ही तैवान पर कब्ज़ा करने के लिए हमला कर सकता है, ऐसी संभावना अमरिकी लष्करी अफसर व्यक्त कर रहे हैं। इस क्षेत्र में जारी चीन की गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर अमरिकी अधिकारी यह दावा कर रहे हैं। इस पर तैवान ने संज्ञान लिया है और चीन के इस हमले का मुकाबला करने के लिए अपना देश तैयार होने का बयान तैवान के विदेशमंत्री जोसेफ वू ने किया है। चीन ने हमला किया तो हमारा देश आखिरी दिन तक चीन से लड़ेगा, ऐसा इशारा भी तैवान के विदेशमंत्री ने दिया है।

चीन की विमान वाहक युद्धपोत ‘लिओनिंग’ कुछ घंटे पहले ही अपने विध्वंसकों के काफिले के साथ तैवान की खाड़ी के करीब पहुँची है। चीनी युद्धपोतों ने इस क्षेत्र में युद्धाभ्यास शुरू किया है और इसके आगे भी नियमित पद्धती से ऐसे युद्धाभ्यास आयोजित होते रहेंगे, यह ऐलान भी चीन ने किया है। चीन के युद्धपोतों का तैवान की खाड़ी के करीब हुआ यह युद्धाभ्यास यानी तैवान के लिए इशारा होने का दावा किया जा रहा है। तैवान के मुद्दे पर चीन ने शुरू की हुई आक्रामक गतिविधियों पर अमरिकी लष्करी अधिकारी और विश्‍लेषक चिंता व्यक्त कर रहे है।

china-taiwanअमरीका के ‘इंडो-पैसिफिक कमांड’ के प्रमुख एडमिरल फिल डेविडसन ने बीते महीने अमरिकी कांग्रेस के सामने पेश की रपट में चीन की मंशा को लेकर इशारा दिया था। अगले छह वर्षों के दौरान चीन तैवान को निगलने की कोशिश कर सकता है, ऐसा दावा एडमिरल डेविडसन ने किया था। इसी बीच उनके उत्तराधिकारी के तौर पर नियुक्त हुए एडमिरल जॉन ऐक्विलिनो ने सिनेट के सामने किए बयान में अगले छह वर्षों के दौरान चीन तैवान के मुद्दे पर ऐसी हरकत कर सकता हैं, यह चिंता व्यक्त की थी। तो, तैवान की हवाई और समुद्री सीमा में चीनी विमान और जहाज़ों की हो रही घुसपैठ भी चिंता का मुद्दा होने का बयान कुछ अमरिकी अफसरों ने किया है।

china-taiwanतैवान के विदेशमंत्री जोसेफ वू ने चीन के युद्धपोतों का यह युद्धाभ्यास और अमरिकी अफसरों द्वारा जताई जा रहीं चिंता पर अपने देश की भूमिका रखी। ‘तैवान पर चीन का हमला होने की संभावना खतरनाक स्तर पर जा पहुँची है, यह बात अमरिकी अफसरों के बयान से सामने आ रही है। इसमें सच्चाई है तो चीन के हमले का मुकाबला करने के लिए तैवान तैयार है। तैवान की सुरक्षा के लिए आखिरी दिन तर लड़ेंगे’, ऐसा ऐलान विदेशमंत्री वू ने किया। इसके लिए तैवान अपने लष्करी सामर्थ्य और इसका खर्च बढ़ाने के लिए तैयार होने का बयान भी तैवानी विदेशमंत्री ने किया।

इसी बीच चीन के साथ बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर तैवान ने कुछ दिन पहले ही लंबी दूरी के मिसाइलों का बड़ी मात्रा में निर्माण शुरू किया था। साथ ही दो हफ्ते बाद तैवान ने युद्धाभ्यास का भी आयोजन किया है। यदि चीन ने हमला किया तो तैवान इस युद्धाभ्यास के ज़रिये इसका मुकाबला करने की तैयारी की कोशिश में है।

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