रशिया ईरान और पाकिस्तान की ओर से तालिबान को मिलने वाला समर्थन कायम- पेंटागॉन का आरोप

वॉशिंग्टन: रशिया, ईरान और पाकिस्तान यह तीनों देश अभी भी अफगानिस्तान में तालिबान की मदद कर रहे हैं, जिससे अमरिका की आतंकवाद विरोधी मुहीम और हितसंबंध बिगड़ रहे हैं, ऐसा आरोप अमरिका के रक्षा विभाग ने किया है। रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागॉन ने अफगानिस्तान की सुरक्षा की समीक्षा करने वाली रिपोर्ट प्रसिद्द किया है, जिस मे यह आरोप लगाया गया है। इस रिपोर्ट की पृष्ठभूमि पर ही रशिया के वरिष्ठ अधिकारीयों ने, रशिया अफगानिस्तान के मुद्दे पर अमरिका की मदद करने के लिए तैयार है, ऐसा वक्तव्य किया है।

रशिया, ईरान और पाकिस्तान

पेंटागॉन ने जून से नवम्बर २०१७ इस कालावधि की अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति के बारे में रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में, रशिया के साथ ईरान और पाकिस्तान की तरफ से ‘अफगान तालिबान’ आतंकवादियों को मिलने वाली मदद की जानकारी दी गई है। अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस साथ ही अफगानिस्तान में अमरिका की मुहीम के प्रमुख जॉन निकोल्सन ने भी अपने वक्तव्य में रशिया और ईरान की अफगानिस्तान में कार्रवाइयों पर खुलकर नाराजगी जाहिर की है।

‘रशिया अफगानिस्तान के साथ नजिक के क्षेत्र में अमरिका का प्रभाव कम करने की कोशिश कर रहा है। उस के लिए अमरिका की मुहिमों के बारे में साथ ही उद्दिष्टों के बारे में गलत जानकारी फैलाना और तालिबान के संपर्क में रहना, जैसी चीजों पर जोर दे रहा है। रशिया ने अफगानिस्तान के पडौसी देशों पर दबाव डालना शुरू किया है और अमरिका और नाटो देशों को सहकार्य न करें, ऐसा आवाहन करने की बात सामने आई है’, ऐसा दावा पेंटागॉन ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

ईरान अफगानिस्तान में तालिबान की सहायता कर हा है और उस के लिए ‘आयएस-खोरासन’ इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ संघर्ष की वजह बताई गई है। ईरान की ओर से तालिबान को दिया जाने वाला समर्थन अफगानी सरकार की विश्वसनीयता को ठेंच पहुँचाने वाला साबित हो रहा है, ऐसी चिंता पेंटागॉन ने इस रिपोर्ट में जताई है। पाकिस्तान ‘तालिबानी’ आतंकवादियों के आश्रयस्थान के तौर पर अभी भी कायम है, साथ ही ‘हक्कानी नेटवर्क’ जैसे आतंकवादी समूह को भी इस देश में आजादी मिल रही है, ऐसा आरोप अमरिका के रक्षा विभाग ने किया है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अगस्त महीने में अफगानिस्तान के मामले में नई नीति घोषित की थी। इस में अफगानिस्तान में अतिरिक्त लष्करी तैनाती करने के साथ साथ ‘सीआयए’ की मुहिमों को ज्यादा अधिकार और आजादी दी गई है। इस पृष्ठभूमि पर भी तालिबान की कार्रवाइयों में बढ़ोत्तरी दिखाई दे रही है, जिस वजह से अमरिकी सर्कल में तीव्र चिंता व्यक्त की जा रही है।

दौरान, अमरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट की पृष्ठभूमि पर रशिया के अफगानिस्तान के लिए नियुक्त किए गए विशेष दूत झमिर काबुलोव्ह ने, अफगान मुद्दे पर अमरिका को सहकार्य करने के लिए रशिया तैयार है, ऐसा वक्तव्य किया है। रशियन वृत्तसंस्था को दिए हुए इंटरव्यू में काबुलोव्ह ने, अमरिका के वरिष्ठ अधिकारी एलिस वेल्स के साथ रशिया संपर्क में होने का दावा किया है।

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