दुश्मन को ढूँढ कर झटका देने की क्षमता रशियन नौसेना के पास – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन की चेतावनी

मॉस्को – ‘रशिया और रशियन हितसंबंधों की रक्षा करने के लिए रशियन नौसेना पूरी तरह सिद्ध है। दुश्मन चाहे पानी के नीचे, जमीन पर अथवा हवा में, कहीं पर भी हो, तो भी नौसेना उसे ढूँढ निकाल सकती है। जरूरत पड़ने पर, दुश्मन टाल नहीं सकेगा ऐसा जबरदस्त झटका देने में भी रशियन नौसेना सक्षम है’, ऐसी कड़ी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दी। पिछले महीने में ब्रिटेन का युद्धपोत ‘एचएमएस डिफेन्डर’ने क्रिमिआ के पास ही सागरी सीमा में से प्रवास किया था। इस मुद्दे पर रशिया और ब्रिटेन के बीच तनाव बहुत ही बढ़ा था। इस पृष्ठभूमि पर पुतिन की चेतावनी गौरतलब साबित होती है।

russian-navy-putin-1रविवार को रशियन नौसेना की स्थापना के ३२५ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सेंट पिट्सबर्ग समेत कई इलाकों में संचलन का आयोजन किया गया था। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इस समय संपन्न हो गए संचालन में उपस्थित थे। इस समय उन्होंने रशियन नौसेना की क्षमता और शुद्धता की सराहना करके शत्रु देशों को चेतावनी दी। दुनिया के सागरी क्षेत्र के अधिकांश प्रमुख भागों में रशियन नौसेना ने अपना अस्तित्व दिखा दिया है, ऐसा दावा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस समय किया। हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र, परमाणु पनडुब्बियाँ, ‘कोस्टल डिफेन्स सिस्टिम्स’ इन केबल पर रशिया ने दुनिया की अग्रसर नौसेनाओं में स्थान पाया है, ऐसा यकीन पुतिन ने दिलाया।

पिछले महीने में, ब्रिटेन का युद्धपोत ‘एचएमएस डिफेन्डर’ ने क्रिमिआ की नजदीकी सागरी सीमा में से प्रवास किया था। उस समय रशियन गश्ती नौकाओं ने ब्रिटिश युद्धपोत का पीछा करके हवा में ‘वॉर्निंग शॉट्स’ दागे थे। रशिया के लड़ाकू विमानों ने ब्रिटिश युद्धपोत को रोकने के लिए समुद्र में बम गिराए, ऐसा दावा भी रशियन रक्षा बल ने किया था। लेकिन ब्रिटेन ने इस मामले में रशिया के सभी दावे ठुकराए थे। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह आरोप किया था कि इस सारे मामले के पीछे अमरीका का उकसावा था।

ब्रिटीश युद्धपोत की मुहिम के बाद रशिया ने ‘ब्लॅक सी’ में नाटो तथा अन्य देशों के अभ्यास और नाविक गतिविधियाँ गंभीरता से लीं हैं। इस महीने की शुरुआत में ही रशिया ने क्रिमिआ में ‘एस-४००’ समेत अन्य क्षेपणास्त्र यंत्रणाएँ तैनात कर ‘एरिअल डिनायल टेस्टस्’ श्रेणी के परीक्षण किए थे। उसके बाद ‘बॉम्बर्स’ और लड़ाकू विमानों की सहायता से ‘बॉम्बिंग एक्सरसाईज’ भी किया था।

इसी बीच, रशिया के विदेश विभाग ने, कुछ बाहरी ताकतें ‘ब्लॅक सी’ सागरी क्षेत्र का वातावरण कृत्रिम रूप से बिगड़ रहीं होने का आरोप किया है। ‘ब्लॅक सी’ क्षेत्र से जुड़े ‘मॉंट्रेक्स कन्व्हेंशन’ पर उचित तरीके से अमल हों, ऐसी माँग भी रशिया द्वारा इस समय की गई। इस मुद्दे पर तुर्की की भूमिका महत्वपूर्ण है, इस पर भी रशिया ने इस समय गौर फरमाया।

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