जम्मू-कश्‍मीर में ‘लश्‍कर’ और ‘हिजबुल’ का संघर्ष होगा

नई दिल्ली – जम्मू-कश्‍मीर में ‘दि रेझिस्टन्स फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम का नया आतंकी संगठन खडा हुआ है। ‘टीआरएफ’ को ‘लश्‍कर-ए-तोयबा’ की सहायता प्राप्त हो रही है। कुछ दिन पहले ही ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ का कमांडर अब्बास शेख अपना संगठन छोडकर ‘टीआरएफ’ में शामिल हुआ था। उसे ही अब ‘टीआरएफ’ का कमांडर घोषित किया गया है। इस नई आतंकी संगठन की वजह से ‘लश्‍कर-ए-तोयबा’ और ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ के बीच संघर्ष शुरू होता दिख रहा है।

शुक्रवार के दिन टीआरएफ ने एक पोस्टर जारी किया। इसमें हिजबुल मुजाहिद्दीन का ऑपरेशनल कमांडर अब्बास ने ‘टीआरएफ’ में शामिल होने का ऐलान किया है। इससे पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन ने जम्मू-कश्‍मीर का पुलिस दल एवं आम कश्मिरी जनता पर अत्याचार किए थे। यह बात हमें स्वीकार नहीं हैं, यह कहकर अब्बास शेख ने हिजबुल मुजाहिद्दीन को छोडकर टीआरएफ में प्रवेश किया, ऐसा बताया जा रहा है। अपने १२ सहयोगियों को लेकर अब्बास शेख ने टीआरएफ में शामिल होने के बाद उसपर हिजबुल का हमला होने की संभावना बढ़ चुकी है।

टीआरएफ इस नये नाम से खडे हुए आतंकी संगठन के पीछे लश्‍कर-ए-तोयबा होने की बात स्पष्ट हुई है। इस वजह से अब्बास शेख लश्‍कर में ही शामिल हुआ है और यह बात लश्‍कर की प्रतिद्वंद्वी समझी जा रही हिजबुल मुजाहिद्दीन द्वारा बर्दाश्‍त की जाना संभव नहीं। पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठन स्वयं को कश्‍मीर की कथित आजादी के लिए लडनेवालीं बताते हैं। फिर भी उनके बीच में काफी बडा संघर्ष शुरू रहता है, यह बात अब नये से सामने आयी है।

जम्मू-कश्‍मीर को विशेष दर्जा प्रदान करनेवाली धारा ३७० हटाने के बाद पाकिस्तान पुरस्कृत सभी आतंकी संगठनों ने भारत के विरोध में एक होने की तैयारी की थी। यह सभी संगठन एक होकर नया आतंकी दल गठित करने की तैयारी में है, ऐसें रिपोर्ट्स् भारत के गुप्तचर विभाग ने पेश किए थे। लेकिन अब इन आतंकी संगठनों में एकता नहीं रही है, यह बात नये से सामने आ रही है। पर, लश्‍कर-ए-तोयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के बीच वास्तव में संघर्ष शुरू हुआ है या भारतीय सुरक्षा दलों को गुमराह करने के लिए की गई एक साजिश है, यह बात कुछ दिन बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

लेकिन भारतीय सुरक्षा दल ने, जम्मू-कश्‍मीर में किसी भी स्थिति में आतंकवाद बर्दाश्‍त नहीं करेंगें, यही आक्रामक नीति अपनाई है और आतंकवादियों को ख़त्म करने का सिलसिला जारी रखा है। आतंकवादियों के विरोध में शुरू की गई आक्रामक मुहिम आगे भी उतनी ही आक्रामकता से जारी रहेगी, यह भरोसा भारत के वरिष्ठ सेना अफसर दे रहे हैं। इस वजह से, अब्बास शेख जैसे आतंकी ने दूसरे आतंकी संगठन में प्रवेश किया हो, फिर भी इससे सुरक्षा दल की नीति में बदलाव नहीं होगा, यह भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

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