१०४. इस्रायली क्रीडाजगत्

समाज का सर्वांगीण विकास हो पाने के लिए किसी भी देश की दृष्टि से कला जितना ही खेलकूद को भी महत्त्व है| देश के नागरिक स्वस्थ एवं ‘फिट’ रहने के लिए खेल, ख़ासकर मैदानी खेल अनन्यसाधारण महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं|

इस अहमियत को पहचानकर ही इस्रायल ने आज़ादी के बाद, विभिन्न कलाप्रकारों जितना ही इस्रायल के क्रीडाजगत् को भी महत्त्व दिया है| इस्रायल की प्राथमिकताएँ (‘प्रायॉरिटीज्’) पहले से ही अलग होने के कारण इस्रायल के क्रीडामंत्रालय का बजेट शायद अमीर देशों जितना अधिक ना भी हों; मग़र फिर भी अनगिनत मुश्किलों से हल निकालते हुए, इस्रायल के क्रीडा मंत्रालय ने राष्ट्रीय, व्यवसायिक तथा शौकिया (ऍमॅच्युअर) ऐसे सभी स्तरों पर खेलों को शुरू से ही उत्तेजन दिया है, ताकि इस्रायली नागरिकों के मन पर खेलों का महत्त्व अंकित हों|

इस्रायली नागरिकों से भी इसे अच्छा प्रतिसाद मिलता है| पहले ही इस्रायल में बारिश के महीने कम होते हैं| पीने के पानी की आपूर्ति करने के लिए और खेती के लिए हालॉंकि यह बात प्रतिकूल साबित होती है, यही बात आऊटडोअर गेम्स खेलने के लिए अनुकूल साबित होती है| इस कारण इस्रायली लोग बचपन से ही आऊटडोअर गेम्स में दिलचस्पी लेते हुए दिखायी देते हैं| आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मुहर लगानेवाले कई इस्रायली खिलाड़ियों ने, अपने अपने क्षेत्र में खेलने की शुरुआत स्थानिक या घरेलु स्तर पर बिलकुल छोटी उम्र में, यहॉं तक कि ५-६ साल की उम्र में ही की है|

सन १९५७ में स्थापन किये गये विनगेट इन्स्टिट्युट ने सातत्यपूर्वक क्रीडापटुओं को विकसित करने का कार्य किया है|

विभिन्न खेलों को समर्पित, स्थानिक स्तर पर के क्लब्ज वगैरा होते हैं, जिनके माध्यम से उस उस खेल की, ‘स्थानिक से लेकर राष्ट्रीय तक’ ऐसे विभिन्न स्तरों पर की प्रतियोेगियाएँ (‘लीग्ज’) आयोजित की जाती हैं| निचले स्तर पर सर्वोत्तम प्रदर्शन करनेवाले किसी खेल के खिलाड़ी का ऊपरी लीग्ज में या अच्छे क्लब्ज में ‘प्रमोशन’; वहीं, ऊपरी लीग्ज में उतना अच्छा प्रदर्शन न करनेवाले खिलाड़ी का निचले लीग्ज में ‘डिमोशन’ होता है, इस कारण खिलाड़ी अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करने की ही कोशिश करते हैं| इन्हीं में से धीरे धीरे खिलाड़ी का प्रतिस्पर्धात्मक रूझान बढ़ने लगता है और उसी में से, राष्ट्रीय स्तर पर खेलनेवाले, आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्रायल का प्रतिनिधित्व करनेवाले खिलाड़ी तैयार होते हैं| इनमें से कई क्लब्ज विभिन्न युरोपीय या अमरिकी क्लब्ज/फेडरेशन्स के साथ जुड़े होने के कारण, कई माहिर इस्रायली खिलाड़ियों को प्रोफेशनल स्तर पर वहॉं के क्लब्ज में से कॉन्ट्रॅक्ट पर खेलने का अवसर भी प्राप्त होता है| इन क्लब्ज का, दरअसल कुल मिलाकर इस्रायल की क्रीडा गतिविधियों का ही संचालन इस्रायल के क्रीडामंत्रालय के क्रीडा प्राधिकरण द्वारा किया जाता है|

इस प्रकार की, आन्तर्राष्ट्रीय स्तर की कुशलता विकसित करने के लिए इस्रायल में प्रायः दो बातें अहम साबित होती हैं| एक तो, सरकारी स्तर पर से व्यायाम तथा क्रीडा प्रशिक्षण देनेवाला केंद्र – ‘विनगेट इन्स्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एज्युकेशन अँड स्पोर्टस्’; और दूसरी यानी ‘मॅक्काबी टुर्नामेंट्स’|

विनगेट इन्स्टिट्युट के विभिन्न खेलों को समर्पित ऐसे खुद के कई ग्राऊन्ड्स हैं|

मध्य इस्रायल स्थित नेतान्या शहर के पास मुख्यालय होनेवाली ‘विनगेट इन्स्टिट्यूट’ के विभिन्न खेलों के लिए खुद के बड़े बड़े ग्राऊंड्स हैं| लीग्ज स्तर पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन का बारिक़ी से निरीक्षण किया जाता है और उनमें से सर्वोत्तम गुणवान होनहार खिलाड़ियों को, उनकी कुशलता विकसित करने के लिए विनगेट में ‘फुलटाईम’ क्रीडाप्रशिक्षण लेने का अवसर प्रदान किया जाता है| इन खिलाड़ियों का तथा उनके प्रशिक्षकों का सारा खर्चा इस्रायली सरकार उठाती है|

इसीके साथ महत्त्वपूर्ण साबित होती हैं, ‘मॅक्काबी टुर्नामेंट्स’| सन १९३२ से, ऑलिंपिक्स के ही ऩक्शेकदम पर, लेकिन केवल ज्यूधर्मीय खिलाड़ियों के लिए, इस्रायल में हर चार सालों में आयोजित की जानेवाली यह विभिन्न खेलों की प्रतियोगिता है| ‘ज्युईश ऑलिंपिक्स’ के नाम से मशहूर रहनेवाली इस टुर्नामेंट में, दुनियाभर के कुल मिलाकर दस हज़ार से भी अधिक ज्यूधर्मीय खिलाड़ी सहभागी होते हैं और इस कारण व्याप्ति की दृष्टि से, ऑलिंपिक्स और फिफा वर्ल्डकप के बाद मॅक्काबी दुनिया में तीसरे नंबर पर जानी जाती है| बड़े इस्रायली शहरों में फ़ूटबॉल, बास्केटबॉल ऐसे विशिष्ट खेलों को समर्पित रहनेवाले मॅक्काबी क्लब्ज हैं, जो जागतिक टुर्नामेंट्स् में भी अपनी टीम्स भेजते हैं और सर्वोत्तम जागतिक दर्जा होनेवालीं टीम्स में उनकी गिनती होती है| इस टुर्नामेंट में भारत से भी ज्यूधर्मीय खिलाड़ी नियमित रूप से सहभागी होते हैं|

सन १९३२ में आयोजित किये हुए पहले मॅक्काबी गेम्स

वैसे इस्रायल में नियमित रूप से खेले जानेवाले क्रीडाप्रकार हैं, फ़ूटबॉल, बास्केटबॉल, टेनिस| इन्हीं के साथ, सायक्लिगं, स्विमिंग, टेबलटेनिस, बेसबॉल, कुश्ती, ज्युडो, कराटे, वेटलिफ्टिंग इन खेलों में भी यहॉं दिलचस्पी दिखायी देती है| आजकल क्रिकेट भी इस्रायल में लोकप्रिय होने लगा है| उसीके साथ, इस्रायली सेनादल (‘आयडीएफ़’) ने ख़ास विकसित किया हुआ स्वसुरक्षा (‘सेल्फ-डिफेन्स’) खेल का प्रकार ‘क्रॅव मॅगा’ यह भी लोकप्रिय है|

इन खेलों में कई इस्रायली खिलाड़ियों ने जागतिक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है| ‘शेहर पीअर’ जैसी महिला टेनिस खिलाड़ी ने जागतिक स्तर पर व्यवसायिक टेनिसक्षेत्र की टुर्नामेंट्स जीतने के साथ ही, ऑलिंपिक्स में भी इस्रायल का प्रतिनिधित्व किया है|

व्यवसायिक तथा प्रतिस्पर्धात्मक क्रीडाजगत् में तो इस्रायल ने अपना अस्तित्व दिखा दिया ही है; लेकिन उसीके साथ बतौर ‘छंद’ या बतौर ‘शौक’ खेल खेलनेवाले इस्रायली भी बड़ी संख्या में नज़र आते हैं| ‘स्विमिंग’ अर्थात् तैरना यह इस्रायली लोगों में काफ़ी लोकप्रिय क्रीडाप्रकार है| इस्रायल को बहुत बड़ा सागरकिनारा प्राप्त हुआ होने के कारण, आधे से भी अधिक इस्रायली नागरिक नियमित रूप में तैरने का छंद पालते हुए दिखायी देते हैं| वैसे ही, ‘स्कुबा डायव्हिंग’ भी लोकप्रिय है| ठण्ड के मौसम में बर्फवृष्टि होनेवाले माऊंट हर्मन पर, स्कीईंग करनेवाले शौक़िया खिलाड़ियों की भीड़ उमड़ती है|

कलाक्षेत्र की तरह ही क्रीडाक्षेत्र की नींव मज़बूत बनाने की तैयारी भी, इस्रायल की आज़ादी से पहले से ही शुरू हो चुकी थी| विभिन्न आलियाओं के ज़रिये दुनियाभर से स्थलांतरित हुए ज्यूधर्मीय, आते समय अपने अपने प्रांतों में प्रचलित होनेवाले क्रीडाप्रकार और उनमें हासिल किया हुनर भी अपने साथ ले आये थे| इस कारण इस्रायली क्रीडाजगत् पर पश्‍चिमी तथा पौर्वात्य देशों में खेले जानेवाले क्रीडाप्रकारों का भी प्रभाव दिखायी देता है|

एम्रिच लिश्टनफ़ेल्ड (बायीं तरफ़ के) इन इस्रायली मार्शल आर्ट्स प्रशिक्षक ने इस्रायली सेनादल के लिए क्रॅव मॅगा यह स्वसुरक्षा क्रीडाप्रकार विकसित किया|

उनमें से कुछ क्रीड़ाप्रकार तो मूलतः इस्रायल में अस्तित्व में ही नहीं थे….होना संभव ही नहीं था| उदाहरणार्थ, कॅनडा एवं सोव्हिएत युनियन से स्थलांतरित हुए ज्यूधर्मियों में से कुछ लोग ‘आईस हॉकी’ में कुशलता कमाये हुए थे| क्योंकि कॅनडा तथा सोव्हिएत रशिया में जाड़े का मौसम यह बर्फाच्छादित होने के कारण, वहॉं यह खेल खेला जाता था| लेकिन इस्रायल के रेगिस्तानी हवामान को मद्देनज़र रखते हुए वहॉं अन्यथा इस खेल की कल्पना भी नहीं की जा सकती| लेकिन फिर भी इस्रायल ने, ऐसे खेलों के लिए नियंत्रित तापमान के ‘इन्डोअर’ स्टेडियम्स का प्रबन्ध कर, उन खेलों को भी उत्तेजन दिया| ऐसे आईस हॉकी स्टेडियम्स ऍशडॉड, तेल अवीव्ह, ऐलात आदि स्थानों में होकर, उनमें से सबसे बड़ा ‘कॅनडा स्टेडियम’ उत्तर इस्रायल स्थित मेट्युला में है, जो ऑलिंपिक आईस हॉकी स्टेडियम के आकार का है| सन २००५ की आन्तर्राष्ट्रीय आईस हॉकी फेडरेशन की चँपियनशिप टुर्नामेंट का स्वर्णपदक इस्रायल ने जीता था|

इस क्रीडासंस्कृति को विकसित करते समय भी, इस्रायल ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को भी जागृत रखा है| उतने भाग्यशाली न होनेवाले (‘डिप्राईव्ड क्लास’) वर्ग के खिलाड़ियों के लिए भी इस्रायल सहायता करते हुए दिखायी देता है| इनमें बेघर (‘होमलेस’) खिलाड़ियों, वैसे ही दिव्यांग खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मदद करते हुए, उनके लिए आयोजित की जानेवालीं आंतर्राष्ट्रीय टुर्नामेंट्स में भी इस्रायल, अपने उस उस वर्ग के खिलाड़ियों को सहभागी करा देता है|

ऐसा यह इस्रायल का क्रीडाजगत्! नागरिकों का स्वस्थ और ‘फिट’ होना, यह किसी भी देश के विकास का एक महत्त्वपूर्ण मूलमंत्र है, यह जानकर इस्रायल ने पहले से ही इस बात को महत्त्व दिया है|(क्रमश:)

– शुलमिथ पेणकर-निगरेकर

 

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