शरणार्थियों के झुंड़ रोकने के लिए स्वीडन में विशेष अभियान शुरू

स्टॉकहोम – पिछले कई दशकों से शरणार्थियों का स्वागत कर रहे स्वीडन ने अब शरणार्थियों के झुंड़ रोकने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। ‘डोन्ट कम हिअर कैंपेन’ नामक इस अभियान की पहल सरकार ने ही की है। इस अभियान के तहत स्वीडन के ‘माइग्रेशन’ विभाग की मंत्री मारिया माल्मर स्टेनेरगार्ड ने यूरोप के विभिन्न माध्यमों को साक्षात्कार देना शुरू किया और लेख भी प्रसिद्ध किए जा रहे हैं। पिछले १४ सालों में स्वीड़न में सात लाख से भी अधिक शरणार्थियों ने घुसपैठ की हैं और देश की जनसंख्या में विदेशी वंश के नागरिकों की तादात बढ़ रही है, यह जानकारी हाल ही में सामने आयी थी। 

शरणार्थियों के झुंड़पिछले दशक में जर्मनी की उस समय की चान्सलर एंजेला मर्केल ने खाड़ी और अफ्रीकी देशों से पहुंच रहे शरणार्थियों के लिए ‘ओपन डोअर पॉलिसी’ घोषित की थी। इसके बाद यूरोपिय देशों में काफी बड़ी संख्या में शरणार्थियों ने घुसपैठ की थी। करीबन एक करोड़ जनसंख्या के स्वीडन में हर वर्ष ८० से ९० हज़ार शरणार्थि दाखिल होना शुरू हुआ हैं। शुरू में इनका स्वागत करती दिखी स्वीडिश जनता ने बाद में इन झुंड़ों का विरोध किया था। 

शरणार्थियों के झुंड़स्वीडन के कुछ शहरों में शरणार्थियों के माध्यम से ही अपराधिक गिरोह बनाए गए थे। इन गिरोहों ने स्थानीक जनता को परेशानी देना, बढ़ते गुनाह और हिंसा की घटनाओं के कारण स्वीडन ने धीरे धीरे शरणार्थियों पर प्रतिबंध लगाना शुरू यिता था। लेकिन, इसके बावजूद भी शरणार्थियों की बढ़ती तादात और गुनाहों की गूंज स्वीडिश जनता में सुनाई देने लगी है। स्वीडन के दक्षिणपंथी विचारधारा के राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को उठाया और प्रदर्शन शुरू किए थे। इसे स्वीडिश जनता का काफी अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ। 

शरणार्थियों के झुंड़पिछले साल हुए चुनाव में आक्रामक दक्षिणपंथी विचारधारा की ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ पार्टी की पहल से बनाए दक्षिणपंथी गुट को १७६ सीटों पर जीत हासिल हुई थी। स्वीडन के इस सत्ता परिवर्तन के पीछे शरणार्थियों की घुसपैठ और इससे पुरे देश में बढ़े अपराधिक मामले निर्णायक साबित हुए, यह कहा जा रहा है।

शरणार्थियों के गिरोहों ने स्वीडन के प्रमुख शहरों में बड़ा कोहराम मचाया हैं और हिंसा एवं अन्य अपराधिक मामलों में ३० प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी देखी गई थी। शरणार्थियों से संबंधित मुद्दे पर ‘स्वीडन डेमोक्रैटस्‌‍’ ने लगातार आक्रामक भूमिका अपनाकर सरकार की नीति पर कड़ी आलोचना की थी। इसका असर चुनाव के नतीज़ों पर होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

स्वीडन सरकार ने शुरू किया हुआ यह अभियान चुनावी वादों का हिस्सा होने की बात कही जा रही है। इसके अनुसार यूरोपिय देशों में प्रचार अभियान के माध्यम से स्वीडन की बदली ‘माइग्रेशन पॉलिसी’ का अहसास कराया जाएगा, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की। इस अभियान के अलावा स्वीडन हर वर्ष देश में प्रवेश कर रहे शरणार्थियों का कोटा पांच हज़ार से सीधे ९०० तक कम करने का निर्णय किया है। 

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.