सऊदी अरेबिया और रशिया के दौरान अब्जो डॉलर्स के करारों पर हस्ताक्षर

मॉस्को: सऊदी अरेबिया के राजा ‘किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज’ ने अपने ऐतिहासिक रशिया दौरे मे अब्जो डॉलर्स के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए है। इन मे सऊदी अरेबिया ने रशिया के ‘एस-४०० ट्रायंफ’ इस मिसाइल भेदी यंत्रणा की खरीदारी ने ध्यान केंद्रित किया है। रक्षा क्षेत्र के साथ ईंधन, निवेश, परमाणु ऊर्जा, अंतराल, तंत्रज्ञान, खेती, सूचना एवं जानकारी जैसे क्षेत्र मे भी समझौते होने की जाख़बर अधिकारियों ने दी है। इस समय रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने सऊदी के राजा कि यह रशिया भेंट यह दोनों देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है, ऐसी प्रतिक्रिया दी है।

अमरीका के पारंपारिक मित्र देश के तौर पर पहचाने जानेवाले सऊदी अरेबिया ने पिछले दो ३ वर्षों मे रशिया से अच्छे संबंध प्रस्थापित करने का प्रयत्न शुरू किया है। उसके पीछे रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन की पहल यह महत्वपूर्ण घटक माना जा रहा है। ईंधन दर मे हुई गिरावट एवं अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने ईरान के साथ करार की पहल की वजह से सऊदी ने रशिया के साथ सहयोग के बारे मे सकारात्मक भूमिका ली थी। ईंधन दर मे हुई गिरावट रोकने के लिए रशिया एवं सऊदी अरेबिया की यह भूमिका निर्णायक ठहर रही है।

इस पृष्ठभूमि पर दोनों देशों ने आपसी संबंध अधिक सक्षम करने के लिए कदम उठाना शुरु किया है और सऊदी अरेबिया के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज का दौरा यह महत्वपूर्ण हो गया है। ईंधन मे हुई गिरावट की वजह से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा आर्थिक झटका लगने की बात सामने आई थी। रशिया पर पाश्चात्य देशोंने भी प्रतिबंध जारी करने के बाद रशियन अर्थव्यवस्था को लगे झटके की व्याप्ति अधिक बढ़ी हुई थी। ऐसी परिस्थिति मे रशिया ने अपने देश मे निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है और रशिया ने इसके लिए किये प्रयत्न महत्वपूर्ण माने जायेंगे।

रशिया के साथ रक्षा क्षेत्र मे हुए करार पर भी दोनों देशों मे संबंध अधिक दृढ़ करने के संकेत मिल रहे है। इससे पूर्व अमरीका से शस्त्र की खरीदारी करने वाले सऊदी ने रशिया को प्राथमिकता देकर अपनी नीति मे होने वाला बदलाव स्पष्ट किया है। रशिया से ‘एस-४०० ट्रायंफ’ की खरीदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे व्यतिरिक्त कैलैनिश्कोव्ह एक-के १०३ राइफल्स, कार्नेट यह टैंक भेदी मिसाइल यंत्रणा एवं मल्टीपल रॉकेट लौन्चर की खरीदारी करने का करार भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

सऊदी अरेबिया के ‘ऐराम्को’ कंपनी ने रशियन कंपनी के साथ तेल शुद्धीकरण प्रकल्प के संदर्भ मे सहयोगी करार पर हस्ताक्षर किए है। रशियन ‘डायरेक्ट इन्वेस्टमेट फंड’ ने सऊदी के ‘पब्लिक इन्वेस्टमेट फंड’ के साथ एक अब्ज डॉलर्स का निवेश निधि स्थापित करने का करार किया है।

सऊदी अरेबिया एवं रशिया के दौरान हुए अब्ज डॉलर्स के करार, रशिया के साथ सऊदी की अर्थव्यवस्था के लिए भी आवश्यक माना जाएगा। सऊदी अरेबिया का ईंधन व्यतिरिक्त अन्य क्षेत्रों मे प्राथमिकता देकर अर्थव्यवस्था मे बदलाव लाने का प्रयत्न कर रहा है। उसके लिए रशिया के विशेष सहयोग निर्णायक माने जाएंगे। गुरुवार के दिन दो देशों मे हुए करार के अंतर्गत परमाणु ऊर्जा, सूचना एवं तंत्रज्ञान, अंतराल, तंत्रज्ञान इन क्षेत्रों का समावेश है। इन क्षेत्रों मे रशिया की सहायता सऊदी अरेबिया की अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण मानी जाएंगी ऐसे संकेत मिल रहे है।

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