ईरान में खुफिया एटमी अड्डा शुरू – ईरानी सल्तनत के विरोधी गुट का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंगटन – ईरान की खामेनी-रोहानी सल्तनत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आंख में धुल फेंक रही है, यह आरोप ‘नैशनल कौसिंल ऑफ रेजिस्टन्स ऑफ ईरान’ (एनसीआयआय) इस गुट ने किया है| अंतरराष्ट्रीय निरिक्षकों के नजर में आ न सके इस कारण ईरान ने पांच खुफिया जगहों पर एटमी कार्यक्रम शुरू रखा है| ईरान के इस खुफिया एटमी कार्यक्रम पर समय पर कार्रवाई नही की तो ईरान एटमी शस्त्रों से सज्जित होगा, यह भी इस गुट ने कहा है|

अब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ईरान के नातांझ, बुशहेर, पारचिन इन जगहों पर जांच की है| इन एटमी केंद्रों में शुरू खतरनाक गतिविधियां रोक दी गई है, यह दावा ईरान और युरोपीय मित्रदेश कर रहे है| संयुक्त राष्ट्रसंघ की एटमी ऊर्जा आयोग ने भी एटमी कार्यक्रम के मामले में ईरान को ‘क्लिन चीट’ दी है| लेकिन, ‘नैशनल कौंसिल ऑफ रेझिस्टन्स ऑफ ईरान’ इस रोहानी-खामेनी विरोधी गुट ने ईरान अपना एटमी कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से छिपा रहा है, यह आरोप किया है|

ईरान में खामेनी सल्तनत परमाणु अस्त्र प्राप्त करने के लिये काफी महत्वाकांक्षी है, यह दावा ‘एनसीआरआय’ के नेता ‘हुसैन अबेदिनी’ इन्होंने किया है| अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सुचि में दर्ज नही है, ऐसी लष्करी ठिकानों पर ईरान ने खुफिया तरीके से परमाणु कार्यक्रम शुरू रखा है, यह अबेदिनी ने कहा है| ऐसी कमसे कम पांच जगह ईरान में है, यह उन्होंने स्पष्ट किया| इसमें राजधानी तेहरान से निकट पारचिन लष्कर अड्डेपर ‘पझौहेश्कादेह’ और इसी जगह से कुछ ही अंतर पर खोजिर लष्करी अड्डे पर ‘नूरी’ और वही पर ‘संजारियान’ इन लष्करी ठिकानों काम समावेश है| साथ ही ‘हाफ्ते तिर’ इस परमाणु केंद्र भी इस में शामिल है, यह जानकारी अबेदिनी ने दी है|

इसके अलावा ईरान में मोजदेह और नूर इन जगहों पर बैलेस्टिक मिसाइल का निर्माण शुरू है, यह आरोप भी अबेदिनी ने किया है| इन जगहों पर खुफिया काम शुरू है और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन जगहों की जानकारी प्राप्त करना मुमकिन नही था, ऐसा ‘एनसीआरआय’ ने कहा है| लेकिन हमारे गुट ने ईरान के इन खुफिया एटमी केंद्रों की जानकारी उजागर की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस जानकारी की दखल ले और ईरान पर कार्रवाई करे, यह मांग ‘एनसीआरआय’ ने रखी है|

इसके पहले २००२ में ‘एनसीआरआय’ ने ईरान के एटमी ठिकानों की जानकारी उजागर करके इन जगहों पर कार्रवाई करने की मांग रखी थी| इसके बाद अमरिका ने भी ईरान के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई थी| लेकिन २०१५ में अमरिका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा इन्होंने ईरान को लेकर उदार नीति अपनाकर परमाणु समझौता किया था| लेकिन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरिका में सत्ता पर आने के बाद ईरान के साथ हुए समझौते से वापसी की है| इस परिस्थिति में ‘एनसीआरआय’ ने फिर एक बार उजागर की हुई जानकारी की वजह से अमरिका अपनी ईरानविरोधी भूमिका अधिक तीव्र कर सकती है, यह संकेत मिल रहे है|

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