अमरिकी ‘फ़ेडरल रिज़र्व’ द्वारा ब्याजदरों में वृद्धि

अमरिकी ‘फ़ेडरल रिज़र्व’ द्वारा ब्याजदरों में वृद्धि

भारतीय अर्थव्यवस्था पर इस ब्याजदरवृद्धि का कुछ ख़ास परिणाम नहीं होगा – भारतीय वित्तसचिव शक्तिकांता दास का दावा अमरिकी अर्थव्यवस्था धीरे धीरे सुधर रही है, इस बात की पुष्टि कर ‘फ़ेडरल रिज़र्व’ ने ब्याजदरों में वृद्धि करने का निर्णय घोषित किया है। सन २००६ के बाद पहली ही बार यह ब्याजदरवृद्धि घोषित हुई है। ‘फ़ेडरल […]

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भुवनेश्‍वर

भुवनेश्‍वर

इस विद्यमान सृष्टी का निर्माण एक शक्ति ने किया है और साधारण मनुष्य उस शक्ति को ‘ईश्‍वर’ या ‘भगवान’ कहता है। आज तक इस पृथ्वी पर जितने धर्म या पन्थ हुए, उन सबने इस शक्ति को विभिन्न नामों द्वारा संबोधित किया। हर एक धर्म या पंथ ने ईश्‍वर को विभिन्न नाम दिएँ, ईश्‍वर की प्रार्थना […]

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नेताजी-७

नेताजी-७

सुभाष मॅट्रिक की परीक्षा में दूसरे नंबर से पास हुआ, इस बात पर किसी को यक़ीन ही नहीं हो रहा था; क्योंकि मॅट्रिक की परीक्षा के पहले पिताजी के बार बार समझाने के बावजूद भी सुभाष (नेताजी) के देर रात तक घर के बाहर रहने में कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा था। दरअसल उसका स्वभाव ही […]

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कानपुर

कानपुर

गंगा नदी यह पूरे भारत देश के लिए अत्यधिक पवित्र है। इस गंगा नदी के आध्यात्मिक महत्त्व के साथ-साथ ही उसका भूगोलीय दृष्टिकोन से भी महत्त्व है। हिमालय से बहनेवाली इस गंगा नदी ने उसके तीर पर हजारों मानवों के निवास के लिए कईं अनुकूलताओं का निर्माण किया। और इस गंगा नदी के तीर पर […]

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उद्योग व्यापर के संकेतस्थल

उद्योग व्यापर के संकेतस्थल

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा भारत के दौरे पर आये थे। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष निकोलस सर्कोझी भारत में अभी-अभी आकर गए। चीन के पंतप्रधान जियबाओ जल्द ही भारत आने वाले हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव्ह भी दिसंबर महीने में भारत का दौरा करने वाले हैं। दुनिया के इन प्रमुख देशों के राष्ट्रप्रमुखों के लिए […]

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आक्रमणों का इतिहास

आक्रमणों का इतिहास

समय की धारा में भारत को नयी नयी चुनौतियों का सामना करना पडा। जिन राष्ट्रों का जीवन प्रदीर्घ होता है, उन राष्ट्रों के सामने ऐसी चुनौतियाँ समय-समय पर आती ही रहती हैं। इतिहास इसी तरह आगे ​चलता रहता है। मौर्यवंश के बाद शुंग वंश ने इस देश पर शासन किया। उसके बाद गुप्तवंश का राज्य […]

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नेताजी-४

नेताजी-४

सुभाषबाबू के जीवन में दाखिल हो चुके स्वामी विवेकानन्दजी ने उन्हें बाह्य-आभ्यन्तर भारित कर दिया था। अपने जीवन का हेतु ही मानो स्वामीजी समझा रहे हैं, ऐसा उन्हें लगा। विवेकानन्दजी के विचार पुरोगामी ही थे। भोगवादी संस्कृतिप्रधान पश्चिमी देशों में जब भारत के बारे में रहनेवाले घोर अज्ञान के कारण भारत से संबंधित ग़लत धारणाएँ […]

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जयपुर

जयपुर

यह सृष्टि विभिन्न रंगों से सजी हुई है, ईश्वर के द्वारा निर्मित इन रंगों के कारण यह पूरी सृष्टि मनोहारी बनी है| यह सृष्टि और उसमें विद्यमान घटकों के विभिन्न रंग इनके प्रति मनुष्य के मन में बहुत प्राचीन समय से आकर्षण रहा है, इसी आकर्षण के कारण प्राचीन समय में मानव जब चित्र बनाने […]

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उज्जैन

उज्जैन

हमारे भारतवर्ष में संस्कृति, कला, इतिहास, अध्यात्म आदि कईं क्षेत्रों की श्रेष्ठ परंपरा सदियों से चली आ रही है। प्राचीन काल से हमारा भारत देश ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म इनमें अग्रसर रहा है। भारत की मानवीय संस्कृति के विकास में जितना योगदान विज्ञान का हे, उतना ही अध्यात्म, ज्योतिषशास्त्र, खगोलशास्त्र, गणितशास्त्र, आयुर्वेद जैसे शास्त्रों का भी […]

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सुभाषबाबू पर स्वामी विवेकानन्दजी का बढ़ता प्रभाव

सुभाषबाबू पर स्वामी विवेकानन्दजी का बढ़ता प्रभाव

सुभाषबाबू के जीवन में दाखिल हो चुके स्वामी विवेकानन्दजी ने उन्हें बाह्य-आभ्यन्तर भारित कर दिया था। अपने जीवन का हेतु ही मानो स्वामीजी समझा रहे हैं, ऐसा उन्हें लगा। विवेकानन्दजी के विचार पुरोगामी ही थे। भोगवादी संस्कृतिप्रधान पश्चिमी देशों में जब भारत के बारे में रहनेवाले घोर अज्ञान के कारण भारत से संबंधित ग़लत धारणाएँ […]

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