समर्थ इतिहास-१२

समर्थ इतिहास-१२

‘अगस्ति’ यह इनका मूल नाम नहीं है। इनका मूल नाम ‘मान्य मांदार्य’ यह है। ‘अगं स्त्यायति इति’, पर्वत (विंध्य) के विस्तार को प्रतिबंध करनेवाला, यह ‘अगस्ति’ नाम की उपपत्ति (स्पष्टीकरण) है (अगस्ति – अगस्त्य)। ‘अगस्त्य’ यह गौरवशाली नाम उन्हें, उनके द्वारा उनके जीवन में किये गये एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य के कारण प्राप्त हुआ। तमिल […]

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नासिक भाग – ३

नासिक भाग – ३

ब्रह्मगिरि पर उद्गमित गोदावरी जब नासिक शहर में प्रवेश करती है, तब उसके दक्षिणी तट पर बसे स्थान को ‘नासिक’ इस नाम से जाना जाता है; वहीं उत्तरी तट पर बसे स्थान को ‘पंचवटी’ इस नाम से जाना जाता है। प्रभु रामचन्द्रजी के वास्तव्य से यह स्थान पावन हुआ ही है, साथ ही ऐसा भी […]

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मदुराई भाग – २

मदुराई भाग – २

श्रिय: कान्ताय देवाय कल्याणनिधयेऽर्थिनाम् । श्रीवेंकटनिवासाय श्रीनिवासाय मंगलम् ॥ सुबह सुबह कहीं से एम्. एस्. सुब्बलक्ष्मीजी की आवा़ज सुनायी दी और उसी क्षण मन महक गया मोगरे के फूलों की खुशबू से और साथ ही याद आया फिल्टर कॉफी का स्वाद। ये तीनों बाते मन को ले गयीं मदुराई में। मदुराई शहर को मानो उसके […]

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कन्याकुमारी भाग-१

कन्याकुमारी भाग-१

इस पृथ्वी पर भूमि का प्रमाण ३०% है और जल का प्रमाण ७०% है, यह हम स्कूल में पढते ही हैं। पृथ्वी पर जल अधिक प्रमाण में है इस बात का अनुभव हम कर सकते हैं, भारत के दक्षिणी छोर पर। पृथ्वी पर सागर, उपसागर, महासागर आदि विभिन्न रूपों में जल रहता है। क्या कभी […]

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चेन्नई (भाग-१)

चेन्नई (भाग-१)

दूर-दूर तक फैले  हुए सागर के किनारे और मन्दिरों के ऊँचे एवं विशाल गोपुर इस प्रकार का चित्र यदि मन के सामने उभरकर आता है, तो निश्चित ही याद आती है दक्षिणी भारत की और दक्षिणी भारत का नाम लेते ही इडली-वडा-डोसा इनसे लेकर फ़िल्टर कॉफी तक के रसना को तृप्त करनेवाले पदार्थ भी याद […]

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