सरदार पटेल इनके स्टैचू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण

अहमदाबाद – नर्मदा पर सरदार सरोवर के डैम के पास निर्माण हुए लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल इनके १८२ मीटर ऊंचाई के सबसे ऊंचे प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके हाथों लोकार्पण किया गया है। सरदार पटेल ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश को एकसंघ करने के लिए दिए अतुलनीय योगदान की पहचान रखते हुए उनके इस भव्य मूर्ति को स्टैचू ऑफ यूनिटी यह समर्पक नाम दिया गया है।

गुजरात के नर्मदा जिले में नर्मदा नदी के पात्र में स्टैचू ऑफ यूनिटी निर्माण किया गया है और यह दुनिया के सबसे ऊंची मूर्ति ठहरी है। अमरिका की स्टैचू ऑफ लिबर्टी से स्टैचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई दुगनी होकर यह स्थापत्य कला का सबसे बेहतर नमूना माना जा रहा है। सतपुड़ा के पर्वत रेखा से आनेवाली हवा और तापमान की स्थिति का पूर्ण अभ्यास करके स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया गया है।

५ वर्ष में इस प्रतिमा निर्माण हुआ है। २१ अक्टूबर २०१३ के रोज इसका भूमिपूजन किया गया था। यह भव्य प्रतिमा निर्माण करने के लिए आवश्यक पोलाद एवं देशभर में मां की मिट्टी देने का आवाहन देश भर की जनता को किया गया था। इसके लिए विशेष मुहिम कार्यान्वित की गई। हजारों किसानों ने खेत में उपयोग किये अपने लोहे के औजार इस प्रतिमा के लिए दिए हैं। देशभर से जमा हुए इस लोहे से इस भव्य प्रतिमा की नींव तैयार की गई है।

स्टैचू ऑफ यूनिटी के निर्माण के लिए २५००० टन लोहा और ९०००० टन सीमेंट का उपयोग किया गया है और इसके लिए २९८९ करोड़ रुपए खर्च हुआ है। इस प्रतिमा के निर्माण के लिए ढाई हजार कर्मचारी काम कर रहे थे। इस प्रतिमा का अनावरण करने का भाग्य मिला है, इसपर प्रधानमंत्री मोदी ने आनंद व्यक्त किया है। भारत के विविधता को सरदार पटेल ने भारत की शक्ति बनाया है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है। सरदार पटेल ना होते तो सोरटी सोमनाथ की यात्रा अथवा हैदराबाद की चारमीनार देखने के लिए वीजा निकालना पड़ता है, ऐसे चुनिंदा शब्दों में प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल ने किये कार्य का महत्व कथित किया है।

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